Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 2 जीवन

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 2 जीवन Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 2 जीवन

5th Standard Hindi Digest Chapter 2 जीवन Textbook Questions and Answers

1. पढ़ो और गाओ

प्रश्न 1.
अपनी दिनचर्या बनाओ और सुनाओ ।

प्रश्न 2.
तुम्हारी माँ तुम्हारे लिए क्या-क्या करती हैं, बताओ।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 2 जीवन

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 2 जीवन Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
आप सुबह कितने बजे उठते हैं?
उत्तर:
हम सुबह छह बजे उठते हैं।

प्रश्न 2.
आपके पिताजी दफ्तर कितने बजे जाते हैं?
उत्तर:
मेरे पिताजी सुबह सात बजे दफ्तर जाते हैं।

प्रश्न 3.
आपकी माँ आपके लिए क्या-क्या करती हैं, बताओ?
उत्तर:
हमारी माँ हमारे लिए खाना बनाती हैं। हमें स्कूल के लिए तैयार करती हैं। जब हम बीमार होते हैं, तब हमारा ध्यान रखती हैं।

प्रश्न 4.
हमें क्या करने से पद और नाम मिलता है?
उत्तर:
हमें मेहनत करने से पद और नाम मिलता है।

प्रश्न 5.
हमें सबको दिल से क्या करना चाहिए?
उत्तर:
हमें सबको दिल से प्रणाम करना चाहिए।

प्रश्न 6.
क्या आपकी माताजी दफ्तर जाती हैं?
उत्तर:
मेरी माताजी दफ्तर नहीं जाती हैं, वे स्कूल में बच्चों को पढ़ाने जाती हैं।

प्रश्न 7.
आपका परिवार एकल है या संयुक्त?
उत्तर:
हमारा परिवार संयुक्त परिवार है।

प्रश्न 8.
हमें कैसे काम करना चाहिए?
उत्तर:
हमें मिल-जुलकर काम करना चाहिए।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 2 जीवन

प्रश्न 9.
हमें सबको कैसा मानना चाहिए?
उत्तर:
हमें सबको अपने जैसा मानना चाहिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए:

प्रश्न 1.
जीवन किसका नाम है?
उत्तर:
जीवन चलने का नाम है।

प्रश्न 2.
हमें क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर:
हमें कभी विश्राम नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 3.
आसमान का हृदय कैसा है?
उत्तर:
आसमान का हृदय विशाल है।

प्रश्न 4.
मीठी बोली किसके जैसी होनी चाहिए?
उत्तर:
मीठी बोली माँ के जैसी होनी चाहिए।

प्रश्न 5.
मन में कैसे विचार होने चाहिए?
उत्तर:
मन में सच्चे, उच्च विचार होने चाहिए।

प्रश्न 6.
जो हमेशा चलता है, उसे क्या मिलता है?
उत्तर:
जो हमेशा चलता है, उसे पद और नाम मिलता है।

प्रश्न 7.
प्रकृति के किन तत्वों से हमें चलने की प्रेरणा मिलती है?
उत्तरः
प्रकृति के सूरज, नदी, धरती, आसमान सभी से हमें चलने की प्रेरणा मिलती है।

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प्रश्न 8.
हमेशा चलने का अर्थ क्या है?
उत्तर:
हमें हमेशा कुछ ना कुछ कार्य करते रहना चाहिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए:

प्रश्न 1.
हमें सागर से क्या सीखना चाहिए?
उत्तर:
लहराना।

प्रश्न 2.
हमें किसके जैसा सहनशील बनना चाहिए?
उत्तर:
धरती।

प्रश्न 3.
कौन रुकने का नाम नहीं लेता?
उत्तर:
घड़ी।

प्रश्न 4.
हमें किसके जैसा ऊपर उठना चाहिए?
उत्तर:
सूरज।

प्रश्न 5.
हमें कण-कण में क्या देखना चाहिए?
उत्तर:
अपनत्व।

प्रश्न 6.
छात्रों को हमेशा किस पर ध्यान देना चाहिए?
उत्तर:
पढ़ाई पर।

प्रश्न 7.
हमेशा कार्य करने से क्या नहीं आएँगी?
उत्तर:
कठिनाइयाँ।

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4. निम्नलिखित पंक्तियों को पूर्ण कीजिए:

प्रश्न 4.
निम्नलिखित पंक्तियों को पूर्ण कीजिए:
1. घड़ी सदा ……………..
………….. नहीं लेती नाम,
2. जो चलता …………………
मेहनत कर …………………
3. माँ जैसी …………………..
…………………… उच्च विचार।
4. जीवन है ……….
…………. नहीं विश्राम।।
उत्तर:
1. टिक-टिक करती,
रुकने का
2. वह आगे बढ़ता,
पाता पद नाम
3. हो मीठी बोली,
मन में सच्चे
4. चलने का नाम।
करना कभी

प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

  1. जीवन है …………. का नाम।
  2. लहराना ……………. से सीखो।
  3. सहनशील बन …………… जैसे।
  4. माँ जैसी हो ……………. बोली।
  5. करना कभी नहीं …………….

उत्तर:

  1. चलने
  2. सागर
  3. धरती
  4. मीठी
  5. विश्राम

प्रश्न 6.
इस कविता में घड़ी, सूरज, सागर, धरती सबसे हमने कुछ सीखा है। कुछ अन्य चीज़ों या लोगों के बारे में लिखो, जो हमें कुछ ना कुछ सिखाते हैं: (नदी, महान व्यक्ति, पेड़)
उत्तर:
नदी – हमेशा बहती रहती है और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है, इसलिए हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना है।
महान व्यक्ति – इनसे हम सीखते हैं , किस प्रकार अच्छे कार्य करके नाम कमाना चाहिए।
पेड़ – पेड़ अपना फल खुद नहीं खाते। अपनी छाया में खुद
नहीं बैठते। इसी तरह हमें भी दूसरों के काम आना चाहिए।

प्रश्न 7.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ)(ब)
1. मोहनदास करमचंद गाँधी(क) मिसाइल मैन ऑफ इंडिया
2. सरदार वल्लभ भाई पटेल(ख) बर्ड मैन ऑफ इंडिया
3. सालिम अली(ग) लौह पुरुष
4. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम(घ) महात्मा, बापूजी

उत्तर:

(अ)(ब)
1. मोहनदास करमचंद गाँधी(घ) महात्मा, बापूजी
2. सरदार वल्लभ भाई पटेल(ग) लौह पुरुष
3. सालिम अली(ख) बर्ड मैन ऑफ इंडिया
4. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम(क) मिसाइल मैन ऑफ इंडिया

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 2 जीवन

व्याकरण:

प्रश्न 1.
समान अर्थवाले शब्द लिखिए:

  1. जीवन
  2. विश्राम
  3. सदा
  4. अपनत्व
  5. प्रणाम
  6. विशाल
  7. धरती
  8. उच्च

उत्तर:

  1. ज़िंदगी
  2. आराम
  3. हमेशा
  4. अपनापन
  5. नमस्कार
  6. बड़ा
  7. भूमि
  8. ऊँचा

प्रश्न 2.
विपरीत अर्थवाले शब्द लिखिए:

  1. चलना
  2. आगे
  3. ऊपर
  4. मेहनती
  5. मीठा
  6. सच्चा
  7. उच्च
  8. विश्राम
  9. आसमान
  10. जाना

उत्तर:

  1. रुकना
  2. पीछे
  3. नीचे
  4. आलसी
  5. कड़वा
  6. झूठा
  7. निम्न
  8. परिश्रम
  9. ज़मीन
  10. आना

प्रश्न 3.
लयात्मक शब्द लिखिए:

  1. नाम
  2. बढ़ना
  3. प्रणाम
  4. विचार

उत्तर:

  1. काम
  2. पढ़ना
  3. सलाम
  4. प्रचार

प्रश्न 4.
शब्दों से वाक्य बनाइए:

  1. जीवन
  2. विश्राम
  3. घड़ी
  4. सूरज
  5. प्रणाम
  6. मेहनत

उत्तर:

  1. जीवन चलने का नाम है।
  2. हमें कभी भी विश्राम नहीं करना चाहिए।
  3. घड़ी हमें समय बताती है।
  4. सूरज से हमें रोशनी मिलती है।
  5. सभी को प्रणाम करना अच्छी आदत है।
  6. हमेशा मेहनत से हर काम करना चाहिए।

जीवन Summary in Hindi

कविता का भावार्थ:

प्रस्तुत कविता में जीवन जीने की कला के बारे में बताया गया है। जीवन सदा ही चलता रहता है, इसलिए हमें कभी विश्राम नहीं करना चाहिए। जिस प्रकार घड़ी हमेशा टिक-टिक करती रहती है, उसी प्रकार हमें भी आगे बढ़ना है। सूरज के समान हमें ऊपर उठना चाहिए। हमें सागर की तरह लहराना और आसमान के जैसा विशाल हृदय रखना चाहिए। धरती की तरह सहनशील बनकर – मिलजुल कर काम करना चाहिए, क्योंकि जो चलता रहता है, वही आगे बढ़ता है। हमारी बोली माँ के समान मीठी होनी चाहिए। मन में सदैव उच्च विचार रहने चाहिए। हमें अपने समान ही सब को समझना चाहिए। हमारे मन में सदैव सेवा का भाव रहना चाहिए। हमें दूसरों की सहायता के लिये सदैव तत्पर रहना चाहिए। इस परिश्रम से हमें पीछे नहीं हटना चाहिए, तभी हमारा जीवन सार्थक होगा।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 2 जीवन

शब्दार्थ:

  1. विश्राम – आराम (rest)
  2. अपनत्व – अपनापन (belongingness)
  3. विशाल – बहुत बड़ा (very big)
  4. सहनशील – सहने की शक्ति (tolerant)
  5. पद – पदवी (post)
  6. सदा – हमेशा (always)
  7. सागर – समुद्र (sea)
  8. मेहनत – श्रम (hard work)
  9. सेवा – मदद (help)
  10. हृदय – दिल (heart)
  11. उच्च – ऊँचा (high)

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati पुनरावर्तन २ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions पुनरावर्तन २

5th Standard Hindi Digest पुनरावर्तन २ Textbook Questions and Answers

1. सुनो और दोहराओ:

बैल-बेल, ढाल-गढ़, ओज-भोज, रंग-रग, तमिळ-कमल, साड़ी-कढ़ी, छत-छत्र, विज्ञान-विज्ञापन, रिपु-ऋतु, गौरी-कसौटी, झाँझ-साँझ, चाभी-दीया, हाल-हॉल, साल-शॉल, तृण-हृदय, पेड़-डमरू।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २

2. परीक्षा के समय अचानक तुम्हारा पेन खराब हो जाए, तो तुम क्या करोगे?

प्रश्न 1.
परीक्षा के समय अचानक तुम्हारा पेन खराब हो जाए, तो तुम क्या करोगे?
उत्तर:
तो मैं हमेशा परीक्षा में दो-चार पेन साथ रखता/रखती हूँ। एक खराब हो गया तो दूसरा उपयोग करूँगा/ करूँगी।

3. अनुरेखन करो और पढ़ो:

4. ध्यान से देखिए और पत्तों के आधार पर पौधों / वृक्षों के नाम लिखिए।

प्रश्न 1.
ध्यान से देखिए और पत्तों के आधार पर पौधों / वृक्षों के नाम लिखिए।
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २ 1
उत्तर:
आम, पीपल, कमल, केला, गुलाब, नीम।

5. पुस्तक मेले में जाकर पुस्तकों का निरीक्षण करो और उनपर चर्चा करो ।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions पुनरावर्तन २ Additional Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नांकित चित्रों के नाम लिखो:
उत्तर:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २ 2
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २ 3
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २ 4
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २ 5
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २ 6

प्रश्न 2.
अर्थपूर्ण शब्द तैयार कीजिए:

  1. ल द बा
  2. अं र गू
  3. नी स न स
  4. म की ह
  5. ल व के
  6. ज ना अ

उत्तर:

  1. बादल
  2. अंगूर
  3. सनसनी
  4. हकीम
  5. केवल
  6. अनाज

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २

प्रश्न 3.
सही मात्रा वाले शब्द पर बनाइए।

  1. सुरज / सूरज
  2. तीतली / तितली
  3. पंख / पँख
  4. कृष्ण / क्रष्ण
  5. तर्क / तक
  6. सौ । सो
  7. किसान / कीसान
  8. दरशन / दर्शन

उत्तर:

  1. (सूरज)
  2. (तितली)
  3. (पंख)
  4. (कृष्ण)
  5. (तर्क)
  6. (सौ)
  7. (किसान)
  8. (दर्शन)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों को वर्णक्रम के अनुसार लिखिए:

  1. ओखली
  2. गंगा
  3. उदार
  4. ऊपर
  5. इमारत

उत्तर:

  1. इमारत
  2. उदार
  3. ऊपर
  4. ओखली
  5. गंगा

प्रश्न 5.
मुझे पहचानो और लिखोः

  1. मैं एक दिन हूँ। मेरा दिन आता है, तब आपको छुट्टी मिलती है।
  2. मुझे रंग बिरंगे पंख मिले हैं।
  3. मैं कीचड़ में उगता हूँ। मैं एक फूल हूँ।
  4. मैं जंगल का राजा कहलाता हूँ।
  5. मैं बहुत मीठा गाती हूँ। आम की डाल मेरा बसेरा है।

उत्तर:

  1. रविवार
  2. तितली
  3. कमल
  4. शेर
  5. कोयल

प्रश्न 6.
सही जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ)(ब)
1. दूल्हा(अ) गाय
2. बूढ़ा(आ) पत्नी
3. चिड़ा(इ) बुढ़िया
4. पति(ई) चिड़िया
5. बैल(उ) दुल्हन

उत्तर:

(अ)(ब)
1. दूल्हा(उ) दुल्हन
2. बूढ़ा(इ) बुढ़िया
3. चिड़ा(ई) चिड़िया
4. पति(आ) पत्नी
5. बैल(अ) गाय

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions पुनरावर्तन २

प्रश्न 7.
सही जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ)(ब)
1. बच्चा(अ) थालियाँ
2. किताब(आ) कमरे
3. खिड़की(इ) किताबें
4. कमरा(ई) खिड़कियाँ
5. थाली(उ) बच्चे

उत्तर:

(अ)(ब)
1. बच्चा(उ) बच्चे
2. किताब(इ) किताबें
3. खिड़की(ई) खिड़कियाँ
4. कमरा(आ) कमरे
5. थाली(अ) थालियाँ

प्रश्न 8.
खाली जगह में सही शब्द लिखिए:

  1. सूरज ………….. रहा है।
  2. ड्राइवर गाड़ी …………. रहा है।
  3. बतख …………. रही है।
  4. माँ खाना ………….. रही है।

उत्तर:

  1. निकल
  2. चला
  3. तैर
  4. बना

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Solutions Anand Chapter 8 मनसः स्वच्छता Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

Sanskrit Anand Std 9 Digest Chapter 8 मनसः स्वच्छता Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
निद्रा कदा उत्तमा भवति?
उत्तरम् :
शरीरं मन: च स्वच्छे तर्हि निद्रा उत्तमा भवति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

प्रश्न 2.
स्नानेन किं भवति?
उत्तरम् :
स्नानेन शरीरं स्वच्छं, सतेजः, लघुभारमिव च भासते।

प्रश्न 3.
कदा प्रार्थनां बदामः?
उत्तरम् :
रात्रौ निद्रायाः पूर्व प्रार्थनां वदामः ।

प्रश्न 4.
माता श्यामस्य चरणौ केन मार्जयति?
उत्तरम् :
माता श्यामस्य चरणौ शाटिकाशलेन मार्जयति।

प्रश्न 5.
वयं प्रतिदिनं किमर्थ प्रयतामहे ?
उत्तरम् :
वयं पावित्र्यार्थ, स्वच्छतायै प्रतिदिनं प्रयतामहे ।

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2. माध्यमभाषया लिखत।

प्रश्न 1.
मनसः स्वच्छताविषये माता श्यामं कथं बोधितवती?
उत्तरम् :
‘श्यामची आई’ या पुस्तकातील कथेवर आधारित ‘मनस: स्वच्छता’ या पाठात मनाची शुद्धता व आत्मिक समाधान यावर भाष्य केले आहे. श्याम शारीरिक स्वच्छतेबद्दल खूप जागरुक होता. तो लहानपणापासून दररोज न चुकता दोनदा आंघोळ करीत असे. एकदा संध्याकाळी खेळून आल्यावर श्यामने आंघोळ केली.

आईने त्याचे अंग नेहमीप्रमाणे पदराने स्वच्छ पुसले नंतर तिने श्यामला देवपूजेसाठी फुले आणण्यासाठी जा असे सांगितले पण श्याम म्हणाला, ‘माझे तळवे ओले आहेत त्यांना माती लागेल. तू आधी मोझे तळवे पूस. आईने श्यामचे तळवे पुसले. श्याम फुले घेऊन आल्यावर आई त्याच्याजवळ गेली आणि म्हणाली, ‘श्याम पायाला माती लागू नये, म्हणून जसे जपतोस तसेच मनाला मळ लागू म्हणून सुध्दा जप! देवाकडे प्रार्थना कर, शुद्ध बुद्धी दे!’ श्यामचा शरीर स्वच्छ ठेवण्याचा हट्ट बघून आईला कौतुक वाटलेच पण ही संधी साधून तिने श्यामच्या कोवळ्या मनावर एक सुंदर विचार बिंबवला. शरीराप्रमाणेच आपले मन स्वच्छ ठेवणे गरजेचे आहे. श्यामच्या आईने श्यामला दिलेला हा विचार सर्वांनीच आचरणात आणायला हवा.

In the lesson ‘मनसः स्वच्छता।’ Shyam’s mother has given him the moral about purity of mind. Shyam was very keen about his physical cleanliness. He used to take a bath twice a day without fail ever since his childhood.

Once he came home and took bath after playing in the evening. His mother wiped his body clean as she used to do every day. Then she asked Shyam to bring some flowers for worship.

He refused to keep his feet on soil fearing his wet feet would get dirty. Mother spreaded her pallu on the floor then Shyam dried his feet went. After getting the flowers, he came to his mother.

That time his mother told his that just as you take care of your feet not to get dirty also take care about purity of mind. Pray to God for a pure mind. In this way, with the instance of Shyam’s own habit physical cleanliness, mother enlightens Shyam to strive for purity of the mind.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

3. अ. सन्धिविग्रहं कुरुत ।

प्रश्न 1.

  1. लघुभारमिव
  2. इत्यपि
  3. इतोऽपि
  4. तथैव
  5. कदापि

उत्तरम् :

  1. लघुभारमिव – लघुभारम् + इव।
  2. इत्यपि – इति + अपि।
  3. इतोऽपि – इत: + अपि।
  4. तथैव – तथा + एव।
  5. कदापि – कदा + अपि।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

आ. वर्णविग्रहं कुरुत।

प्रश्न 1.
1. पादतलौ
2. स्नानस्य
उत्तरम् :
1. पादतलौ – प् + आ + द् + अ + त् + अ + ल् + औ।
2. स्नानस्य – स् + न् + आ + न् + अ + स् + य् + अ ।

इ. विशेषण-विशेष्य-सम्बन्धः।

प्रश्न 1.

विशेष्यम्विशेषणम्
पादतलौसतेजः
अभ्यासःमलिनम्
मनःआर्द्रो
शरीरम्उत्तमः

उत्तरम् :

विशेष्यम्विशेषणम्
पादतलौआर्द्रो
अभ्यासःउत्तमः
मनःमलिनम्
शरीरम्सतेजः

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

4. समानार्थकशब्दयुग्मं चिनुत ।
शरीरम्, मृत्तिका, चरणौ, मित्रम्, मनः, मृद्, सुहृद्, चित्तम्, पादी, देहः

प्रश्न 1.
शरीरम्, मृत्तिका, चरणौ, मित्रम्, मनः, मृद्, सुहृद्, चित्तम्, पादी, देहः
उत्तरम् :

  • शरीरम् – तनुः, कायः, देहः
  • मृत्तिका – मृद्।
  • चरणौ – पादौ।
  • सुहृद् – मित्रम्, वयस्यः, सखा।
  • मन: – चित्तम्, चेतः, अन्त:करणम्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

5. विरुद्धार्थक शब्द लिखत ।
पवित्रम्, शुष्कम्, नीचैः, स्वच्छम्, अधिकम्, सत्वरम् ।

प्रश्न 1.
पवित्रम्, शुष्कम्, नीचैः, स्वच्छम्, अधिकम्, सत्वरम् ।
उत्तरम् :

  • पवित्रम् × अपवित्रम्, मलिनम्।
  • शुष्कम् × आर्द्रम्।
  • नीचैः × उच्चैः।
  • स्वच्छम् × अस्वच्छम् ।
  • अधिकम् × स्वल्पम्, न्यूनम् ।
  • सत्वरम् × शनैः।

6. उपपदविभक्तिं योजयत ।

प्रश्न 1.
1. …………. पूर्वं वयं प्रार्थनां वदामः । (निद्रायाः/निद्रायै)
2. एकदा नित्यमिव खेलित्वा अहं ………. आगतः। (गृहे/गृहम्)

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7. उचितं कारणं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।।

प्रश्न 1.
मात्रा स्वशाटिका आर्द्रा कृता यतः …..।
अ) सा वर्षायां क्लिन्ना।
आ) तेन पुत्रेच्छा पूर्णा भवेत्।
उत्तरम् :
आ) तेन पुत्रेच्छा पूर्णा भवेत्।

Sanskrit Anand Class 9 Textbook Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता Additional Important Questions and Answers

उचितं पर्यायं चिनुत ।

प्रश्न 1.

  1. बाल्यादेव ……… स्नानं करोमि स्म। (त्रिवार, द्विवार)
  2. ……… निद्रायाः पूर्व प्रार्थना करणीया। (दिने, रात्रौ)
  3. अहं ……… आगत्य स्नानार्थं गतवान् । (गृहे / गृहम्)
  4. सायङ्कालस्य स्नानार्थं ……… जलस्य आवश्यकता न भवति। (अधिकं / अधिकस्य)
  5. ………… पुष्पाणि आनय। (देवपूजार्थं / देवपूजया)
  6. मम………… आज़े। (पादतलं / पादतलौ)
  7. ………… पाषाणे विस्तारय। (वस्त्रं / शाटिकाञ्चल)
  8. मातुः वस्त्रम् ………… अभवत्। (शुष्कम् / आम्)

उत्तरम् :

  1. द्विवारं
  2. रात्रौ
  3. गृहम्
  4. अधिकस्य
  5. देवपूजार्थम्
  6. पादतलौ
  7. शाटिकाञ्चलम्
  8. आर्द्रम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
मनसः स्नानं नाम किम्?
उत्तरम् :
निद्रायाः पूर्वं कृता प्रार्थना नाम मनसः स्नानम्।

प्रश्न 2.
श्यामः कतिवारं स्नानं करोति स्म?
उत्तरम् :
श्यामः द्विवारं स्नानं करोति स्म।

प्रश्न 3.
कस्य स्नानस्य कृते अधिकस्य जलस्य आवश्यकता नास्ति?
उत्तरम् :
सायङ्कालस्य स्नानस्य कृते अधिकस्य जलस्य आवश्यकता नास्ति।

प्रश्न 4.
श्यामस्य माता कश्यं तस्य शरीरं मार्जयति स्म?
उत्तरम् :
श्यामस्य माता स्वशाटिकया तस्य शरीर मार्जयति स्म।

प्रश्न 5.
मात्रा किमर्थ स्वशाटिका आाकृता?
उत्तरम् :
मात्रा पुत्रेच्छा पूर्णा भवेत् एतदर्थ स्वशाटिका आर्द्राकृता।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

प्रश्न 6.
माता किं गृहीत्वा आगतवती?
उत्तरम् :
माता दीपं गृहीत्वा आगतवती।

प्रश्न 7.
वस्त्रस्वच्छतार्थ किम् अस्ति?
उत्तरम् :
वस्त्रस्वच्छतार्थ क्षालनचूर्णम् अस्ति।

प्रश्न 8.
शरीरस्वच्छतार्थ किम् अस्ति?
उत्तरम् :
शरीरस्वच्छतार्थ चन्दनफेनकानि अस्ति।

प्रश्न 9.
सर्वे किमर्थं प्रयत्नं कुर्वन्ति?
उत्तरम् :
शरीरं वस्त्राणि च मलिनानि न भवन्तु अत: सर्वे प्रयत्न कुर्वन्ति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

सत्यं वा असत्यं लिखत।

प्रश्न 1.

  1. श्यामः बाल्ये एकवारमेव स्नानं करोति स्म।
  2. द्विवारं सानस्य अभ्यास: उत्तमः।
  3. निद्रायाः पूर्वं स्नानं कृतं चेत् शरीरं बहुभारमिव भासते।
  4. निद्रायाः पूर्व स्नानं कृतं चेत् शरीरं स्वच्छं भवति।
  5. निद्रायाः पूर्व स्नानं कृतं चेत् शरीरं सतेजः भवति।
  6. प्रार्थना नाम शरीरस्य स्नानम् ।
  7. शरीरमनसो: स्वच्छतया निद्रा उत्तमा भवति।
  8. मातुः वस्त्रं शुष्कम् अभवत्।
  9. मात्रा शाटिकाञ्चलं विस्तारितम्।
  10. माता श्यामस्य अङ्गं न मार्जितवती।
  11. मात्रा शाटिकापरिवर्तनं कर्तुं शक्यते।
  12. माता पुत्रार्थ किमपि न करोति।
  13. वयं प्रतिदिनं स्वच्छतार्थ प्रयतामहे ।
  14. वयं मनसः स्वच्छतायै न प्रयतामहे।
  15. शरीरस्वच्छतायै क्षालनचूर्णम् अस्ति।

उत्तरम् :

  1. असत्यम्
  2. सत्यम्
  3. असत्यम्
  4. सत्यम्
  5. सत्यम्
  6. असत्यम्
  7. सत्यम्
  8. असत्यम्
  9. सत्यम्
  10. असत्यम्
  11. असत्यम्
  12. असत्यम्
  13. सत्यम्
  14. सत्यम्
  15. असत्यम्

कः कं वदति।

प्रश्न 1.
“शुष्कय मे अङ्गम्।”
उत्तरम् :
श्याम: मातरं वदति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

प्रश्न 2.
“जलं समाप्त, सत्वरं शुष्कय मे अङ्गम्’
उत्तरम् :
श्याम: मातरं वदति।

प्रश्न 3.
“बाल्यादेव द्विवारं स्नानं करोमि स्म अहम् ।”
उत्तरम् :
श्यामः सर्वान् वदति।

प्रश्न 4.
“देवपूजार्थं पुष्पाणि आनय।”
उत्तरम् :
माता श्यामं वदति।

प्रश्न 5.
“मम पादतलौ अपि स्वच्छीकुरु।”
उत्तरम् :
श्याम : मातरं वदति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 8 मनसः स्वच्छता

प्रश्न 6.
“अधुना केन वस्रेण मार्जयामि।”
उत्तरम् :
माता श्यामं वदति।

प्रश्न 7.
“तव शाटिकाञ्चलं पाषाणे विस्तारय।”
उत्तरम् :
श्याम: मातरं वदति।

प्रश्न 8.
“प्रार्थय देवं शुद्धबुद्ध्यर्थम्।”
उत्तरम् :
माता श्यामं वदति।

प्रश्न 9.
“मन: मलिनं न भवतु एतदर्थम् अपि प्रयतस्व।”
उत्तरम् :
माता श्यामं वदति।

उचितं कारणं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

प्रश्न 1.
रात्रौ निद्रायाः पूर्व स्नानं करणीयम् यतः ……….।
a. शरीरं स्वच्छं, सतेज: लघुभारमिव भासते।
b. प्रार्थना करणीया।
उत्तरम् :
रात्रौ निद्रायाः पूर्व स्नानं करणीयं यतः शरीरं स्वच्छं, सतेज: लघुभारमिव भासते।

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प्रश्न 2.
निद्रायाः पूर्व प्रार्थना करणीया, यतः ……….।
a. शरीरं स्वच्छं भवति।
b. मनः स्वच्छं भवति।
उत्तरम् :
निद्रायाः पूर्व प्रार्थना करणीया, यत: मन: स्वच्छं भवति।

शब्दस्य वर्णविग्रहं कुरुत।

  • निद्रायाः – न् + इ + द् + र + आ + य् + आः।
  • प्रार्थनाम् – प् + र + आ + र + थ् + अ + न् + आ + म्।
  • स्व च्छे – स् + व् + अ + च + छ् + ए।
  • खेलित्वा – + ए + ल् + इ + त् + व् + आ।
  • गृहम् – ग् + ऋ + ह् + अ् + म्।
  • सायकालस्य – स् + आ + य् + अ + ङ् + क् + आ + ल + अ + स् + य् + ।
  • शुष्कय – श् + उ + ष् + क् + अ + य् + अ। .
  • अङ्गम् – अ + इ + ग् + अ + म्।
  • समाप्तम् – स् + अ + म् + आ + प् + त् + अ + म्।
  • उच्चैः – उ + च् + च् + ऐः।
  • मार्जयति – म् + आ + र + ज् + अ + य् + अ + त् + इ।
  • पुष्पाणि – प् + उ + ष् + प् + आ + ण् + इ।
  • आर्द्रम् – आ + र + द् + र + अ + म्।
  • मृत्तिकया – म् + ऋ + त् + त् + इ + क् + अ + य् +आ।
  • भविष्यत: – भ + अ + व + इ + ष् + य् + अ + त् + अः।
  • तर्हि – त् + अ + र + ह् + इ।
  • वखम् – व् + अ + स् + त् + र् + अ + म्।
  • उक्त्वा – उ + क् + त् + व् + आ।
  • मात्रा – म् + आ + त् + र + आ।
  • तस्मिन् – त् + अ + स् + म् + इ + न्।
  • कर्तुम् – क् + अ + र् + त् + उ + म्।
  • पुत्रेच्छा – प् + उ + त् + र् + ए + च् + छ + आ।
  • गृहीत्वा – ग् + ऋ + ह् + ई + त् + व् + आ।
  • प्रयतस्व – प् + र + अ + य् + अ + त् + अ + स् + व् + अ।
  • शब्दाः – श् + अ + ब् + द् + आः।
  • प्रयत्नम् – प् + र + य् + अ + त् + न् + अ + म्।

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प्रश्ननिर्माणं कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. द्विवारं स्नानस्य अभ्यासः उत्तमः।
  2. निद्रायाः पूर्वं प्रार्थना करणीया।
  3. शरीरः मनः च स्वच्छे तर्हि निद्रा उत्तमा भवति ।
  4. पूजार्थं पुष्पाणि आवश्यकानि।
  5. पादतलौ आद्रौं स्तः।
  6. मृत्तिकया पादतलौ मलिनौ भविष्यतः।
  7. शाटिकाचलं पाषाणे विस्तारय।
  8. शाटिकापरिवर्तनं कर्तुं न शक्यते।
  9. मन: मलिनं न भवतु एतदर्थं प्रयतस्व।
  10. प्रार्थय देवं शुद्धबुर्ध्वम्।

उत्तरम् :

  1. द्विवारं स्नानस्य अभ्यास: कीदृशः?
  2. निद्रायाः पूर्व का करणीया?
  3. निद्रा कदा उत्तमा भवति?
  4. किमर्थं पुष्पाणि आवश्यकानि?
  5. को आज़े स्त:?
  6. कया पादतलौ मलिनौ भविष्यतः?
  7. शाटिकाञ्चलं कुत्र विस्तारय?
  8. किं कर्तुं न शक्यते?
  9. किं मलिनं न भवतु एतदर्थं प्रयतस्व?
  10. किमर्थं देवं प्रार्थय?

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विशेषण-विशेष्य-सम्बन्धः।

प्रश्न 1.

विशेष्यम्विशेषणम्
शुष्कीचरणौ
आर्दम्वखम्
आर्द्रास्वशाटिका
मधुरा:शब्दाः
पूर्णावस्त्राणि
मलिनानिपुत्रेच्छा

उत्तरम् :

विशेष्यम्विशेषणम्
शुष्कीचरणौ
आर्दम्वखम्
आर्द्रास्वशाटिका
मधुरा:शब्दाः
पूर्णापुत्रेच्छा
मलिनानिवस्त्राणि

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वान्त/ल्यबन्त/तुमन्त अव्ययानि।

त्वान्त अव्यय धातु + त्वा / ध्वा / ट्वा / ढ्वा / इत्वा अयित्वाल्यबन्त अव्यय उपसर्ग + धातु + य / त्यतुमन्त अव्यय   थातु + तुम् / धुम् / टुम् / ढुम् / इतुम् / अयितुम्
खेलित्वासमाप्य
उक्त्वा
स्थापयित्वा
कारयित्वा
गृहीत्वा

व्याकरणम् :

शब्दानां पृथक्करणम्

नामसर्वनामक्रियापदम्विशेषणम्
बाल्यात्, श्यामेन, कथा, रात्रौ, प्रार्थनाम्, मनसः, जलस्य, शाटिकया, मृत्तिकया, पाषाणे, मात्रा, मनः, देवम्, वस्त्रम्, स्वच्छतायै, चरणौ, पादतलौ, पुष्पाणि, वस्त्राणिअहम्, एतत्, मया, मम-मे, तव – ते, तया, सर्वःकरोमि, भासते, भवति, मार्जयति, अस्ति, असि, शक्यते, करोति, सहते, समर्पयति, प्रयतसे, अभवत्, शुष्कय, आनय, भवेत्, स्तः, भविष्यतः, भवेताम्, कुर्मः, सन्ति, कुर्वन्ति, प्रयतामहेआर्द्रा, मधुराः, मलिनौ, भारकारि, पूर्णा, मलिनानि, उत्तमः, सतेजः, स्वच्छम्, लघुभारम, आर्दी, शुष्कौ, आर्द्रम्

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समासाः।

समासनामअर्थ:समासविग्रहःसमासनाम्
प्रतिदिनम्every dayदिने दिने।अव्ययीभाव समास
स्नानार्थम्for bathस्नानाय इंदम्।चतुर्थी तत्पुरुष समास
स्वशाटिकयाwith own sareeस्वस्य शाटिका, तया।षष्ठी तत्पुरुष समास
शाटिकाञ्चलम्pallu of sareeशाटिकाया: आञ्चलम्षष्ठी तत्पुरुष समास
पूजार्थम्for worshipपूजाय इदम्।चतुर्थी तत्पुरुष समास
पादतलौsurface of feetपादयो: तलौ।षष्ठी तत्पुरुष समास
वस्त्रस्वच्छतार्थम्for cleaning the clothesवस्त्रस्वच्छताय इदम्।चतुर्थी तत्पुरुष समास

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मनसः स्वच्छता Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

प्रख्यात समाजसुधारक आणि लेखक पांडुरंग सदाशिव साने उर्फ सानेगुरुजी यांच्या ‘श्यामची आई’ या आत्मकथनपर पुस्तकातून ही कथा घेतली आहे. मनाच्या स्वच्छतेचे महत्व सांगणारी ही कथा डॉ. मंजूषा कुलकर्णी यांनी संस्कृतात अनुवादित केली आहे. ‘श्यामची आई’ म्हणजे मातृप्रेमाचा आदर्शच.

आजच्या चंगळवादी युगात मनाच्या शुद्धतेचे महत्त्व सांगणारी ही कथा आत्मिक समाधानाकडेही नेणारी आहे. लोक मनाच्या शुद्धतेपेक्षा शरीराच्या स्वच्छतेकडेच जास्त लक्ष देतात. या कथेत श्यामची आई त्याला मनाच्या शुद्धतेचे महत्व पटवून

This story is based on a small extract from a celebrated Marathi story collection ‘श्यामची आई’ by a renowned social activist and author Panduranga Sadashiv Sane popularly known as सानेगुरुजी. This story translated by Dr. Manjusha Kulkarni renders a valuable message about the purity of heart.

‘श्यामची आई’ is a legend of motherhood. In the era of materialistic acquisitions, one really needs this message for inner purity which leads to eternal satisfaction. Generally, people focus on keeping their body clean but they don’t bother much about the purity of the mind and heart. In this story a mother addresses her son and tells him to be keen about the purity of the mind and thoughts.

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परिच्छेद : 1

बाल्यादेव द्विवारं ……………. मार्जयति स्म।

“बाल्यादेव द्विवार स्नान करोमि स्म अहम्।” श्यामेन कथा आरब्धा। “द्विवार स्नानस्य अभ्यासः उत्तमः एव। रात्री निद्रायाः पूर्व स्नानं कुर्मः चेत् शरीरं स्वच्छं, सतेजः, लघुभारमिव च भासते। निद्रायाः पूर्व वयं प्रार्थनां कुर्मः, एतत् भवति मनसः स्नानम्। शरीरं मनः च स्वच्छे तर्हि निद्रा उत्तमा भवति। एकदा प्रतिदिनमिव खेलित्वा अहं गृहम् आगत्य स्नानार्थं गतवान्।

सायकालस्य स्नानार्थम् अधिकस्य जलस्य आवश्यकता न भवति । स्नानं समाप्य मया उक्तम्, “अम्ब, शुष्कय मे अङ्गम्। जलं समाप्त, सत्वरं शुष्कय मे अङ्गम्” इति उच्चैः अवदम् अहम्। सायङ्काले में माता स्वशाटिकया एव मम शरीरं मार्जयति स्म।

अनुवादः

“लहानपणापासूनच मी दोनदा आंघोळ करत असे,” श्यामने गोष्ट सुरु केली. दोनदा आंघोळ करण्याची सवय चांगलीच! रात्री झोपण्यापूर्वी आपण आंघोळ केली तर शरीर स्वच्छ, तेजस्वी आणि हलके वाटते! रात्री झोपण्यापूर्वी आपण प्रार्थना करतो, हे मनाचे सान! शरीर आणि मन स्वच्छ असेल तर झोप कशी गाढ लागते.

एकदा नेहमीप्रमाणे खेळून झाल्यावर घरी आल्यानंतर मी आंघोळीला गेलो. संध्याकाळच्या आंघोळीसाठी जास्त पाण्याची गरज नसते. आंघोळ उरकून मी म्हणालो, “आई! माझे अंग कोरडे कर गं! पाणी संपले. लवकर कोरडे कर माझे अंग!” मी मोठ्याने ओरडू लागलो. संध्याकाळी माझी आई स्वत:च्या साडीनेच माझे अंग पुसत असे.

Shyam started the story, “Since childhood itself, I used to bathe twice a day. Taking a bath twice is indeed a good habit If we take a bath at the night before going to bed, our body remains clean, glowing and seems light. Before sleeping we pray, that itself is cleansing of the mind.

If body and mind are clean, we get sound sleep. Once like every day having come home after playing I went to take a bath. Much water is not needed for the evening bath. After finishing my bath I said, “O mother! please make my body dry. Water is over. Please dry up my body fast!” I shouted loudly. In the evening my mother used to wipe my body with her own saree.

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परिच्छेद : 2

माता आगता, …………… आर्द्रम् अभवत्?

माता आगता, मम अङ्ग मार्जितवती आज्ञां च दत्तवती “देवपूजार्थं पुष्पाणि आनय, श्याम” इति। “मम पादतलौ आद्रौं स्तः। मृत्तिकया मलिनी भविष्यतः। अतः मम पादतली अपि स्वच्छीकुरु।” इति “पादतलौ आद्रौ स्त: तर्हि किं जातं रे श्याम? अधुना केन वस्त्रेण मार्जयामि?” “अम्ब, तव शाटिकाशलं पाषाणे विस्तारय।” श्याम, अतीव हठस्वभावः असि।” इति उक्त्वा मात्रा शाटिकाञ्चल विस्तारितम्। अहं चरणी तदुपरि स्थापयित्वा शुष्कौ कारयित्वा निर्गतवान्। मातु: वस्त्रम् आर्द्रम् अभवत्।

अनुवादः

आई आली. माझे अंग पुसले आणि म्हणाली, “श्याम! देवपूजेसाठी फुले “माझे तळवे ओले आहेत. मातीने खराब होतील. म्हणून माझे तळवे पण स्वच्छ कर!” मी म्हणालो. तळवे ओले असले म्हणून काय झालं रे श्याम? आता कोणत्या कापडाने पुसू?” “आई तुझा पदर दगडावर पसर.” “खूप हट्टी आहेस हो श्याम! असे म्हणून आईने पदर पसरला. मी त्यावर पाय ठेवून कोरडे करून गेलो. आईचा पदर ओला झाला.

Mother came, wiped my body and ordered me, “O Shyam! bring some flowers for worshipping god.” “The soles of my feet are wet. They will get dirty with the mud. Hence wipe my feet too.” “I told mother, So what if your soles get wet Shyam? Now with which cloth should I wipe?” “O mother! spread the pallu of your saree on the rock.”

“OShyam! you are very stubborn!” Saying this the mother spread the pallus of her saree. I went putting my feet on that and drying them. Mother’s saree got wet.

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परिच्छेद : 3

तस्मिन् समये …………….. स्वच्छतायै प्रयतामहे?

तस्मिन् समये तया शाटिकापरिवर्तनं कर्तुं न शक्यते इत्यपि मया न चिन्तितम्। परन्तु पुत्रचरणौ मलिनी न भवेताम, पुत्रेच्छा पूर्णा भवेत् एतदर्थ तया स्वशाटिका आा कृता। माता पुत्रार्थ किं किं न करोति, किं किं न सहते, किं किं न समर्पयति ? अहं गृहस्य अन्तर्भागं गतवान, पूजार्थ पुष्पाणि स्थापितवान्।

माता दीपं गृहीत्वा आगतवती उक्तवती च, “श्याम, चरणी मलिनी न भवतः अतः यथा प्रयतसे तयैव मनः मलिनं न भवतु एतदर्थम् अपि प्रयतस्व। प्रार्थय देवं शुद्धबुद्ध्यर्थम्।” भो मित्राणि, कियन्त; मधुराः शब्दाः! पावित्र्याचं स्वच्छतायै वयं प्रतिदिनं प्रयतामहे । वस्त्रस्वच्छतार्थ क्षालनचूर्णम् अस्ति, शरीरा) चन्दनफेनकानि सन्ति। शरीरं वस्त्राणि च मलिनानि न भवन्तु अत: सर्वे प्रयत्नं कुर्वन्ति । अपि वयं मनसः स्वच्छतायै प्रयतामहे?”

अनुवादः

त्यावेळी तिला साडी बदलणं शक्य नव्हते, याचासुद्धा मी विचार केला नाही. पण मुलाचे पाय खराब होऊ नयेत, मुलाची इच्छा पूर्ण व्हावी म्हणून तिने स्वत:ची साड़ी ओली केली. आई मुलासाठी काय काय नाही करत, काय काय सहन नाही करत, कशाचा त्याग नाही करत. मी घरात गेलो, पूजेसाठी फुले ठेवली.

आई दिवा घेऊन आली आणि म्हणाली, “श्याम, तळवे खराब होऊ नयेत म्हणून जशी काळजी घेतोस, तशीच मनसुद्धा अस्वच्छ होऊ नये म्हणून जप हो! देवाला सांग शुद्ध बुद्धी दे!” मित्रांनो ! किती सुंदर शब्द ! पावित्र्यासाठी, स्वच्छतेसाठी आपण दररोज प्रयत्न करतो. कपडे धुण्यासाठी साबण आहे, शरीरासाठी चंदनाचा साबण आहे. शरीर, कपडे खराब होऊ नयेत म्हणून सगळे प्रयत्न करतात. पण आपण मनाच्या पावित्र्यासाठी झटतो का?

That time I did not even think that it was not possible for her to change the saree. But she let her saree get wet. So that her son’s feet don’t get wet, her son’s wish get fulfilled. What a mother wouldn’t do for her child! What all she bears with! What all she sacrifices.

I went inside the house and put flowers for God’s worship, Mother came with a lamp in her hand and said, “O Shyam! Just as you try for not getting feet dirty, exactly likewise try hard, so that your mind won’t get dirty. Pray to god for pure intellect.

My friends!How sweet words! for purity,cleanliness we try everyday. For cleaning clothes we have detergents, for | (cleaning) body there is sandalwood soap. Everyone tries not to make one’s body and clothes dirty. But do we strive to keep our mind clean/pure?

सन्धिविग्रहः

  • बाल्यादेव – बाल्यात् + एव।
  • प्रतिदिनमिव – प्रतिदिनम् + इव।

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समानार्थकशब्दाः

  • रात्रिः – निशा, शर्वरी, यामिनी।
  • माता – जननी, अम्बा, जन्मदात्री।
  • पुष्पाणि – सुमनानि, कुसुमानि, प्रसूनानि।
  • वस्त्रम् – वासः, वसनम्।
  • इच्छा – आकाङ्क्षा।
  • प्रयत्न: – यत्नः।
  • देवः – ईश्वरः, ईशः।

विरुद्धार्थकशब्दाः

  • रात्रिः × दिनः ।
  • पूर्वम् × पश्चात् ।
  • पूर्णा × अपूर्णा।
  • मधुर: × कटुः/तिक्तः।
  • उपरि × अधः।
  • शुद्धम् × अशुद्धम्।

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शब्दार्थाः

  1. द्विवारम् – twice – दोनदा
  2. आरब्धा – started – सुरु केली
  3. अभ्यास: – practice, habit – पद्धत, सवय
  4. सतेज: – glowing – तेजस्वी, निर्मळ
  5. लघुभारम् – light – हलके
  6. भासते – feels – वाटते
  7. प्रार्थना – prayer – प्रार्थना
  8. मनसः स्नानम् – cleansing of the mind – मनाची आंघोळ/ स्वच्छता
  9. स्नानार्थम् – for bath – आंघोळीकरिता
  10. शुष्कय – please dry – कृपया कोरडे कर
  11. समाप्तम् – over, finished – संपले
  12. स्वशाटिकया – with own saree – स्वत:च्या साडीने
  13. मार्जयति – wipes out – पुसते
  14. देवपूजार्थम् – for worshiping – देवपूजेसाठी
  15. आनय – bring – आण
  16. पादतलौ – surface of feet – तळवे
  17. आर्द्रः – wet, moist – ओले
  18. मृत्तिकया – by soil – मातीने
  19. मलिनी – dirty – मळकट
  20. अत: – hence – म्हणून
  21. अधुना – now – आता
  22. शाटिकाशलम् – pallu of sarees – साडीचा पदर
  23. पाषाणे – on rock – दगडावर
  24. हठस्वभाव: – stubborn – हड़ी
  25. स्थापयित्वा – after putting – ठेवून
  26. पुत्रेच्छा – son’s wish – मुलाची इच्छा
  27. शाटिका – परिवर्तनम् – changing the saree – साडी बदलणे
  28. मधुराः – sweet – गोड
  29. पुत्रार्थम् – for son – मुलासाठी
  30. प्रयतसे – you try – प्रयत्न करतोस
  31. शुद्धबुद्ध्यर्थम् – for pure intellect – शुद्ध बुद्धीसाठी
  32. पावित्र्यार्थम् – for purity – पावित्र्यासाठी
  33. सहते – bears – सहन करते
  34. समर्पयति – sacrifices, gives, offers – समर्पित करते
  35. प्रयतामहे – we try, strive – आपण प्रयत्न करतो
  36. क्षालनचूर्णम् – detergents – कपड्याचा साबण
  37. चन्दनफेनकानि – sandalwood soap – चंदन साबण

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 5 रोबोट Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

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5th Standard Hindi Digest Chapter 5 रोबोट Textbook Questions and Answers

जुड़ें हम:

अध्यापन संकेत: पृष्ठ 33 और 34 पर दी गई संपूर्ण पाठ्यसामग्री का उद्देश्य संयुक्ताक्षरों की पहचान करवाकर वाचन और लेखन कराना है । वर्णों को संयुक्त बनाने के लिए रूप के आधार पर इन्हें तीन भागों तथा ‘र’ को तीन प्रकारों में बाँटा गया है । इन्हें अलग-अलग दिया गया है । शिरोरेखा के नीचे र पूरा होता है।
1. सर्वप्रथम पाठ में आए चित्र के शब्द सुनाकर दोहरवाएँ । मोटे अक्षर के संयुक्ताक्षर को श्यामपट्ट पर लिखकर समझाएँ । सभी संयुक्ताक्षर की पहचान होने तक अभ्यास करवाएँ ।

2. पाठ्यांश पढ़वाकर संयुक्ताक्षरों को रेखांकित करने के लिए कहें । तत्पश्चात विद्यार्थियों से संपूर्ण पाठ्यांश का अनुलेखन करने के लिए कहें । देखें कि विद्यार्थी विरामचिह्नों सहित शुद्ध लेखन करते हैं । विरामचिह्नों-पूर्णविराम, प्रश्नचिह्न, अल्पविराम, विस्मयादिबोधक और अर्धविराम को समझाकर इनके उचित प्रयोग पर बल दें।

3. चित्र दिखाकर और दिए गए शब्दों का प्रयोग कराके एक-एक वाक्य लिखवाएँ ।

4. संयुक्ताक्षर का अभ्यास होने के पश्चात इन पाठ्यांशों का श्रुतलेखन करवाएँ । विरामचिह्नों सहित शुद्ध लेखन पर

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Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 5 रोबोट Additional Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
पहले और बाद में आनेवाले वर्ण लिखिए:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट 1
उत्तर:

  1. अ, र
  2. औ, र
  3. र, ना
  4. ड, रू

प्रश्न 2.
वर्ण जोड़कर शब्द बनाना:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट 2
उत्तर:

  1. झर
  2. घर
  3. डर
  4. चर
  5. मर
  6. पर
  7. कर
  8. भर

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट

प्रश्न 3.
वर्ण जोड़कर शब्द बनाना:

  1. अ + ज + ग + र = ………………………..
  2. आ + म = ………………………….
  3. ई + ख = ………………………
  4. उ + ध + र = ……………………
  5. ऊ + न = ……………………….
  6. ए + क = ……………………….
  7. ऐ + न + क = …………………
  8. ओ + स = ………………………
  9. औ + ष + ध = …………………..
  10. ट + म + ट + म = …………………..
  11. म + ट + र = ………………………..
  12. क + र + व + ट = …………………..
  13. थ + र + म + स = …………………..
  14. फ + ल = ……………………..
  15. क + ल + र + व = …………………..

उत्तर:

  1. अजगर
  2. आम
  3. ईख
  4. उधर
  5. ऊन
  6. एक
  7. ऐनक
  8. ओस
  9. औषध
  10. टमटम
  11. मटर
  12. करवट
  13. थरमस
  14. फल
  15. कलरव

प्रश्न 4.
सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: (गरम, टब, बतख, नल)

  1. रवि …………. बंद कर।
  2. …………. खाना मत खा।
  3. …………….. में पानी भर।
  4. तालाब में ……………. है।

उत्तर:

  1. नल
  2. गरम
  3. टब
  4. बतख

रोबोट Summary in Hindi

पाठ का परिचयः

प्रस्तुत पाठ में रोबोट के चित्र से वर्णमाला की जानकारी दी गई है। साथ ही अनुरेखन द्वारा लेखन का तरीका बताया गया है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट

वर्णमाला:

स्वर:

अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अः

व्यंजन:

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट 3
क ख ग घ ङ च छ ज झ ब ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त थ द ध न । प फ ब भ म । य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ श्र
(-) – इसे अनुस्वार कहते हैं।
(-) – यह चंद्र बिन्दु है।
(:) – यह विसर्ग है।
क्ष, त्र, ज्ञ, श्र संयुक्त व्यंजन हैं। ये दो व्यंजनों से मिलकर बने हैं।
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट 4

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 गाँव और शहर

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 1 गाँव और शहर Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 1 गाँव और शहर

5th Standard Hindi Digest Chapter 1 गाँव और शहर Textbook Questions and Answers

1. देखो और बताओ

प्रश्न 1.
देखो और बताओ

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 गाँव और शहर

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 1 गाँव और शहर Additional Important Questions and Answers

पाठ्यपुस्तक : पृष्ठ 26 और 27 के चित्र को देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए:

प्रश्न 1.
पृष्ठ क्र.26 के चित्र में कहाँ का दृश्य दिखाया गया है?
उत्तर:
गाँव।

प्रश्न 2.
पृष्ठ क्र.27 पर कहाँ का चित्र दिखाई दे रहा है?
उत्तर:
शहर।

प्रश्न 3.
गाँव के चित्र में यातायात के कितने साधन दिखाए गए हैं?
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 4.
गाँव के चित्र में दिखाए गए विद्यालय का नाम क्या है?
उत्तर:
समता।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 गाँव और शहर

प्रश्न 5.
कूड़ादान किसके सामने रखा है?
उत्तर:
कूड़ादान विद्यालय के सामने रखा है।

प्रश्न 6.
चित्र में यातायात के कौन-कौन से साधन दिखाए गए हैं?
उत्तर:
चित्र में यातायात के तीन साधन दिखाये गए हैं – साइकिल, बैलगाड़ी, ट्रैक्टर।

प्रश्न 7.
घर में सभी कैसे कार्य कर रहे हैं?
उत्तर:
घर में सभी मिलजुलकर कार्य कर रहे हैं।

प्रश्न 8.
क्या यह एक प्रगतिशील गाँव का चित्र है? कैसे?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि गाँव में विद्यालय है, बिजली की व्यवस्था है।

प्रश्न 9.
क्या गाँव में हरियाली है? कैसे?
उत्तर:
हाँ, जहाँ-जहाँ ज़रूरी है; वहाँ पेड़ लगे हैं। हरी घास भी है।

पाठ्यपुस्तक : पृष्ठ क्र. 26 एवं 27 को देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
पाठशाला की ओर कितने बच्चे जा रहे हैं?
उत्तर:
पाँच।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 गाँव और शहर

प्रश्न 2.
चित्र में कितनी बकरियाँ दिख रही हैं?
उत्तर:
दो।

प्रश्न 3.
कुएँ के पास क्या रखा है?
उत्तर:
मटके।

प्रश्न 4.
विद्यालय के परिसर में बच्चे किससे खेल रहे हैं?
उत्तर:
गेंद से।

प्रश्न 5.
मुर्गी के चूज़े कितने हैं?
उत्तर:
दो।

प्रश्न 6.
चित्र में कुल कितने प्रकार के जानवर हैं?
उत्तर:
चार।

प्रश्न 7.
साइकिल कौन चला रहा है?
उत्तर:
एक आदमी।

प्रश्न 8.
पहिए से कौन खेल रहा है?
उत्तर:
छोटा लड़का।

प्रश्न 9.
चित्र में कुल कितनी औरतें हैं?
उत्तर:
आठ।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 गाँव और शहर

प्रश्न 10.
चित्र में कुल कितने आदमी हैं?
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 11.
चित्र में कुल कितने बच्चे हैं?
उत्तर:
पन्द्रह।

प्रश्न 12.
शहर के चित्र में दिखाए गए यातायात के साधनों के नाम बताइए।
उत्तर:
बस, रिक्शा, कार, स्कूटर।

प्रश्न 13.
गाँव के चित्र में कौन-कौन से जानवर दिखाई दे रहे हैं?
उत्तर:
मुर्गी, कुत्ता, बकरियाँ तथा बैल।

प्रश्न 14.
गाँव के चित्र में कौन-से वाक्य लिखे हुए है?
उत्तर:
गाँव-शहर की प्रगति, देश की उन्नति तथा स्वच्छ ग्राम, स्वस्थ ग्राम । लिखा हुआ है।

प्रश्न 15.
शहर के चित्र में कौन-से वाक्य लिखे हुए है?
उत्तर:
शुद्ध हवा-पानी का तंत्र, स्वस्थ जीवन का मंत्र, अनुशासन के साथ देश का विकास तथा स्वच्छ नगर, सुंदर नगर।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 गाँव और शहर

प्रश्न 16.
गाँव में किस तरह के घर हैं?
उत्तर:
गाँव में कच्चे घर बने हुए हैं।

प्रश्न 17.
गाँव में लोग किस प्रकार के घरों में रहते हैं?
उत्तर:
शहर में लोग सीमेंटवाले पक्के घरों तथा बड़ी-बड़ी इमारतों में रहते हैं।

3. निम्नलिखित वाक्यों के सामने सही ✓ या गलत ✗ का निशान लगाइए:

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों के सामने सही ✓ या गलत ✗ का निशान लगाइए:

  1. हमें यहाँ-वहाँ कचरा फेंकना चाहिए।
  2. शहर में लोग कच्चे घरों में रहते हैं।
  3. गाँव में पेड़-पौधे अधिक होते हैं, जिससे वातावरण स्वच्छ व शीतल रहता है।
  4. गाँव के चित्र में बिजली के खंभे नहीं हैं।
  5. शहर में अधिक यातायात साधनों का उपयोग होता है।

उत्तर:

प्रश्न 4.
कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर चित्रों के नीचेलिखिए:
(बैलगाड़ी, ट्रैक्टर, कुआँ, साइकिल, हल, बैल)
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 गाँव और शहर 1
उत्तर:

  1. बैलगाड़ी
  2. ट्रैक्टर
  3. कुआँ
  4. साइकिल
  5. हल
  6. बैल

प्रश्न 5.
खाली जगह भरिए:

  1. ………….. की प्रगति,
    ………….. की उन्नति।
  2. ………….. ग्राम, ………….. ग्राम।
  3. शुद्ध ………….., …………… का तंत्र,
    ………………….. जीवन का मंत्र।
  4. ………….. के साथ देश का ………….. हो ।
  5. गाँव हो या शहर, दोनों को ………….. रखना ज़रूरी है।
  6. शहरों में कूड़ा फेंकने के लिए जगह-जगह
    …………………….. रखे जाते हैं।
  7. गाड़ियों के अनुशासन के लिए …………………
    ………….. होते हैं।
  8. राहगीरों को सड़क पार करने के लिए
    ………… बनाए होते हैं।
  9. चौराहों पर …………………. लगे होते हैं।

उत्तर:

  1. गाँव – शहर, देश
  2. स्वच्छ, स्वस्थ
  3. हवा पानी, स्वस्थ
  4. अनुशासन, विकास
  5. स्वच्छ
  6. कूड़ेदान
  7. ट्रैफिक सिग्नल
  8. ज़ेब्रा क्रॉसिंग
  9. फव्वारे

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 गाँव और शहर

सही विकल्प चुनकर लिखिए:

प्रश्न 1.
गाँव में यातायात के साधन
(अ) कम होते हैं।
(आ) अधिक होते हैं।
उत्तर:
कम होते हैं।

प्रश्न 2.
गाँव में लोग समय कैसे बिताते हैं?
(अ) एक – दूसरे के साथ बैठकर बातचीत करके।
(आ) दूरदर्शन देखकर।
उत्तर:
एक – दूसरे के साथ बैठकर बातचीत करके।

प्रश्न 3.
गाँव के लोग ज्यादातर स्वस्थ होते हैं, क्योंकि
(अ) वे पौष्टिक आहार खाते हैं।
(आ) दो-चार दिन खाना ही नहीं खाते हैं।
उत्तर:
वे पौष्टिक आहार खाते हैं।

प्रश्न 4.
गाँव के लोग कैसे होते हैं?
(अ) मिलनसार
(आ) झगड़ालू
उत्तर:
मिलनसार

प्रश्न 5.
शहर के लोगों का जीवन कैसा होता है?
(अ) व्यस्त
(आ) आलसी
उत्तर:
व्यस्त

प्रश्न 6.
शहर के लोगों के पास जानकारी क्यों अधिक होती है?
(अ) इंटरनेट के कारण
(आ) व्यस्तता के कारण
उत्तर:
इंटरनेट के कारण

गाँव और शहर Summary in Hindi

चित्र का परिचयः

पाठ्यपुस्तक: पृष्ठ क्र. 26 पर गाँव का चित्र दिखाया गया है। इसमें गाँव का रहन-सहन एवं वातावरण दिखाया गया है। यहाँ लोग कच्चे घरों में रहते हैं। यातायात के लिए साइकिल, छकड़ा इत्यादि का उपयोग होता है। खेती के लिए ट्रैक्टर का उपयोग किया जाता है। जगह-जगह पेड़-पौधे लगाए जाते हैं, जिसके कारण वातावरण स्वच्छ एवं शुद्ध रहता है। गाँवों में विद्यालय खुल गये हैं। शौचालय बनाए गए हैं। बिजली की व्यवस्था भी होने लगी है। गाँव में पीने का शुद्ध पानी कुएँ आदि से मिलता है। लोग मिल-जुलकर रहते हैं, साथ में काम करते हैं, तथा खेती करते हैं। यहाँ लोगों के घरों में पालतू पशु भी पाए जाते हैं। यहाँ का जीवन बहुत ही शांतिपूर्ण एवं सादगी से भरा होता है।

पाठ्यपुस्तक: पृष्ठ क्र.27 पर शहर का चित्र है। इसमें शहर की जीवन शैली एवं वातावरण दिखाया गया है। यहाँ लोग बड़ी-बड़ी इमारतों में रहते हैं। यात्रा के लिए कार, बस, टैक्सी, स्कूटर आदि वाहनों का प्रयोग किया जाता है। शहर में जनसंख्या अधिक होने के कारण अनुशासन की आवश्यकता अधिक होती है। सड़क पर वाहनों को अनुशासन से चलाने के लिए कई नियम एवं कानून बनाए गए हैं।

जगह – जगह ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं। लोगों के पैदल चलने के लिए फुटपाथ, सड़क पार करने के लिए ज़ेब्रा क्रॉसिंग बनाए गए हैं। गाँव और शहर दोनों जगह स्वच्छता एवं अनुशासन बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। ऐसा करने से हम खुशहाल एवं सुखद जीवन जी सकेंगे। अत: हम सभी को स्वच्छता एवं अनुशासन बनाए रखने में सहयोग करना चाहिए।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 गाँव और शहर

शब्दार्थ:

  1. प्रगति – तरक्की (progress)
  2. कूड़ादान – कचरापेटी (dustbin)
  3. स्वच्छ – साफ (clean)
  4. स्वस्थ – तंदुरुस्त (healthy)
  5. उन्नति , – विकास (development)
  6. बैलगाड़ी – छकड़ा (bullock cart)
  7. शौचालय – पाखाना (toilet)

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Solutions Anand Chapter 7 सूक्तिसुधा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

Sanskrit Anand Std 9 Digest Chapter 7 सूक्तिसुधा Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

श्लोकः 1

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
कैः धनं न हीयते?
उत्तरम् :
चौरेण, राज्ञा च विद्याधनं न ह्रियते।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

प्रश्न आ.
केषु धनं न विभज्यते ?
उत्तरम् :
भ्रातृषु धनं न विभज्यते।

प्रश्न इ.
सर्वधनप्रधानं किम् ?
उत्तरम् :
सर्वधनप्रधानं विद्याधनम् ।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

2. माध्यमभाषया उत्तरत।

प्रश्न 1.
विद्याधनं व्यये कृते कथं वर्धते ?
उत्तरम् :
‘सूक्तिसुधा’ या पद्यपाठामध्ये विविध संस्कृत साहित्यकृतींमधून सुभाषिते संकलित केली आहेत. प्रसङ्गाभरणम् मधील श्लोक विद्येचे महत्त्व सांगतो. विद्या हे धन असे आहे जे कोणी चोरू शकत नाही, जे राजा कुणाकडून घेऊ शकत नाही, विद्याधन हे भावंडांमध्ये इतर मालमत्तेप्रमाणे वाटले जाऊ शकत नाही व त्याचे कधी ओझे सुद्धा होत नाही.

पैसा खर्च केला की तो कमी होतो, पण विद्याधन मात्र जितके वाटू तितके वाढते. आपण आपल्याकडचे ज्ञान जेव्हा दुसऱ्याला देतो तेव्हा त्याच्याकडूनसुध्दा आपल्याला अधिक ज्ञान मिळते. चर्चामधून, ज्ञानाच्या आदान-प्रदानामधून आपल्या ज्ञानात वाढच होते. ज्ञान दिल्याने वाढते, हा संदेश या श्लोकातून दिला आहे.

In the lesson ‘सूक्तिसुधा’ various subhashitas are collected from different literature pieces of Sanskrit. – In the shloka from प्रसङ्गाभरणम् the importance of knowledge is expressed. Knowledge can neither be stolen nor it can be taken away by king. It is indivisible and is not burden either.

Knowledge is that kind of a wealth which increases though spent unlike other riches. When we impart knowledge to someone, through that interaction we gain more knowledge. Here knowledge increases but never decreases. This special feature of knowledge suggests us that we should always share our knowledge and it is the greatest wealth.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

3. सन्धिविग्रहं कुरुत ।
वर्धत एव ।

प्रश्न 1.
वर्धत एव ।
उत्तरम् :
वर्धत एव – वर्धते + एव।

4. समानार्थकशब्द लिखत।
चोरः, भारः, नित्यम्, विद्या, धनम्, प्रधानम् ।

प्रश्न 1.
चोरः, भारः, नित्यम्, विद्या, धनम्, प्रधानम् ।
उत्तरम् :

  • चोरः – तस्करः, स्तेनः।
  • नित्यम् – सदा, सर्वदा, सदैव।
  • विद्या – ज्ञानम्।
  • धनम् – वित्तम्।
  • प्रधानम् – प्रमुखम्।

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5. विरुद्धार्थकशब्द लिखत।
व्ययः, नित्यम्, प्रधानम्।

प्रश्न 1.
व्ययः, नित्यम्, प्रधानम्।
उत्तरम् :

  • व्ययः × सञ्चयः।
  • नित्यम् × क्वचित्।
  • प्रधानम् × गौणम्, तुच्छम्।

श्लोक: 2

1. सन्धिं कुरुत।

प्रश्न 1.
अ. परः + वा + इति
आ. वसुधा + एव
उत्तरम् :
अ. परो वेति – पर: + वा + इति।
आ. वसुधैव – वसुधा + एव।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

2. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
‘अयं निजः, अयं परः’ इति केषां गणना ?
उत्तरम् :
अयं निजः, अयं परः इति लघुचेतसाम् गणना।

प्रश्न आ.
केषां कृते वसुधा एव कुटुम्बकम् भवति?
उत्तरम् :
उदारचरितानां कृते वसुधा एव कुटुम्बकम् अस्ति।

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3. माध्यमभाषया उत्तरत।

प्रश्न 1.
लघुचेतसः उदारचेतसः जनाः कथम् अभिज्ञातव्याः ?
उत्तरम् :
दररोजच्या आयुष्यात आपण अनेक मूल्ये, तत्त्वे पाळतो ज्यांच्यामुळे आपल्या आयुष्याला आकार मिळतो व ते अधिक समृद्ध होते. अशाच काही मूल्यांचा संदेश ‘सूक्तिसुधा’ या पद्यपाठातून दिला आहे.

शाईधरपद्धति मधून घेतलेल्या या श्लोकात उदार माणसांच्या गुणांचा गौरव केला आहे. काही माणसे नेहमी हे माझे, हे तुझे असे म्हणून गोष्टींमधे भेद करतात. त्यांच्या स्वत:च्या गोष्टींपुरतेच ते पाहतात व जे परके, आपले नाही त्याच्याशी काही देणे-घेणे ठेवत नाहीत. अशी माणसे कोत्या मनाची समजावीत. या उलट जी माणसे मनाने उदार असतात त्यांच्यासाठी संपूर्ण विश्वच त्यांचे कुटुंब असते. हे विश्वची माझे घर असे म्हणणारे संत हे उदार मन असणाऱ्या माणसांमध्ये गणले जातात.

In our day to day life, we follow certain values, certain morals that enchance our lifestyle. ‘सूक्तिसुधा’ talks about such values.

In the shloka taken from शाईधरपद्धति the nature of noble and generous people is described. It says that those who consider things as mine and not mine are low-minded. They delimit the things as their own and not belonging to them. But to those who are really generous, the whole earth is like their own family.

Great saints treat the whole universe like their own, they never hesitate to enlighten or help others irrespective of who they are. A person with a big heart is always praised and looked upon for help in any difficult situation. Such people are very hard to find. However, people with an inferior mind or nonassimilative nature are known by their attitude of being self-centered.

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4. स्तम्भमेलनं कुरुत |

प्रश्न 1.

स्वीयम्चिन्तनम्अन्यःपृथिवी
गणनावसुधानिजःपरः

उत्तरम् :

स्वीयम्चिन्तनम्अन्यःपृथिवी
निजःगणनापरःवसुधा

श्लोकः 3

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
परोपकाराय वृक्षाः किं कुर्वन्ति ?
उत्तरम् :
परोपकाराय वृक्षाः फलन्ति ।

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प्रश्न आ.
परोपकाराय नद्यः किं कुर्वन्ति ?
उत्तरम् :
परोपकाराय नद्यः वहन्ति ।

प्रश्न इ.
काः परोपकाराय दुहन्ति ?
उत्तरम् :
परोपकाराय गाव: दुहन्ति।

प्रश्न ई.
शरीरं किमर्थम् ?
उत्तरम् :
परोपकारार्थ शरीरम्।

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2. माध्यमभाषया उत्तरत।

प्रश्न 1.
परोपकार: नाम किम् ? के परोपकारमग्नाः ?
उत्तरम् :
‘सूक्तिसुधा’ या पद्यपाठामध्ये प्रत्यक्ष आयुष्यात आचरणात आणण्यासाठीचे संदेश सुंदर शब्दांत काव्यात्मकप्रकाराने दिले आहेत. ‘विक्रमोर्वशीयम्’ या नाटकातून घेतलेल्या श्लोकामध्ये परोपकाराचे महत्त्व सांगितले आहे. इतरांना कोणत्याही परतफेडीची अपेक्षा न ठेवता मदत करणे म्हणजे परोपकार. काही व्यक्ती या कायमच दुसऱ्याच्या चांगल्याचा विचार करत असतात.

अशा व्यक्तींना आपण संत-महात्मा म्हणून त्यांचा गौरव करतो. प्रस्तुत श्लोकात निसर्गातील उदाहरणे देऊन परोपकाराचे माहात्म्य सांगितले आहेत. वृक्ष इतरांना देण्यासाठीच फळे धारण करतात. त्या फळांच्या बदल्यात ते कशाची अपेक्षा करत नाहीत. नद्या गावोगावांना पाणी पुरवत वाहतात. त्यांचा स्वत:चा त्यात काही वैयक्तिक लाभ नसतो.

गायी इतरांसाठीच दूध देतात. अशाप्रकारे झाडे, नद्या, गायी हे परोपकराचा संदेश नेहमी देत असतात, रोजच्या व्यवहारातील निसर्गाच्या उदाहरणांमधून परोपकाराचे महत्त्व सांगितले आहे.

In the lesson’सूक्तिसुधा’ various shlokas filled with value based messages are given. They teach us many values such as selflessness, charity, knowledge. In the shloka taken from ‘विक्रमोर्वशीयम्’ the greatness of selfless behaviour is emphasized.

परोपकार means helping othersselflessly. To help others and not expecting anything in return is a great virtue. Only noble ones possess such a rare quality. The trees bear fruits for others. They don’t eat the fruits they bear.

The rivers flow for people like us. The cows yield milk for others. They don’t see their benefit in doing so. Likewise, our life is also for helping others. These subhashita gives a message that however busy we may get, we should always spare some time to help others selflessly.

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श्लोकः 3

3. समानार्थकशब्द लिखत।
वृक्षाः, नद्यः, शरीरम्।

प्रश्न 1.
वृक्षाः, नद्यः, शरीरम्।
उत्तरम् :

  • वृक्ष: – तरुः।
  • नद्यः – सरित्।
  • शरीरम् – तनुः, देहः।

4. विरुद्धार्थकशब्द लिखत।

प्रश्न 1.
उपकारः, परः ।
उत्तरम् :
1. उपकार: × अपकारः
2. परः × निजः।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

श्लोक: 4

1. रिक्तस्थानं पूरयत।

प्रश्न 1.
अ. सत्सङ्गतिः धियः जाड्यं ………..।
आ. सत्सङ्गतिः वाचि ……….. सिञ्चति।
इ. सत्सङ्गतिः ……….. दिशति ।
ई. सत्सङ्गतिः पापम् ……….. ।
उ. सत्सङ्गतिः चित्तं ……….. ।
ऊ. सत्सङ्गति दिक्षु ……….. तनोति।
उत्तरम् :
अ. हरति
आ. सत्यम्
इ. मानोन्नतिम्
ई. अपाकरोति
उ. प्रसादयति
ऊ. कीर्तिम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

2. माध्यमभाषया उत्तरत।

प्रश्न 1.
सत्सङ्गतिः जीवने किं किं करोति ?
उत्तरम् :
It is said that one is known by the company he keeps. The people around us lay great impact on our life. Company of good people takes away ignorance of the intellect. It makes us truthful. Due to company of good people one gains more respect. Our sins get wiped away when we are surrounded by virtuous people.

It doesn’t only make us happy but also spreads fame in all directions. Company of good people is always desirable. They always pass on the good qualities to everyone they are around. Company of good people is desirable in every aspect.

‘सुसंगति सदा घडो, सुजन वाक्य कानी पडो’ असे म्हणतात. सज्जनांच्या संगतीमुळे आपला उद्धार होतो हे खरेच आहे. ‘सूक्तिसुधा’ च्या या श्लोकात हे सांगितले आहे. चांगल्या माणसांच्या संगतीमुळे बुद्धीचे अज्ञान दूर होते. ते सत्याची शिकवण देतात. चांगल्या लोकांच्या संगतीत राहिल्यामुळे आपल्याला अधिक मान मिळतो.

सद्संगतीमुळे आपल्यातील वाईट वृत्तींचा नाश होतो. त्यामुळे आपण पापांपासून लांब राहतो. सज्जनांबरोबर राहिल्यामुळे वाईट गोष्टी आपल्यापासून आपोआप लांब राहतात आणि मन प्रसन्न राहते. सज्जनांबरोबर राहिल्यामुळे त्यांच्याप्रमाणेच आपली सुद्धा प्रसिद्धी सर्वदूर परसते.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

श्लोक: 5

1. सन्धिविग्रहं कुरुत।
नार्यस्तु, यत्रैताः, एतास्तु, तत्राफलाः, सर्वास्तत्र ।

प्रश्न 1.
नार्यस्तु, यत्रैताः, एतास्तु, तत्राफलाः, सर्वास्तत्र ।
उत्तरम् :

  • नार्यस्तु – नार्यः + तु।
  • यौतास्तु – यत्र + एता: + तु।
  • सर्वास्तत्राफला: – सर्वाः + तत्र + अफलाः।

2. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
देवताः कुत्र रमन्ते ?
उत्तरम् :
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।

प्रश्न आ.
क्रियाः कुत्र अफलाः भवन्ति ?
उत्तरम् :
यत्र तु एता: न पूज्यन्ते तत्र सर्वाः क्रियाः अफला: (भवन्ति)।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

3. माध्यमभाषया उत्तरत। 

प्रश्न 1.
‘यत्र नार्यः पूज्यन्ते’। इति सूक्तिं श्लोकस्य आधारेण स्पष्टीकुरुत।
उत्तरम् :
‘सूक्तिसुधा’ पाठामध्ये रोजच्या आयुष्यात आचरणात आणण्यासारखी अशी मूल्ये सांगितली आहेत. महाभारतातील श्लोकामध्ये ‘स्त्रियांचा आदर करावा’ हे त्रिकालाबाधित तत्त्व सांगितले आहे. जिथे स्त्रियांना आदर दिला जातो, तिथे देवता सुद्धा आनंदाने राहतात. मात्र जिथे स्त्रियांचा अनादर होतो तिथे कोणतेही कार्य सफल होत नाही.

ज्या समाजामध्ये स्त्रियांना मानसन्मान मिळतो तो समाज प्रगत समजला जातो. हे तत्त्व आजही लागू होते. ‘देव आनंदाने राहतात’ म्हणजे ते स्थान पवित्र व रम्य मानले जाते. त्या ठिकाणी नेहमी सकारात्मकता, उत्साह राहतो.

In the lesson ‘सूक्तिसुधा’ different values, are taught which we should apply in our life. Averse fromमहाभारत tells an important value to respect women which is absolute irrespective of time or situation. Since ancient times, the scriptures have taught to respect each and every woman.

In this particular shloka, it is said that where the women get respect Gods dwell there happily. But where women are not respected, no action gets accomplished in such place. So respecting women is a sign of good and developed society.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

5. ‘नारी’ इत्यर्थम् अमरकोषपङ्क्तिं लिखत ।

प्रश्न 1.
‘नारी’ इत्यर्थम् अमरकोषपङ्क्तिं लिखत ।

Sanskrit Anand Class 9 Textbook Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा Additional Important Questions and Answers

प्रश्ननिर्माणं कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. सर्वधनेषु प्रधानं विद्याधनम् अस्ति।
  2. परोपकाराय वृक्षाः फलन्ति।
  3. परोपकाराय नद्य: वहन्ति।

उत्तरम् :

  1. सर्वधनेषु प्रधानं किम् अस्ति?
  2. परोपकाराय के फलन्ति?
  3. नद्यः किमर्थं वहन्ति?

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

विभक्त्यन्तरूपाणि।

  • प्रथमा – चोरहार्यम्, राजहार्यम्, भ्रातृभाज्यम्, भारकारि, निजः, परः, अयम्, गणना, वसुधा, कुटुम्बकम्, वृक्षाः, नद्यः, गावः, शरीरम्,
    इदम्, सत्यम्, चातकः, सः, मेघः, उदारता, पठकः, पाठकः, शास्त्रवाचकाः, ते. यः, क्रियावान, सः, पण्डितः, सर्वे, अन्ये, ये, व्यसनिनः ।
  • द्वितीया – जाड्यम्, मानोन्नतिम्, पापम्, चित्तम्, कीर्तिम्, जलधरम्, त्रिचतुरान्, पय:कणान्, विश्वम्।
  • तृतीया – पिपासया, अम्भसा।
  • चतुर्थी – परोपकाराय।
  • षष्ठी – लघुचेतसाम्, उदारचरितानाम्, धियः, महताम्।
  • सप्तमी – व्यये, वाचि, दिक्षु।

लकारं लिखत।

  • वर्धते – वृध्-व धातुः प्रथमगण: आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • फलन्ति – फलधातुः प्रथमगण: परस्मैपदं लट्लकार प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • वहन्ति – वह धातुः प्रथमगण: परस्मैपदं लट्लकार : प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • दुहन्ति – दुह् धातुः द्वितीयगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • हरति – ह धातुः प्रथमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार : प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • सिञ्चति – सिच् – सिधातुः षष्ठगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार : प्रथमपुरुषः एकवचनम्।
  • दिशति – दिश् धातुः षष्ठगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार : प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • करोति – कृ धातु: अष्टमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार : प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • प्रसादयति – प्र + सद् धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं प्रयोजकरूपं लट्लकार : प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • तनोति – तन् धातुः अष्टमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकारः प्रथमपुरुषः एकवचनम्।
  • कथय – कथ् धातुः दशमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: मध्यमपुरुष: एकवचनम्।
  • याचते – याच् धातुः प्रथमगण: आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुषः एकवचनम्।
  • पूरयति – पूर् धातुः दशमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

पद्यांश पठित्वा जालरेखाचित्रं पूरयत।

1.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा 1
उत्तरम् :
न चोरहार्यम्, न भ्रातृभाज्यम्, न राजहार्यम्, न भारकारि।

2.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा 2

3.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा 3

4.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा 4

एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
उदारचरितानां कृते वसुधा कीदृशी भवति?
उत्तरम् :
उदारचरितांना कृते वसुधा कुटुम्बकम् इव भवति।

प्रश्न 2.
सत्सङ्गतिः धियः किं हरति?
उत्तरम् :
सत्सङ्गतिः धियः जाड्यं हरति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

प्रश्न 3.
सत्सङ्गतिः वाचि किं सिञ्चति?
उत्तरम् :
सत्सङ्गतिः वाचि सत्यं सिञ्चति।

प्रश्न 4.
सत्सङ्गतिः किम् अपाकरोति?
उत्तरम् :
सत्सङ्गतिः पापम् अपाकरोति ।

प्रश्न 5.
सत्सङ्गतिः किं प्रसादयति?
उत्तरम् :
सत्सङ्गतिः चित्तं प्रसादयति ।

प्रश्न 6.
सत्सङ्गतिः दिक्षु किं तनोति?
उत्तरम् :
सत्सङ्गतिः दिक्षु कीर्तिं तनोति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

प्रश्न 7.
परैः विग्रहे प्राप्ते वयं कति स्मः?
उत्तरम् :
परैः विग्रहे प्राप्ते वयं पञ्चाधिकं शतम्।

प्रश्न 8.
कौरवाः कति सन्ति?
उत्तरम् :
कौरवाः शतं सन्ति।

रिक्तस्थानानि पूरयित्वा अन्वयं पुनर्लिखत ।

प्रश्न 1.
लघुचेतसां (कृते) अयं ……….. पर: वा इति ………… (अस्ति)। उदारचरितानां (कृते) तु ………. एव ……….. (अस्ति )।
उत्तरम् :
लघुचेतसां (कृते) अयं निज: पर: वा इति गणना (अस्ति)। उदारचरितानां (कृते) तु वसुधा एव कुटुम्बकम् (अस्ति)।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

प्रश्न 2.
1. गाव: ………… दुहन्ति ।
2. इदं शरीरं ……………. (एव अस्ति)।
उत्तरम् :
1. गाव: परोपकाराय दुहन्ति ।
2. इदं शरीरं परोपकारार्थम् (एव अस्ति )।

प्रश्न 3.
सत्सङ्गतिः ………….. जाड्यं हरति, ………. सत्यं सिञ्चति, मानोन्नति दिशति, पापम् ……….., चित्तं …………, दिक्षु कीर्तिं तनोति । कथय! (सा सत्सङ्गतिः) पुंसां किं (हित) न करोति ।।
उत्तरम् :
सत्सङ्गतिः धियः जाड्यं हरति, वाचि सत्यं सिञ्चति, मानोन्नति दिशति, पापम् अपाकरोति, चित्तं प्रसादयति, दिक्षु कीर्ति तनोति । कथय! (सा सत्सङ्गतिः) पुंसां किं (हित) न करोति ।।

प्रश्न 4.
(यदा) ………… पिपासया जलधरं त्रिचतुरान् ………… याचते (तदा) सः (मेघः) अपि विश्वम् ………… पूरयति। हन्त हन्त (कियती एषा) महताम् …………
उत्तरम् :
(यदा) चातक :पिपासया जलधरं त्रिचतुरान् पय:कणान्याचते (तदा) सः (मेघः) अपि विश्वम् अम्भसा पूरयति। हन्त हन्त (कियती एषा) महताम् उदारता!

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

प्रश्न 5.
पठक: पाठक: (तथा) च ये अन्ये ………….. (सन्ति, ते) सर्वे ………… ज्ञेयाः। (यतः) यः ………. स(एव) ………. (अस्ति)।
उत्तरम् :
पठक: पाठक: (तथा) च ये अन्ये शास्त्रवाचका: (सन्ति, ते) सर्वे व्यसनिनः ज्ञेयाः। (यतः) य: क्रियावान् स: (एव) पण्डितः (अस्ति)।

समानार्थकशब्दं योजयित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

नारी – नारी सर्वत्र पूजनीया। स्त्री/महिला/योषा सर्वत्र पूजनीया।

व्याकरणम् :

शब्दानां पृथक्करणम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा 5

समासाः।

समासनामअर्थ:समासविग्रहःसमासनाम्
मानोन्नतिःupliftment of respectमानस्य उन्नतिः।षष्ठी तत्पुरुष समास

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

सूक्तिसुधा Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

संस्कृतसाहित्य गद्य, पद्य, नाट्य अशा सर्व साहित्यप्रकारांनी परिपूर्ण आहे. सुभाषिते हा पद्यप्रकार संस्कृतसाहित्यातील लोकप्रिय साहित्यप्रकार आहे. संस्कृत सुभाषिते केवळ संस्कृतमध्येच नाही तर इतर भाषांमध्ये सुद्धा जशीच्या तशी वापरली जातात. उदा. “विनाशकाले विपरीतबुद्धिः। संपूर्ण सुभाषित लक्षात राहिले नाही तरी त्याचा गर्भितार्थ किंवा महत्त्वाची ओळ नक्कीच लक्षात राहते, जी म्हण किंवा उक्ती म्हणून वापरली जाते. शब्दसंपदा वाढवण्यात सुभाषिते निश्चितच मदत करतात.

Sanskrit literature comprises of prose, poetry and drama.सुभाषितs are well knoron part of the poetic liturature. Parts of which have been used as proverbs or sayings not only in Sanskrit but also in other languages. In fact several Sanskrit sayings are very often used as they are in other Indian languages.

You may recall विनाशकाले विपरीतबुद्धिः. People generally do not remember the entire subhashita but they do remember the phrase of the proverb quite easily. In fact remembering such sayings definitely enhances one’s vocabulary and command over the language..

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

श्लोकः – 1

न चोरहार्य ………….. सर्वधनप्रधानम् ।।1।। [Knowledge is the best of all riches]

श्लोकः : न चोरहार्य न च राजहार्य न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि ।
व्यये कृते वर्धत एव नित्यं विद्याधनं सर्वधनप्रधानम् ।।1।। (प्रसङ्गाभरणम्)

अन्वयः : विद्याधनं चोरहार्य न (अस्ति), राजहार्य न, भ्रातृभाज्यं न, भारकारि (अपि) न (अस्ति) । व्यये कृते अपि (तत्) नित्यं वर्धते एव ।
(सत्यमेव विद्याधनं) सर्वधनप्रधानम् (अस्ति) ।

अनुवादः

Knowledge which is wealth cannot be stolen by a thief, cannot be taken away by a king, cannot be divided among brothers and is also not a burden. Though it is spent it only always increases. Wealth in the form of knowledge is the foremost among all types of wealth

विद्याधन चोरले जाऊ शकत नाही, राजा ते जप्त करू शकत नाही, याची भावंडामध्ये वाटणी केली जाऊ शकत नाही आणि ते त्याचे ओझे घेत नाही, खर्च केले तरी ते वाढतेच. खरोखर विद्याधन हे नेहमीच सर्व प्रकारच्या धनांमध्ये श्रेष्ठ धन आहे!

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

श्लोक: – 2

अयं ………………. कुटुम्बकम् ।।2।। [The world is one family]

श्लोकः : अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् ।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ।।2।। (शार्ङ्गधरपद्धतिः)

अन्वयः । लघुचेतसां (कृते) अयं निजः पर: वा इति गणना (अस्ति) । उदारचरिताना (कृते) तु वसुधा एव कुटुम्बकम् (अस्ति)।

अनुवादः

हे माझे, हे तुझे असे कोत्या मनाचे लोक मानतात. उदार वृत्तीच्या लोकांसाठी तर संपूर्ण पृथ्वीच कुटुंब असते.
This is mine or it belongs to others is the consideration of the low-minded. Indeed for the | generous/ large-hearted, the entire world is a family.

श्लोकः – 3

परोपकाराय फलन्ति ……………….. शरीरम् ।।3।। [The body is for the welfare of others]
श्लोकः : परोपकाराय फलन्ति वृक्षाः परोपकाराय वहन्ति नद्यः।
परोपकाराय दुहन्ति गाव: परोपकारार्थमिदं शरीरम् ।।3।। (विक्रमोर्वशीयम्)
अन्वयः : वृक्षाः परोपकाराय फलन्ति। नद्यः परोपकाराय वहन्ति। गाव: परोपकाराय दुहन्ति। इदं शरीर परोपकारार्थम् (एव अस्ति)।

अनुवादः

झाडे परोपकारासाठीच फळे धारण करतात, नद्या इतरांसाठीच वाहतात, गायी दुसऱ्यांनाच दूध देतात आणि हे शरीरसुद्धा परोपकारासाठीच आहे.
Trees bear fruits for the welfare of others, rivers flow for the welfare of others, cows yield milk for the benefit of others. This body is for the welfare of others.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

श्लोक: – 4

जाड्यं ………………. पुंसाम् ।।4।। [Good association bestows everything]

श्लोकः : जाड्यं धियो हरति सिञ्चति वाचि सत्यं
मानोन्नतिं दिशति पापमपाकरोति । चित्तं प्रसादयति दिक्षु तनोति कीर्ति
सत्सङ्गतिः कथय किं न करोति पुंसाम् ।।4।। (भर्तृहरिसुभाषितसङ्ग्रहः)

अन्वयः : सत्सङ्गतिः धियः जाड्यं हरति, वाचि सत्यं सिञ्चति, मानोन्नतिं दिशति, पापम् अपाकरोति, चित्तं प्रसादयति, दिक्षु कीर्ति तनोति । कथय ! (सा सत्सङ्गतिः) पुंसां किं (हित) न करोति ?

अनुवादः

बुद्धीचे अज्ञान दूर करते. वाणीला सत्याचे वळण लावते (सिञ्चति), आदर वाढवण्यासाठी दिशा दाखवते, पाप दूर करते, मन प्रसन्न करते, सर्व दिशांना कीर्ती पसरवते. सांगा बरे सज्जनांची संगती काय करत नाही!

Say what all can good company not do for men? It takes away the ignorance of the intellect. It sprinkles truth on speech. In directs the progress of respect and takes one away from sin. It delights the mind and spreads fame in all directions.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

श्लोकः – 5

यत्र ………………… क्रियाः ।।5।। [Significance of respecting women.]
श्लोकः : यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यौतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तवाफला: क्रियाः ।।5।। (महाभारतम्)
अन्वयः : यत्र नार्यः पूज्यन्ते तत्र देवता: रमन्ते। यत्र तु एता: न पूज्यन्ते तत्र सर्वाः क्रियाः अफला: (भवन्ति)।

अनुवादः

जिथे स्त्रियांची पूजा होते तिथेच देवता आनंदाने राहतात. जिथे त्या (स्त्रिया) पूजल्या जात नाहीत (त्यांचा अनादर होतो) तिथे कोणतेही कार्य सफल होत नाही.

Gods rejoice where women are respected. But where they are not respected, there all actions become futile/unsuccessful.

सन्धिविग्रहः

  • परोपकारार्थमिदम् – परोपकारार्धम् + इदम्।
  • धियो हरति – धियः + हरति।
  • पापमपाकरोति – पापम् + अपाकरोति
  • परैस्तु – परैः + तु।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

समानार्थकशब्दाः

  • राजा – नृपः, भूपः, भूपतिः।
  • निजः – स्वस्य।
  • वसुधा – धरा, पृथ्वी, वसुन्धरा।
  • चेतः – मनः, चित्तम्।
  • धीः – मतिः, बुध्दिः।
  • चित्तम् – मनः, चेतः।
  • वाच् – वाणी।
  • कीर्तिः – प्रसिद्धिः।
  • नारी – वनिता, महिला, स्त्री।
  • देवताः – दैवतानि।
  • जलधरः – मेघः, पयोदः।
  • अम्भः/पयः – जलम्, तोयम्, उदकम्, नीरम, वारि।
  • विग्रहः – युद्धम्।

विरुद्धार्थकशब्दाः

  • वर्धत × क्षीयते।
  • लघुचेतस् × उदारचेतस्।
  • कीर्तिः × अपकीर्तिः।
  • धीः × जाड्यम्।
  • अफला: × सफलाः।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 सूक्तिसुधा

शब्दार्थाः

  1. चोरहार्यम् – stolen by a thief – चोराकडून चोरण्यासारखे
  2. राजहार्यम् – taken away by the king – राजाने जप्त करण्यासारखे
  3. भ्रातृभाज्यम् – divided among brothers – भावंडामध्ये वाटणी करण्यासारखे
  4. व्यये कृते – though it is spent – खर्च केले तरी
  5. नित्यम् – always – नेहमी
  6. भारकारि – burden – ओझे
  7. गणना – consideration – मानणे
  8. लघुचेतसाम् – of the low-minded – कोत्या मनाचे
  9. उदारचरितानाम् – generous hearted / magnanimous – उदार वृत्तीच्या लोकांसाठी
  10. वसुधा – world – पृथ्वी
  11. कुटुम्बकम् – family – कुटुंब
  12. निजः – mine – माझे
  13. परः – others’ – इतरांचे
  14. परोपकाराय – for the welfare of others – परोपकारासाठी
  15. फलन्ति – bear fruits – फळे धारण करतात
  16. वहन्ति – flow – वाहतात
  17. दुहन्ति – yield milk – दूध देतात
  18. गाव: – cows – गायी
  19. जाड्यम् – ignorance – अज्ञान
  20. धियः – of the intellect – बुद्धीचे
  21. अपाकरोति – takes away – दूर करते
  22. प्रसादयति – delights – प्रसन्न करते
  23. हरति – remove/takes away – दूर करते
  24. सिजति – sprinkles – वळण लावते
  25. मानोन्नतिम् – progress of respect – आदर वाढवण्यासाठी
  26. दिशति – directs – दिशा देते
  27. दिक्षु – in directions – दिशांमध्ये
  28. तनोति – Spreads – पसरविते
  29. सत्सङ्गतिः – good company – सज्जनांची संगती
  30. पुंसाम् – of men – माणसांचे
  31. वाचि – in speech – वाणीमध्ये
  32. यत्र – where – जिथे
  33. नार्यः – women – स्त्रिया
  34. पूज्यन्ते – are respected – आदर केला जातो
  35. रमन्ते – rejoice – आनंदाने राहतात
  36. अफला: – futile/unsuccessful – असफल
  37. एताः – these – या

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Solutions Anand Chapter 9 अमरकोषः Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

Sanskrit Anand Std 9 Digest Chapter 9 अमरकोषः Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
कोषा: किमर्थम् आवश्यकाः?
उत्तरम् :
कोषाः शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम् आवश्यकाः।

प्रश्न आ.
कोष: नाम किम् ?
उत्तरम् :
कोष: नाम सङ्ग्रहः ।

प्रश्न इ.
क: अमरकोषस्य रचयिता ?
उत्तरम् :
अमरसिंह : नाम पण्डित: अमरकोषस्य रचयिता ।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्न ई.
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं कस्मात् सुलभम् ?
उत्तरम् :
अमरकोषः पद्यमय: गेय: च अतः तस्य कण्ठस्थीकरणं सुलभम्।

प्रश्न उ.
अमरकोषे कति श्लोकाः सन्ति ?
उत्तरम् :
अमरकोषे उपसार्धसहसं (1500) श्लोकाः सन्ति ।

प्रश्न ऊ.
अमरकोषस्य किम् अन्यत् नामद्वयम् ?
उत्तरम् :
त्रिकाण्डकोष: नामलिङ्गानुशासनम् च इति अमरकोषस्य अन्यत् नामद्वयम्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

2. माध्यमभाषया लिखत।

प्रश्न 1.
‘अमरकोष’- कण्ठस्थीकरणेन के लाभाः भवन्ति ?
उत्तरम् :
‘अमरकोष’ या संवादात्मक पाठात शिक्षिका व विद्यार्थी यांच्यातील संवादातून ‘अमरकोष’ या संस्कृत कोषाबद्दल माहिती मिळते व त्याचे महत्व कळते. ग्रंथालयातील विविध कोष बघून विद्यार्थी शिक्षिकेला त्यांची माहिती विचारतात. शिक्षिका त्यांना कोष म्हणजे काय, त्यांचे भाषा, शास्त्र हयांच्या अभ्यासातील महत्त्व सांगतात, ‘अमरकोष’ ह्य संस्कृत भाषेतील महत्त्वपूर्ण कोष असून पूर्वीच्या काळात विद्यार्थी विद्यारंभाच्या वेळी तो तोंडपाठ करीत असत. अमरकोषाच्या पाठांतरामुळे शब्दसंपत्ती वाढते. शिवाय स्मरणशक्ती व धारणशक्ती सुद्धा वाढते. अमरकोष तोंडपाठ असेल तर संस्कृत भाषेचे आकलन आणि शब्दांचे उपयोजन सहजपणे करता येते. संस्कृत नाटकांचा, काव्यांचा आस्वाद घेण्यास सुद्धा मदत होते.

The lesson अमरकोषः is dialogue between students and their teacher. Importance of learning 3HC is emphasised in this dialogne. The students ask teacher about various thesauruses which they find in the library. Teacher tells them about various thesaruses and their importance. She tells them about very important thesurus of Sanskrit language. i.e. Amarakosha. If one learns the Amarakosha by heart, his vocabulary increases.

One’s memory as well as understanding increase and pronunciation also gets pure and better. Due to that, language aquisition and usage become easy. It also helps in studying the Sanskrit poetry and drama. Amarakosha is very significant in studying Sanskrit language.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

3. अ) शब्दस्य वर्णविग्रहं कुरुत।

  1. सङ्ग्रहम्
  2. प्रयोगः
  3. वर्तन्ते
  4. क्वचित्

उत्तरम् :

  • सङ्ग्रहम् – स् + अ + ङ् + ग् + र् + अ + ह् + अ + म्।
  • वर्तन्ते – व् + अ + र + त् + अ + न् + त् + ए।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

आ. मेलनं कुरुत।

प्रश्न 1.

विशेष्यम्विशेषणम्
1. कपाटिका1. सुलभम्
2. कोषग्रन्थः2. विशाला
3. कण्ठस्थीकरणम्3. भिन्ना:
4. अर्थाः4. पद्यमयः

उत्तरम् :

विशेष्यम्विशेषणम्
1. कपाटिका2. विशाला
2. कोषग्रन्थः4. पद्यमयः
3. कण्ठस्थीकरणम्1. सुलभम्
4. अर्थाः3. भिन्ना:

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

4. समानार्थकशब्द लिखत।

प्रश्न 1.
कोषः, अमरकोषः, विख्यातः, सुलभम् ।
उत्तरम् :

  • कोषः – सज्ञयः सङ्ग्रहः, निधिः।
  • अमरकोषः – त्रिकाण्डकोषः, नामलिङ्गानुशासनम्।
  • विख्यातः – प्रसिद्धः, ख्यातः।
  • सुकरम् – सुलभम्।

5. योग्यविशेषणं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत ।

प्रश्न 1.

  1. ग्रन्थालये कोषाय कृते एका विशाला कपाटिका विद्यते ।
  2. छात्रा: ग्रन्थालये विविधं पुस्तकानि पश्यन्ति।
  3. अमरकोषे तिस्रः काण्डानि सन्ति ।

उत्तरम् :

  1. ग्रन्थालये कोषाणां कृते एका विशाला कृपाटिका विद्यते।
  2. छात्रा: ग्रन्थालये विविधानि पुस्तकानि पश्यन्ति।
  3. अमरकोषे त्रीणि काण्डानि सन्ति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

Sanskrit Anand Class 9 Textbook Solutions Chapter 9 अमरकोषः Additional Important Questions and Answers

उचितं पर्यायं चिनुत।

प्रश्न 1.
कपाटिकायां के वर्तन्ते?
(अ) ग्रन्थाः
(आ) कोषाः
(इ) चषकाः
(ई) पुत्तलिकाः
उत्तरम् :
(आ) कोषाः

प्रश्न 2.
कोषा: किमर्थम् आवश्यका:?
(अ) पूजार्थम्
(आ) मनोरञ्जनार्थम्
(इ) वाचनार्थम्
(ई) शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम्
उत्तरम् :
(ई) शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम्

प्रश्न 3.
छात्रा: ग्रन्थालये किं पश्यन्ति?
(अ) पुस्तकानि
(आ) सन्दुक:
(इ) आसन्दः
(ई) कृष्णफलक:
उत्तरम् :
(अ) पुस्तकानि

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्न 4.
वित्तकोषे किं भवति?
(अ) धनसङ्ग्रहणम्
(आ) ऊर्जासङ्ग्रहणम्
(इ) पुस्तकसङ्ग्रहणम्
(ई) वस्वसङ्ग्रहणम्
उत्तरम् :
(अ) धनसङ्ग्रहणम्

प्रश्न 5.

  1. अमरकोषः ……………… (पद्यमयः/ गद्यमय:)
  2. तत्र एकस्य शब्दस्य कृते नैके ………………… शब्दाः वर्तन्ते। (समानार्थकाः / विरुद्धार्थकाः)
  3. अमरकोषस्य पठनेन ……………… वर्धते। (स्मरणशक्तिः/ पठनशक्तिः)

उत्तरम् :

  1. पद्यमयः
  2. समानार्थकाः
  3. स्मरणशक्तिः

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्न 6.

  1. अमरकोषे ………… श्लोकाः सन्ति। (उपसार्धसहस्रम् /सहस्रम्/ शतम्)
  2. अमरकोषे …………. काण्डानि सन्ति। (द्वे / त्रीणि/ चत्वारि)
  3. अमरकोषस्य अपरं नाम ………….. । (त्रिकाण्डकोषः / शब्दकोष:)
  4. अमरकोषस्य पठनेन भाषायाः ………… सुकरं भवति। (आकलनं / लेखनं / श्रवणं)

उत्तरम् :

  1. उपसार्धसहस्रम्
  2. त्रीणि
  3. त्रिकाण्डकोषः
  4. आकलनम्

उचितं कारणं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

प्रश्न 1.
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं सुलभम्, यतः ……….
a. अमरकोषः गेयः अस्ति।
b. अमरकोषः अतीव लघुः अस्ति।
उत्तरम् :
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणमं सुलभम्, यतः अमरकोषः गेयः अस्ति ।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्न 2.
अमरकोषस्य पठनेन शब्दसम्पत्तिः वर्धते, यतः …………….
a. तस्मिन् नैके समानार्थकाः शब्दाः सन्ति।
b. अमरकोषः सुलभः।
उत्तरम् :
अमरकोषस्य पठनेन शब्दसम्पत्ति: वर्धते, यतः तस्मिन् नैके समानार्थकाः शब्दा: सन्ति।

एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
कपाटिकायां छात्राः किं पश्यन्ति?
उत्तरम् :
कपाटिकायां छात्राः विविधानि पुस्तकानि पश्यन्ति ।

प्रश्न 2.
वित्तकोषे कस्य सङ्ग्रहं कुर्मः?
उत्तरम् :
वित्तकोषे धनस्य सङ्गहं कुर्मः।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्न 3.
भाषाकोषे किं भवति?
उत्तरम् :
भाषाको शब्दानां सङ्ग्रहः भवति।

प्रश्न 4.
अमरकोषस्य अन्यत् वैशिष्ट्यं किम्?
उत्तरम् :
शब्दानां लिङ्गनिर्देश: इति अमकोषस्य अन्यत् वैशिष्ट्यम्।

प्रश्न 5.
लिङ्गनिर्देशेन किं भवति?
उत्तरम् :
लिङ्गनिर्देशेन भाषाया: आकलनं प्रयोग: च सुकर : भवति।

प्रश्न 6.
लिङ्गनिर्देशेन किं विनायासं पठितुं शक्नुमः?
उत्तरम् :
लिङ्गनिर्देशेन संस्कृतकाव्यानि नाटकानि च विनायासं पठितुं शक्नुमः।

प्रश्न 7.
कोषस्य क: उपयोग:?
उत्तरम् :
सम्भाषणे, लेखने च भाषाप्रभुत्वं-प्राप्त्यर्थ , ज्ञानप्राप्यर्थ शब्दसंपत्ति-वर्धनम् इति कोषस्य उपयोगः ।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्न 8.
ग्रन्थालये के के कोषाः वर्तन्ते?
उत्तरम् :
ग्रन्थालये विश्वकोषाः, सुभाषितकोषाः, संस्कृतिकोषा: चरित्रकोषा: च वर्तन्ते ।

प्रश्न 9.
पुरातनकाले अध्ययनारम्भे छात्राः किं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म?
उत्तरम् :
पुरातनकाले अध्ययनारम्भे छात्रा: अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म।

प्रश्न 10.
अमरकोषः कीदृशः ग्रन्थः?
उत्तरम् :
अमरकोषः पद्यमयः ग्रन्थः ।

प्रश्न 11.
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं कीदृशम्?
उत्तरम् :
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं सुभाषितानां पठनम् इव अतीव सुलभम्।

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सत्यं वा असत्यं लिखत।

प्रश्न 1.

  1. शास्त्राणाम् अध्ययनार्थ कोषाणां न आवश्यकता।
  2. वित्तकोषे ऊर्जासज्ञयः भवति ।
  3. भाषाकोषे शब्दानां सङ्ग्रहः भवति।
  4. कोषः नाम सङ्ग्रहः।
  5. अमरकोषः पद्यमयः।
  6. अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणम् अतीव दुष्करम्।
  7. अमरकोषस्य पठनेन स्मरणशक्ति: वर्धते।
  8. ज्ञानप्राप्त्यर्थ शब्दसम्पत्तेः सङ्ग्रहणम् आवश्यकम्।
  9. कोषपठनेन भाषाप्रभुत्वं प्राप्तुं शक्यते।
  10. अमरकोष: हिन्दीशब्दानां सङ्ग्रहग्रन्थः।
  11. अध्ययनारम्भे अमरकोषः पठनीयः।
  12. अमरकोषः त्रिकाण्डात्मकः।
  13. अमरकोषे केवलं समानार्थकशब्दाः सन्ति।
  14. अमरकोषे लिङ्गनिर्देशः कृतः।
  15. लिङ्गनिर्देशेन संस्कृतकाव्यानां पठनं दुष्करं भवति।

उत्तरम् :

  1. असत्यम्
  2. असत्यम्
  3. सत्यम्
  4. सत्यम्
  5. सत्यम्
  6. असत्यम्
  7. सत्यम्
  8. सत्यम्
  9. सत्यम्
  10. असत्यम्
  11. सत्यम्
  12. सत्यम्
  13. असत्यम्
  14. सत्यम्
  15. असत्यम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

कः कं वदति।

प्रश्न 1.

  1. कियन्तः विविधाः कोषाः एतस्यां वर्तन्ते।
  2. कोषः नाम किम् ?
  3. क: तस्य उपयोग:? किं
  4. विद्यते अस्मिन् कोथे?
  5. अमरसिंहः नाम पण्डित: एतस्य रचयिता।
  6. वयमपि अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्याम्।
  7. त्रिकाण्डकोष: इति अस्य अपरं नाम।
  8. नामलिङ्गानुशासनम् इति शब्दस्य क: अर्थः?

उत्तरम् :

  1. नयन: आचार्या वदति।
  2. सुमेधा आचार्या वदति।
  3. श्रेया अध्यपिकां वदति।
  4. स्वप्नील: अध्यापिकां वदति।
  5. अध्यापिका छात्रान् वदति।
  6. नयनः अध्यापिकां वदति।
  7. अध्यापिका छात्रान् वदति।
  8. सुमेधा अध्यापिकां वदति।

प्रश्न 2.
एकस्य शब्दस्य नैके भिन्ना: अर्थाः अपि वर्तन्ते ।
उत्तरम् :
अध्यापिका छात्रान् वदति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

शब्दस्य वर्णविग्रहं कुरुत।

  • छात्राः – छ् + आ + त् + र् + आः।
  • भिन्ना – भ् + इ + न + न् + आ।
  • सर्वेषाम् – स् + अ + र + व् + ए + ष + आ + म्।
  • शास्त्राणाम् – श् + आ + स् + त् + र + आ + ण् + आ + म्।
  • कुर्मः – कु + उ + र + म् + अः।
  • सुयोग्यः – स् + उ + य् + ओ + ग् + य् + अः।
  • प्रश्न: – प् + र + अ + श् + न् + अः।
  • भाषाप्रभुत्व – भ् + आ + ष + आ + प् + र + अ + भ + उ + त् + व + अ।
  • ज्ञानप्राप्त्य र्थम् – ज् + ञ् + आ + न् + अ + + र + आ + प् + त् + य् + अ + र + थ् + अ + मा
  • संस्कृतिकोष: – स् + अ् + म् + स् + क् + ऋ + त् + इ + क् + ओ + ष + अः।
  • चरित्र – च् + अ + र् + इ + त् + र + अ।
  • ग्रन्थः – ग् + र + अ + न् + थ् + अः।
  • कण्ठस्थम् – क् + अ + ण् + ल् + अ + स् + थ् + अ + म्।
  • पद्यमयः – प् + अ + द् + य् + अ + म् + अ + य् + अः।
  • श्लोकानाम् – श् + ल् + ओ + क् + आ + न् + आ + म्।
  • शुद्धम् – श् + उ + द् + ध् + अ + म्।
  • शब्दस्य – श् + अ + ब् + द् + अ + स् + य् + अ।
  • क्वचित् – क् + व् + अ + च् + इ + त्।
  • सार्चयम् – स् + आ + श् + च् + अ + र + य + अ + म्।
  • वृद्धिम् – व् + ऋ + द् + ध् + इ + म्।
  • कुयोम – क् + उ + र + य् + आ + म् + अ।
  • तस्मिन् – त् + अ + स् + म् + इ + न्।
  • काण्डानि – क् + आ + ण् + ड् + आ + न् + इ।
  • लिमनिर्देश: – ल् + इ + इ + ग् + अ + न + इ + र + द् + ए + श् + अः।
  • सर्वः – स् + अ + र + व् + ऐः।
  • कर्तव्यम् – क् + अ + र् + त् + अ + व् + य् + अ + म्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्ननिर्माणं कुरुत।

  1. कोष: नाम सङ्ग्रहः।
  2. शास्त्राणाम् अध्ययनार्थ कोषा: आवश्यकाः।
  3. अमरसिंहः अमरकोषस्य रचयिता।
  4. पुरातनकाले छात्रा: अध्ययनार्थ गुरुकुलं प्रविशन्ति स्म।
  5. छात्राः अध्ययनारम्भे अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म।
  6. अमरकोषे त्रीणि काण्डानि सन्ति।
  7. त्रिकाण्डकोषः इति अमरकोषस्य अपरं नाम।

उत्तरम् :

  1. कोषः नाम किम्?
  2. शास्त्राणाम् अध्ययनार्थ के आवश्यका:?
  3. कः अमरकोषस्य रचयिता?
  4. पुरातनकाले छात्रा: अध्ययनार्थ कुत्र प्रविशन्ति स्म?
  5. छात्रा: अध्ययनारम्भे किं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म?
  6. अमरकोषे कति काण्डानि सन्ति?
  7. अमरकोषस्य अपरं नाम किम्?

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

विशेषण-विशेष्य-सम्बन्धः।

प्रश्न 1.

विशेष्यम्विशेषणम्
………..…कोषा:
……………पुस्तकानि
सुयोग्यःप्रश्न:
बहवःविविधाः
विशेष:कोषः
उच्चारणम्शुद्धम्

उत्तरम् :

विशेष्यम्विशेषणम्
विविधाःकोषा:
विविधानिपुस्तकानि
सुयोग्यःप्रश्न:
बहवःकोषा:
विशेष:कोषः
उच्चारणम्शुद्धम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

विभक्त्यन्तरूपाणि।

  • प्रथमा – छात्रा:, कियन्तः, कोषाः, कपाटिका, वयम्, सङ्ग्रहः, एते, प्रश्नः, संस्कृतिकोषाः, चरित्रकोषाः, विश्वकोषाः, सुभाषितकोषा:,अमरकोषः, सङ्ग्रहान्धः, अमरसिंहः, पण्डितः, रचयिता, छात्राः, लाभः, पद्यमयः, गेयः, समानार्थकशब्दाः, भिन्नाः, स्मरणशक्तिः, धारणाशक्तिः, ग्रन्थः, नैके।
  • द्वितीया – प्रश्नान, अध्यापिकाम्, गुरुकुलम्, अमरकोषम्, वृद्धिम्, अमरकोषम्।
  • तृतीया – तेन, पठनेन।
  • षष्ठी – सर्वेषाम्, शास्त्राणाम्, शब्दानाम्, धनस्य, शब्दसम्पत्तेः, अस्माकम्, एतस्य, कोषस्य, अस्माकम्, एकस्य,शब्दस्य, श्लोकानाम्, सुभाषितानाम् तस्य।
  • सप्तमी – ग्रन्थालये, वित्तकोषे, भाषाकोषे, सम्भाषणे, लेखने, ग्रन्थालये, तेषु, अस्मिन्, कोषे,पुरातनकाले, अध्ययनारम्भे, तस्मिन्।

लकारं लिखत।

  • पृच्छन्ति – ‘प्रच्छ-पृच्छ्’ धातुः षष्ठगण: परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • कुर्मः – ‘कृ’ धातुः अष्टमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: उत्तमपुरुष: बहुवचनम्।
  • वर्तन्ते – ‘वृत्-वत्’ धातुः प्रथमगण: आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • विद्यते – ‘विद्’ धातुः चतुर्थगण: आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • कुर्वन्ति – ‘कृ’ धातुः अष्टमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • वर्धते – ‘वृध्-वर्ष’ धातुः प्रथमगण:आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: द्विवचनम्।

त्वान्त/ल्यबन्त/तुमन्त अव्ययानि।

त्वान्त अव्यय धातु + त्वा / ध्वा / ट्वा / ढ्वा / इत्वा अयित्वाल्यबन्त अव्यय उपसर्ग + धातु + य / त्यतुमन्त अव्यय   थातु + तुम् / धुम् / टुम् / ढुम् / इतुम् / अयितुम्
कण्ठस्थीकर्तुम्
पठितुम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

व्याकरणम् :

शब्दानां पृथक्करणम्

नामसर्वनामक्रियापदम्विशेषणम्
छात्राः, सुभाषितानाम्सर्वेषाम्, एतस्यपश्यन्ति, गच्छतिविविधाः
ग्रन्थालये, वृद्धिम्ते, अस्माकम् – नःवर्तन्ते, कुर्यामभिन्नाः
शास्त्राणाम्, काण्डानिएषा, अस्मिन्कुर्मः, शक्नुमःविविधानि
वित्तकोषे, नाम्नाकः, तेषुभवतिसुयोग्य:
कोषस्य, प्रयोगःएतस्याम्, वयम्विद्यतेबहवः
शब्दस्यकियन्तः, तेनप्रविशन्तिविशेषः
अमरकोषम्एषः, किम्कुर्वन्तिपद्यमय:
रचयिताएतेसन्तिसुलभम्
गुरुकुलम्तस्यवर्धतेशुद्धम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

अमरकोषः Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

कोणतीही भाषा नव्याने शिकताना त्या भाषेतील शब्दसंपत्ती ग्रहण करण्याकरिता शब्दकोष महत्त्वपूर्ण असतोच. इतर भाषांप्रमाणेच संस्कृतातही अनेक शब्दकोष उपलब्ध आहेत. अमरकोष हा संस्कृतभाषेचा प्रसिद्ध शब्दकोष, संस्कृतविद्वान अमरसिंह यांनी रचला. अमरकोष प्रसिद्ध आहे तो त्याच्या वैशिष्ट्यपूर्ण रचनेमुळे, अमरसिंह यांनी एका शब्दाचे इतर समानार्थ पद्यमय रचनेत मांडल्यामुळे कंठस्थीकरण सहज शक्य होते. चार विद्यार्थी आणि शिक्षिका यांच्या संवादातून प्रस्तुत पाठात अमरकोषाचे महत्त्व प्रतिपादित केले आहे.

Lexicons, dictionaries thesaureses are an important part of learning any language. Just like English, German, French, Marathi or any other language there are many Sanskrit dictionaries which are popular. Amarakosha is one of those celebrated lexicons in Sanskrit. It was composed by an ancient scholar Amarasimha.

Where he tried to enlist synonyms for almost all Sanskrit words. Learning the Amarakosha by heart is the best way to increase vocabulary. It is composed in such a simple way that even a beginner can easily learn it. This lesson talks about importance and significance of Amarakosha through a discussion between four students and their teachers.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

परिच्छेद : 1

छात्रा: ग्रन्थालये ………….. सग्रहः भवति।
(छात्रा: ग्रन्थालये विविधानि पुस्तकानि पश्यन्ति अध्यापिका प्रश्नान् च पृच्छन्ति ।)
नयनः – आचार्य, का एषा भिन्ना विशाला कपाटिका ? अहो ! कियन्तः विविधाः कोषाः एतस्यां वर्तन्ते !
अध्यापिका – आम्, सर्वेषां शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम् एते कोषा: आवश्यकाः।
सुमेधा – कोष: नाम किम् ?
अध्यापिका – कोष: नाम सङ्ग्रहः। यथा वयं वित्तकोषे धनस्य सङ्ग्रहणं कुर्मः तथैव भाषाकोषे शब्दानां सङ्ग्रहः भवति ।

अनुवादः

(विद्यार्थी ग्रंथालयात विविध पुस्तके बघतात आणि शिक्षिकेला प्रश्न विचारतात.)
नयनः – बाई ! हे वेगळे मोठे कपाट कोणते ? अरे वा ! यात किती वेगवेगळे कोष आहेत !
शिक्षिका – हो, सर्वशास्वांच्या अभ्यासासाठी कोष आवश्यक असतात.
सुमेधा – कोष म्हणजे काय ?
शिक्षिका – कोष म्हणजे संग्रह. ज्याप्रमाणे आपण बँकेमध्ये पैसे साठवतो तसाच भाषाकोषामध्ये शब्दांचा संग्रह असतो.

(Students see various books in the library and ask questions to the teacher.)
Nayan: Teacher, what is this separate huge cupboard? Oh! So many dictionaries/ thesauruses are here!
Teacher: Yes, to study all sciences/scriptures these dictionaries/thesauruses are necessary.
Sumedha: What is a thesaurus?
Teacher: Thesaurus is a collection. Just like, we deposit money in the bank likewise, there is collection of words in the thesaurus.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

परिच्छेद : 2

श्रेया: – क: तस्य ……………… तथैव प्रवर्तते।
श्रेया – क : तस्य उपयोग:?
अध्यापिका – सुयोग्यः प्रश्नः। सम्भाषणे लेखने च भाषाप्रभुत्व-प्राप्त्यर्थ तथैव नैकेषां विषयाणां ज्ञानप्राप्त्यर्थं शब्दसम्पत्तेः सङ्ग्रहणम् अतीव आवश्यकम्। अस्माकं ग्रन्थालये संस्कृतिकोषाः, चरित्रकोषाः, विश्वकोषाः, सुभाषितकोषा: च इत्यादयः बहवः कोषा: वर्तन्ते। तेषु ‘अमरकोषः’ नाम कञ्चन विशेष: कोषः।
स्वप्नीलः – अमरकोषः? ‘अमरकोषः’ इति नाम किमर्थम् ? किं विद्यते अस्मिन् को?
अध्यापिका – एष: संस्कृतशब्दानां सङग्रहग्रन्थः। अमरसिंहः नाम पण्डित: एतस्य रचयिता। अत: कोषस्य नाम अमरकोषः’ इति। परातनकाले यदा छात्रा: अध्ययनाचे गुरुकुलं प्रविशन्ति स्म तदा अध्ययनारम्भे ते अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म। अधुना अपि तथैव प्रवर्तते।

अनुवादः

श्रेया शिक्षिका – त्याचा उपयोग काय?
शिक्षिका – अगदी योग्य प्रश्न आहे ! बोलताना, लिहिताना भाषेवर आहे. आपल्या ग्रंथालयात संस्कृतिकोष, चरित्रकोष, विश्वकोष, सुभाषित कोष असे अनेक कोष आहेत. त्यापैकी ‘अमरकोष’ नावाचा एक विशेष कोष आहे.
स्वफ्नील – अमरकोष? अमरकोष हे नाव का? या कोषात काय आहे?
शिक्षिका – हा संस्कृतशब्दांचा संग्रह आहे. अमरसिंह नावाचा विद्वान याचा रचनाकार आहे. म्हणून या कोषाचे नाव ‘अमरकोष’ आहे. पूर्वीच्या काळी जेव्हा विद्यार्थी शिक्षणासाठी गुरुकुलात जात असत तेव्हा ते अमरकोष तोंडपाठ करत असत. अजूनही तशी प्रथा आहे.

Shreya: What is its use?
Teacher: Very apt question ! While speaking and so many subjects we need vocabulary, In our library there are so many thesauruses like संस्कृतिकोष, चरित्रकोष, विश्वकोष, सुभाषितकोष etc. Among these Amarakosha is one distinct kind of a thesaurus.
Swapnil: Amarakosha? Why its name is Amarakosha? What is there in this thesaurus?
Teacher: This is collection of Sanskrit words. A scholar named Amarsinha is the composet of this thesaurus. Hence, this thesaurus is named as Amarakosha. In Ancient times, when students used to go to teacher’s home to study, they used to learn by heart Amarakosha. Even this prevails in current time.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

परिच्छेद : 3

आर्या (साश्चर्यम्) किं कोष: ……………. उच्चारणमपि शुद्धं भवति?
आर्या – (साश्चर्यम्) किं कोषः कण्ठस्थीकर्तुं शक्यः? तेन क; लाभ; भवति?
अध्यापिका – अथ किम् । पद्यमयः एषः ग्रन्थः गेयः । अतः श्लोकानां, सुभाषितानां पठनम् इव तस्य कण्ठस्थीकरणम् अतीव सुलभम् । तत्र एकस्य शब्दस्य कृते नैके समानार्थकशब्दाः वर्तन्ते । क्वचित् एकस्य शब्दस्य नैके भिन्ना: अर्थाः अपि वर्तन्ते । अतः तस्य पठनेन अस्माकं शब्दसम्पत्ति: वद्धिं गच्छति । अस्माकं स्मरणशक्ति: धारणाशक्तिः च वर्धेते, उच्चारणमपि शुद्धं भवति ।

अनुवादः

आर्या – (आश्चर्यचकित होऊन) कोष तोंडपाठ करणे शक्य आहे? त्याने काय फायदा होतो?
शिक्षिका – होय तर ! हा ग्रंथ पद्यमय आहे आणि म्हणूनच गेयसुद्धा. त्यामुळे श्लोक. सुभाषित यांच्यासारखेच अमरकोष पाठ करणे सुद्धा सोपे आहे. त्यात एका शब्दासाठी अनेक समानार्थी शब्द आहेत. काही ठिकाणी एका शब्दाचे अनेक भिन्न अर्थसुद्धा दिले आहेत. त्यामुळे अमरकोषाच्या पाठांतराने आपली शब्दसंपत्ती वृद्धिंगत होते. आपली स्मरणशक्ती, धारणाशक्ती वाढते आणि उच्चारणसुद्धा शुद्ध होते.

Arya : (Surprisingly) Is it possible to learn a thesaurus by heart? What’s the benefit of that?
Teacher: Of course! This book is in the verse form, which is fit to sing. Hence, just like other verses, learning this thesaurus is also very easy. There, for a single word, numerous sysnonyms are given. Sometimes even different meaning of a single word are there. Hence, learing by heart this thesaurus increases our vocabulary. Our memory, retention also increases, Pronunciation also gets better. (pure)

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परिच्छेद : 4

नयन: – वयमपि ………………. अवश्यं कर्तव्यमेव।
नयनः – वयमपि अमरकोषं कठस्थं कुर्याम। तस्मिन् कति श्लोकाः सन्ति?
अध्यापिका – उपसार्धसहस्र (1500) श्लोकाः सन्ति। तत्र त्रीणि काण्डानि सन्ति। अत:’त्रिकाण्डकोषः’ इति एतस्य अपरं नाम। तथा ‘नामलिङ्गानुशासनम्’ इति नाम्ना अपि विख्यात: एषः कोषः।
सुमेधा – ‘नामलिङ्गानुशासनम्’ इति शब्दस्य क: अर्थ:?
अध्यापिका – तदपि अस्य ग्रन्थस्य अपरं वैशिष्ट्यम्। अत्र न केवलं समानार्थकशब्दाः अपि तु तेषां लिङ्गनिर्देशः कृतः। तेन भाषायाः आकलनं प्रयोगः च सुकर: भवति।
स्वप्नीलः – आचार्ये, तेन वयं संस्कृतकाव्यानि नाटकानि च विनायासं पठितुं शक्नुमः खलु।
अध्यापिका – निश्चयेन! तर्हि इत:परं सर्वैः अमरकोषस्य पठनम् अवश्यं कर्तव्यमेव।

अनुवादः

नयन – आपणसुद्धा अमरकोष तोंडपाठ करूया. त्यात किती श्लोक आहेत?
शिक्षिका – जवळपास दीड हजार (1500) श्लोक आहेत. त्यात तीन काण्डे विभाग आहेत. म्हणूनच त्याचे दुसरे नाव त्रिकाण्डकोष असे आहे. शिवाय ‘नामलिङ्गानुशासन’ या नावाने सुद्धा हा कोष प्रसिद्ध आहे.
सुमेधा – ‘नामलिङ्गनुशासन’ या शब्दाचा अर्थ काय?
शिक्षिका – तेसुद्धा या ग्रंथाचे दुसरे वैशिष्ट्य आहे. यात फक्त समानार्थी शब्दच नाहीत पण त्यांचा लिंगनिर्देश सुद्धा केला आहे. त्यामुळे भाषा समजणे आणि प्रयोग करणे सोपे होते.
स्वप्नील – बाई! त्यामुळे आपण संस्कृत काव्य आणि नाटक यांचा अगदी सहज करू शकतो.
शिक्षिका – निश्चितच! तर इथूनपुढे आपण सर्वांनी अमरकोषाचा अभ्यास केला पाहिजे.

Nayan: We too shall learn Amarakosha by heart. How many verses are there?
Teacher: There are one thousand and five hundred verses. There are three chapters. Hence its other name is त्रिकाण्डकोष. Apart from this thesaurus is also popularly known as नामलिङ्गानुशासनम्.
Sumedha: What’s the meaning of नामलिङ्गानुशासनम्?
Teacher: That’s the another frature of this thesaurus. It doesn’t have just synonyms for the words but gender specification is also mode. Because of that understanding and use of language gets easy.
Swapnil: Teacher, then we can study the Sanskrit poetry as well as drama without much efforts!
Teacher: Definitely ! so now onwards we all should learn Amarakosha.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

सन्धिविग्रहः

  • तथैव- तथा + एव।
  • तथैव – तथा + एव ।
  • उच्चारणमपि – उच्चारणम् + अपि।
  • वयमपि – वयम् + अपि ।
  • तदपि – तत् + अपि।
  • कर्तव्यमेव – कर्तव्यम् + एव।

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समानार्थकशब्दाः

  • आचार्या – अध्यापिका, शिक्षिका।
  • भाषा – वाक्, वाणी, भारती।
  • उपयोगः – उपयोजनम्।
  • पण्डितः – विद्वान्, धीमान्।
  • छात्राः – विद्यार्थिनः।
  • लाभः – उपयोगः।
  • ग्रन्थः – पुस्तकम्।

विरुद्धार्थकशब्दाः

  • भिन्ना × समाना।
  • विशाला × लघु।
  • आवश्यक: × अनावश्यकः।
  • सुयोग्य: × अयोग्यः।
  • पण्डित: × मूढः ।
  • सुलभम् × कठिनम्, दुष्करम्।
  • शुद्धम् × अशुद्धम्।
  • विख्यातः × कुख्यातः।
  • सुकरः × दुष्करः।

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शब्दार्थाः

  1. ग्रन्थालयः – library – ग्रंथालय, वाचनालय
  2. आचार्या – teacher – शिक्षिका
  3. शास्त्रम् – science, scripture – विज्ञान, शास्त्र
  4. कोषः – dictionary – कोष
  5. सङ्ग्रह: – collection – साठा / संग्रह
  6. वित्तकोष – bank – बैंक
  7. उपयोग: – usage – उपयोग
  8. सुयोग्य: – apt – बरोबर
  9. संभाषण – conversation – संभाषण
  10. भाषाप्रभुत्वम् – command on language – भाषेवरील प्रभुत्व, पकड
  11. ज्ञानप्राप्त्यर्थम् – to aquire knowledge – ज्ञान मिळवण्यासाठी
  12. विशेषः – special, distinct – विशेष
  13. शब्दसंपत्तिः – vocabulary – शब्दसंपत्ती
  14. पण्डितः – scholar – विद्वान
  15. रचयिता – composer – रचणारा
  16. पुरातनकाले – in ancient times – पुरातन काळात
  17. गुरुकुल – abode of Guru – गुरुकुल
  18. कण्ठस्थम् – learn by heart – पाठांतर
  19. पद्यमयः – in verse form – पद्य
  20. गेयः – fit to sing / melodious – गाण्यायोग्य
  21. वृध्दिं गच्छति – increases – वाढते
  22. स्मरणशक्तिः – memory – स्मरणशक्ती
  23. उच्चारणम् – pronunciation – उच्चार
  24. धारणाशक्ति: – retention power – धारणक्षमता
  25. श्लोकाः – verses – श्लोक
  26. काण्डानि – sections – विभाग, खंड
  27. लिङ्गनिर्देश: – gender – शब्दाच्या लिंगाविषयी
  28. specification – सूचना / उल्लेख
  29. आकलनम् – understanding – आकलन
  30. सुंकारः – easy – सोपा
  31. विनायासम् – easily – सोप्या रीतीने सहजपणे
  32. विख्यातः – famous, known – प्रसिद्ध

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 4 बालिका दिवस Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

5th Standard Hindi Digest Chapter 4 बालिका दिवस Textbook Questions and Answers

1. पढो, समझो और लिखो:

प्रश्न 1.
पढो, समझो और लिखो:

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 4 बालिका दिवस Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
14 नवम्बर को किस नेता का जन्मदिन मनाया जाता है?
उत्तर:
14 नवम्बर को जवाहरलाल नेहरूजी का जन्मदिन मनाया जाता है।

प्रश्न 2.
जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को हम किस रूप में मनाते हैं?
उत्तर:
जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को हम बालदिवस के रूप में मनाते हैं।

प्रश्न 3.
शिक्षक दिवस कब आता है?
उत्तर:
शिक्षक दिवस पाँच सितम्बर के दिन आता है।

प्रश्न 4.
‘शिक्षक दिवस’ किसके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है?
उत्तर:
शिक्षक दिवस’ भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न 5.
आपके आस-पड़ोस में कितने परिवार रहते हैं?
उत्तर:
हमारे आस-पड़ोस में कुल दस परिवार रहते हैं।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

प्रश्न 6.
आपकी कक्षा में कुल कितने विद्यार्थी हैं? उनमें से कितने लड़के और कितनी लड़कियाँ हैं?
उत्तर:
हमारी कक्षा में कुल 30 विद्यार्थी हैं। उनमें से 15 लड़के और 15 लड़कियाँ हैं।

प्रश्न 7.
किसके शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है?
उत्तर:
एक लड़की के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है। (छात्रों के अनुसार प्र. 5 और प्र. 6 के उत्तर अलग – अलग हो सकते हैं।)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए:

प्रश्न 1.
कक्षा में कौन बहुत तैयार होकर आया है?
उत्तर:
कक्षा में सृष्टि बहुत तैयार होकर आई है।

प्रश्न 2.
‘बालिका दिवस’ किसके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है?
उत्तर:
‘बालिका दिवस’ सावित्री बाई फुले के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

प्रश्न 3.
महाराष्ट्र की प्रथम शिक्षिका कौन मानी जाती हैं?
उत्तर:
‘सावित्रीबाई फुले’ महाराष्ट्र की प्रथम शिक्षिका मानी जाती हैं।

प्रश्न 4.
लड़कियों के लिए पहली पाठशाला कहाँ खोली गई?
उत्तर:
लड़कियों के लिए पहली पाठशाला पुणे में खोली गई।

प्रश्न 5.
इस पाठ में किस दिवस की जानकारी है?
उत्तर:
इस पाठ में ‘बालिका दिवस’ की जानकारी है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

प्रश्न 6.
दूर्वा के घर और कौन-कौन है?
उत्तर:
दूर्वा के घर चाचाजी और बड़े भैया भी हैं।

प्रश्न 7.
सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन बालिका दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?
उत्तर:
क्योंकि उन्होंने लड़कियों के लिए पहली पाठशाला शुरू की थी।

प्रश्न 8.
किन क्षेत्रों में लड़कियों का योगदान है?
उत्तर:
समाजसेवा, शिक्षा, विज्ञान, संगीत, प्रशासन, शोधकार्य और खेलकूद आदि क्षेत्रों में लड़कियों का योगदान है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए:

प्रश्न 1.
तीन जनवरी को कौन – सा दिवस मनाया जाता है?
उत्तर:
बालिका दिवस।

प्रश्न 2.
सावित्रीबाई फुले के पति का नाम बताइए?
उत्तर:
महात्मा ज्योतिबा फुले।

प्रश्न 3.
सभी लड़कियाँ कहाँ जाती हैं?
उत्तर:
पाठशाला।

प्रश्न 4.
हमें स्वावलंबी और सजग कौन बनाती है?
उत्तर:
शिक्षा।

प्रश्न 5.
किसके शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है?
उत्तर:
लड़की।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

प्रश्न 6.
निम्नलिखित दिवस कब मनाए जाते हैं ? लिखिए:

  1. स्वतंत्रता दिवस
  2. गणतंत्र दिवस
  3. बाल दिवस
  4. शिक्षक दिवस
  5. गाँधी जयंती
  6. महिला दिवस
  7. बालिका दिवस
  8. महाराष्ट्र दिवस

उत्तर:

  1. 15 अगस्त
  2. 26 जनवरी
  3. 14 नवम्बर
  4. 5 सितंबर
  5. 2 अक्टूबर
  6. 8 मार्च
  7. 3 जनवरी
  8. 1 मई

किसने किससे कहाः

प्रश्न 1.
आज तो तुम तैयार होकर आई हो।
उत्तर:
दूर्वा ने सृष्टि से कहा।

प्रश्न 2.
“आज तीन जनवरी बालिका दिवस है ना!”
उत्तर:
सृष्टि ने दूर्वा से कहा।

व्याकरण:

प्रश्न 1.
समान अर्थवाले शब्द लिखिए:

  1. दिवस
  2. प्रथम
  3. पाठशाला

उत्तर:

  1. दिन
  2. पहला
  3. विद्यालय

प्रश्न 2.
लिंग बदलिए:

  1. बालक
  2. बहन
  3. पति
  4. शिक्षक
  5. लड़का
  6. माता

उत्तर:

  1. बालिका
  2. भाई
  3. पत्नी
  4. शिक्षिका
  5. लड़की
  6. पिता

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

प्रश्न 3.
वचन बदलिए:
1. लड़की
2. बहन
उत्तरः
1. लड़कियाँ
2. बहनें

प्रश्न 4.
विरुद्धार्थी शब्दों की जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ)(ब)
1. आजअंत
2. प्रथमदूसरी
3. आगेरात्रि
4. स्वावलंबीकम
5. सजगअशिक्षित
6. शिक्षितनिष्क्रिय
7. बहुतपरावलंबी
8. दिवसपीछे
9. पहलीअंतिम
10. शुरूकल

उत्तरः

(अ)(ब)
1. आजकल
2. प्रथमअंतिम
3. आगेपीछे
4. स्वावलंबीपरावलंबी
5. सजगनिष्क्रिय
6. शिक्षितअशिक्षित
7. बहुतकम
8. दिवसरात्रि
9. पहलीदूसरी
10. शुरूअंत

प्रश्न 10.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ)(ब)
1. साइना नहवाल(अ) राजनीति
2. इंदिरा गाँधी(आ) नासा वैज्ञानिक
3. कल्पना चावला(इ) महिला राष्ट्रपति
4. प्रतिभा पाटील(उ) राजनीति
5. सोनिया गाँधी(ऊ) बैडमिन्टन खिलाड़ी

उत्तरः

(अ)(ब)
1. साइना नहवाल(ऊ) बैडमिन्टन खिलाड़ी
2. इंदिरा गाँधी(उ) राजनीति
3. कल्पना चावला(आ) नासा वैज्ञानिक
4. प्रतिभा पाटील(इ) महिला राष्ट्रपति
5. सोनिया गाँधी(उ) राजनीति

बालिका दिवस Summary in Hindi

पाठ का सारांशः

प्रस्तुत पाठ में लड़कियों की पढ़ाई – लिखाई का महत्त्व बताया गया है। सावित्रीबाई फुले ने अपने पति के साथ मिलकर लड़कियों की पहली पाठशाला पुणे में शुरू की थी। सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन ‘बालिका दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आजकल लड़कियाँ भी पढ़-लिखकर हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। इसलिए लड़कियों को पढ़ाना चाहिए। लड़का-लड़की दोनों को समान अधिकार मिलने चाहिए। एक लड़की के शिक्षित होने पर पूरा परिवार शिक्षित होता है। इस प्रकार पाठ में शिक्षा का महत्त्व बताया गया है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

शब्दार्थ:

  1. समाजसेवा – लोगों की सेवा (social work)
  2. शिक्षा – पढ़ाई (education)
  3. प्रशासन – हुकूमत (administration)
  4. शोधकार्य – खोजकार्य (research)
  5. स्वावलंबी – स्वतंत्र (self dependent)
  6. सजग – जागृत, सावधान (alert)
  7. क्षेत्र – विभाग (field)
  8. विज्ञान – (science)

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 15 व्यायाम

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 15 व्यायाम Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 15 व्यायाम

5th Standard Hindi Digest Chapter 15 व्यायाम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुद्राओं से दी गई सूचनाओं के जोड़े मिलाइए:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 15 व्यायाम 1
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 15 व्यायाम 2
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 15 व्यायाम 3
उत्तर:

  1. अपने हाथ पीठ के पीछे से पकड़कर आगे झुको।
  2. झुककर दाहिना हाथ बाएँ पैर के अंगूठे पर और बायाँ हाथ ऊपर करो।
  3. बायाँ हाथ सामने रखकर उसे धीरे-धीरे बाईं ओर ले जाते हुए अंगूठे का नाखून देखो।
  4. दोनों हाथ फैलाकर पीछे झुको।
  5. सावधान की मुद्रा में खड़े रहो।
  6. एक पैर पर खड़े हो जाओ।
  7. विश्राम की मुद्रा में खड़े रहो।
  8. दायाँ हाथ दाईं ओर ले जाते हुए अंगूठे का नाखून देखो।
  9. अपने दोनों पैरों के अंगूठे छुओ।
  10. दोनों हाथ ऊपर करके पैर के पंजों पर खड़े हो जाओ।
  11. घुटनों पर बैठकर दोनों हाथों से पैरों की उँगलियाँ पकड़ो।
  12. बैठकर पैर सीधे करो। दोनों हाथों से पैरों की उँगलियों को पकड़ो।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 15 व्यायाम

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 15 व्यायाम Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
आप सुबह कितने बजे उठते हैं?
उत्तर:
हम सुबह छह बजे उठते हैं।

प्रश्न 2.
लोग सुबह सैर करने क्यों जाते हैं?
उत्तर:
सुबह सैर करने से सेहत अच्छी रहती है।

प्रश्न 3.
आप विद्यालय में शारीरिक शिक्षण की कक्षा में क्या करते हैं?
उत्तर:
हम विद्यालय में शारीरिक शिक्षण की कक्षा में कभी कसरत करते हैं तथा कभी खो-खो, फुटबॉल, कबड्डी इत्यादि खेल खेलते हैं।

प्रश्न 4.
हमें व्यायाम क्यों करना चाहिए?
उत्तर:
स्वस्थ रहने के लिए हमें व्यायाम करना चाहिए।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 15 व्यायाम

प्रश्न 5.
क्या व्यायाम केवल लड़कों के लिए ज़रूरी है?
उत्तर:
नहीं, व्यायाम लड़के-लड़की दोनों के लिए ज़रूरी है।

प्रश्न 6.
व्यायाम से शरीर को क्या मिलता है?
उत्तर:
व्यायाम से शरीर को शक्ति मिलती है।

प्रश्न 7.
क्या आप विदयालय में होनेवाले खेलों में भाग लेते हैं? यदि हाँ, तो उनके नाम बताइए।
उत्तर:
हाँ, हम क्रिकेट, फुटबॉल, खो-खो, कबड्डी, हॉकी इत्यादि खेलों में भाग लेते हैं।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 15 व्यायाम

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

प्रश्न 1.

  1. सभी ……………. का अपना महत्त्व है।
  2. शरीर का …………….. व्यायाम के समय जागृत रहता है।
  3. सभी चाहते हैं कि हम कभी ……………. न पड़ें?

उत्तर:

  1. व्यायामों
  2. प्रत्येक भाग
  3. बीमार

प्रश्न 2.
योगासनों के कुछ प्रकारों के नाम लिखिए?
उत्तर:
पद्मासन, शवासन, पर्वतासन, भुजंगासन, हलासन।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 15 व्यायाम

व्यायाम Summary in Hindi

पाठ का सारांशः

व्यायाम का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। व्यायाम से हम स्वस्थ रहते हैं। व्यायाम से शरीर को शक्ति मिलती है। हर एक व्यायाम-मुद्रा का अपना महत्त्व है। व्यायाम के समय शरीर का प्रत्येक भाग जागृत रहता है। व्यायाम की ज़रूरत हर किसी को होती है, क्योंकि जब तन स्वस्थ होगा, तभी मन भी प्रसन्न रहेगा। इससे शरीर में चुस्ती और फुर्ती आती है। शरीर के लिए व्यायाम की उतनी ही आवश्यकता है, जितनी अन्न, जल और वायु की।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Solutions Anand Chapter 4 विध्यर्थमाला Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

Sanskrit Anand Std 9 Digest Chapter 4 विध्यर्थमाला Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यासः

श्लोकः 1

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
विद्यार्थी किं त्यजेत् ?
उत्तरम् :
विद्यार्थी सुखं त्यजेत् ।

प्रश्न आ.
सुखार्थी किं त्यजेत् ?
उत्तरम् :
सुखार्थी विद्या त्यजेत् ।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

2. सन्धिविग्रहं कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. त्यजेद्विद्याम्
  2. त्यजेत्सुखम्
  3. कुतो विद्या
  4. कुतो विद्यर्थिनः

उत्तरम् :

  1. त्यजेद्विद्याम् – त्यजेत् + विद्याम् ।
  2. त्यजेत्सुखम् – त्यजेत् + सुखम् ।
  3. कुतो विद्या – कुतः + विद्या ।
  4. कुतो विद्यार्थिन: – कुतः + विद्यार्थिनः ।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

3. समानार्थकशब्दं लिखत।

प्रश्न 1.
1. विद्या
2. विद्यार्थी
उत्तरम् :
1. विद्या – ज्ञानम्, शिक्षा ।
2. विद्यार्थी – छात्र:, शिष्यः, अन्तेवासी।

श्लोक: 2.

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
कीदृशं जलं पिबेत् ?
उत्तरम् :
वस्त्रपूतं सुखं त्यजेत्।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

प्रश्न आ.
कीदृशीं वाणी वदेत् ?
उत्तरम् :
सत्यपूतां वाणी वदेत्।

2. समानार्थकशब्दं चित्वा लिखत ।
वाक्, पवित्रम्, ऋतम्, उदकम् ।

प्रश्न 1.
समानार्थकशब्दं चित्वा लिखत ।
वाक्, पवित्रम्, ऋतम्, उदकम् ।
उत्तरम् :

  1. वाक् – वाणी।
  2. पवित्रम् – पूतम्।
  3. ऋतम् – सत्यम्।
  4. उदकम् – जलम्।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

3. स्तम्भमेलनं कुरुत।

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 1
उत्तरम् :

विशेषणम्विशेष्यम्
दृष्टिपूतःपादः
वस्त्रपूतम्जलम्
मनः पूतम्आवरणम्
सत्यपूतावाणी

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

श्लोकः 3

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
मनुजः कीदृशं धनं काङ्केत ?
उत्तरम् :
मनुज: अलब्ध धनं काक्षेत।

प्रश्न आ.
वृद्धं धनं कुत्र निक्षिपेत् ?
उत्तरम् :
वृद्धं धनं तीर्थेषु निक्षिपेत्।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

2. क्रमानुसारं रचयत।

प्रश्न 1.

  1. धनस्य रक्षणम्।
  2. तीर्थेषु दानम्।
  3. धनस्य इच्छा ।
  4. धनस्य वर्धनम्।

उत्तरम् :

  1. धनस्य इच्छा।
  2. धनस्य रक्षणम् ।
  3. धनस्य वर्धनम् ।
  4. तीर्थेषु दानम् ।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

श्लोकः 4

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
क्रोधं केन जयेत्?
उत्तरम् :
क्रोधं अक्रोधेन जयेत्।

प्रश्न आ.
दानेन किं जयेत् ?
उत्तरम् :
दानेन कदर्य जयेत्।

प्रश्न इ.
सत्येन किं जयेत्?
उत्तरम् :
सत्येन अनृतं जयेत्।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

2. विरुद्धार्थकशब्द लिखत ।
क्रोधः, असाधुः, सत्यम्, दानम् ।

प्रश्न 1.
विरुद्धार्थकशब्द लिखत ।
क्रोधः, असाधुः, सत्यम्, दानम् ।
उत्तरम् :

  • क्रोध: × अक्रोधः, क्षमा।
  • असाधुः × साधुः।
  • सत्यम् × अनृतम्।
  • दानम् × कदर्यम् ।

3. श्लोकात् तृतीयान्तपदानि चित्वा लिखत ।

प्रश्न 1.
श्लोकात् तृतीयान्तपदानि चित्वा लिखत ।
उत्तरम् :
तृतीया – अक्रोधेन, साधुना, दानेन, सत्येन

4. सन्धिविग्रहं कुरुत ।
चानृतम्।

प्रश्न 1.
चानृतम्।
उत्तरम् :
चानृतम् – च + अनृतम्।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

श्लोक: 5

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
प्रत्यहं किं प्रत्यवेक्षेत ?
उत्तरम् :
प्रत्यहं आत्मन: चरितं प्रत्यवेक्षेत।

प्रश्न आ.
चरितं केन तुल्यं माऽस्तु ?
उत्तरम् :
चरितं पशुभि: तुल्यं माऽस्तु।

प्रश्न इ.
चरितं केन तुल्यम् अस्तु ?
उत्तरम् :
चरितं सत्पुरुषै : तुल्यम् अस्तु।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

2. सन्धिं कुरुत।

प्रश्न अ.
पशुभिः + तुल्यम्
उत्तरम् :
पशुभिस्तुल्यम् – पशुभिः + तुल्यम् ।

प्रश्न आ.
किम् + नु
उत्तरम् :
किन्नु – किम् + नु।

प्रश्न इ.
सत्पुरुषैः + इति
उत्तरम् :
सत्पुरुषैरिति – सत्पुरुषैः + इति।

प्रश्न ई.
नरः + चरितम्
उत्तरम् :
नरश्चरितमात्मनः – नरः + चरितम् + आत्मनः ।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

3 समानार्थकशब्दानां युग्मं चिनुत ।

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 2
उत्तरम् :

प्रत्यहम्प्रतिदिनम्
नर:मनुज:
चरितम्वर्तनम्
पशुःमृगः
तुल्यःसमः
सत्पुरुषाःसज्जनाः

Sanskrit Anand Class 9 Textbook Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला Additional Important Questions and Answers

विभक्त्यन्तरूपाणि।

  1. प्रथमा – विद्या, सुखम्, विद्यार्थी, सुखार्थी।
  2. द्वितीया – विद्याम, सुखम्।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

लकारं लिखत।

  1. त्यजेत् – त्यज् धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं विधिलिङ्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  2. न्यसेत् – न्यस् धातुः चतुर्थगण: परस्मैपदं विधिलिङ्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  3. पिबेत् – पा – पिब् धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं विधिलिङ्लकारः प्रथमपुरुषः एकवचनम्।
  4. वदेत् – वद् धातुः प्रथमगण: परस्मैपदं विधिलिङ्लकार: प्रथमपुरुषः एकवचनम।
  5. समाचरेत् – सम् + आ + चर् धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं विधिलिङ्लकारः प्रथमपुरुषः एकवचनम।
  6. वर्धयेत् – वृध् – वर्धधातुः प्रथमगण: आत्मनेपदं प्रयोजकरूपम् विधिलिङ्लकारः प्रथमपुरुषः एकवचनम्।
  7. जयेत् – जि – जय् धातुः प्रथमगण: परस्मैपदं विधिलिङ्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  8. पश्येत् – दृश् – पश्य् धातुः प्रथमगण: परस्मैपदं विधिलिङ्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  9. अयित् – ऋधातुः प्रथमगणः परस्मैपदं प्रयोजकरूपम्, विधिलिङ्लकारः प्रथमपुरुषः एकवचनम्।
  10. प्रत्यवेक्षेत – प्रति + अव + ईश् धातुः प्रथमगण:आत्मनेपदं विधिलिङ्लकार : प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  11. चिन्तयेत् – चिन्त् धातुः दशमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं विधिलिङ्लकार: प्रथमपुरुषः एकवचनम्।
  12. पराक्रमेत् – परा + क्रम् धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं विधिलिङ्लकार : प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  13. अवलुम्पेत – अव + लुम्प् धातुः षष्ठगण: उभयपदम् अत्र आत्मनेपदं विधिलिङ्लकारः प्रथमपुरुषः एकवचनम्।
  14. विनिष्पतेत् – वि + निस् + पत् धातुः प्रथमगण: परस्मैपदं विधिलिङ्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

पद्यांशं पठित्वा जालरेखाचित्रं पूरयत ।

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 3
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 4

प्रश्न 2.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 5
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 6

प्रश्न 3.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 7
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 8

प्रश्न 4.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 9
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 10

प्रश्न 5.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 11
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 12

प्रश्न 6.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 13
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला 14

प्रश्ननिर्माणं कुरुत।

प्रश्न 1.
1. दृष्टिपूतं पादं न्यसेत्।
2. मन:पूतं समाचारेत्।
उत्तरम् :
1. कथं पादं न्यसेत?
2. मन:पूतं किं कुर्यात् ? (पद्यांशं पठित्वा जालरेखाचित्रं पूरयत। )

प्रश्न 2.
1. लब्धं धनं प्रयत्नतः रक्षेत्।
2. रक्षितं धनं सम्यक् वर्धयेत।
उत्तरम् :
1. लब्धं धनं कथं रक्षेत?
2. कीदृशं धनं सम्यक् वर्धयेत?

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

प्रश्न 3.
1. असाधुं साधुना जयेत्।
2. दानेन कदर्य जयेत्।
उत्तरम् :
1. असा, केन जयेत्?
2. दानेन किं जयेत्?

विभक्त्यन्तरूपाणि

  • प्रथम – नरः।
  • द्वितीया – दुःखाधिकान्, सुखाधिकान्, आत्मानम्।
  • तृतीया – पशुभिः, सत्पुरुषैः।
  • चतुर्थी – शोकहर्षाभ्याम्, शत्रुभ्याम्।
  • सप्तमी – दुःखे, सुखे।

प्रवनिर्माणं कुरुत।

प्रश्न 1.
शत्रुभ्याम् इव शोकहर्षाभ्याम् आत्मानं न अर्पयेत्।
उत्तरम् :
काभ्याम् इव शोकहर्षाभ्याम् आत्मानं न अर्पयेत्?

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

प्रश्न 2.

  1. नर: आत्मनःचरितं प्रत्यवेक्षेत।
  2. प्रत्यहम् आत्मनः चरितं प्रत्यवेक्षेत।
  3. मे चरितं पशुभिः तुल्यम्।
  4. मे चरितं सत्पुरुषै : तुल्यम्।
  5. नृपः बकवत् अर्थान् चिन्तयेत्।
  6. नृपः सिंह: इव पराक्रमेत् ।

उत्तरम् :

  1. कआत्मनःचरितं प्रत्यवेक्षेत?
  2. कदा आत्मन: चरितं प्रत्यवेक्षेत?
  3. मे चरितं कै: तुल्यम्?
  4. मे चरितं कै: तुल्यम्?
  5. नृपः बकवत् कान् चिन्तयेत्?
  6. नृपः कः इव पराक्रमेत्?

सूचनानुसारं कृती: कुरुत।

प्रश्न 1.
विशेषण – विशेष्य – सम्बन्धः।
‘धनम्’ इति शब्दस्य चत्वारि विशेषणनि चिनुत ।
उत्तरम् :
अलब्धम्, लब्धम्, रक्षितम्, वृद्धम्।

लेखनकौशलम् 

  • हर्षः – वर्षाकाले हर्ष : भवेत्। वर्षाकाले प्रमोदः/ आनन्द: भवेत्।
  • वचः – गुरोः वच: अनुकरणीयः। गुरोः व्याहार : अनुकरणीयः।
  • शत्रुः – सः शत्रु: अतीव बलवान् आसीत्। सः रिपुः / वैरी अतीव बलवान् आसीत्।

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

व्याकरणम् :

शब्दानां पृथक्करणम्

नामक्रियापदम्विशेषणम्
विद्या, साधुना, सत्पुरुषैःत्यजेत्, न्यसेत्, निक्षिपेत्, जयेत्दृष्टिपूतम्
विद्याम्, दुःखेपिबेत्, वदेत्, पश्येत्, अर्पयेत्, विनिष्पतेत्वस्त्रपूतम्
वाणीम्, शत्रुभ्याम्समाचारेत्, काक्षेत, प्रत्यवेक्षेत, चिन्तयेत्मन:पूतम्
क्रोधम, पशुभिःरक्षेत्, वर्धयेत्, पराक्रमेत्सत्यपूताम्

समासाः।

समासनामअर्थ:समासविग्रहःसमासनाम्
शोकहर्षाभ्याम्grief and happinessशोकःच, हर्ष:च, ताभ्याम्।इतरेतर द्वन्द्व समास
दृष्टिपूतम्purified by sightदृष्ट्या पूतम्।तृतीया तत्पुरुष समास
वस्त्रपूतम्purified by clothवस्त्रेण पूतम्।तृतीया तत्पुरुष समास
सत्यपूताम्purified with truthसत्येन पूता, ताम्।तृतीया तत्पुरुष समास
मन:पूतम्purified with mindमनसा पूतम्।तृतीया तत्पुरुष समास

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विध्यर्थमाला Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

सुभाषिते हा संस्कृत साहित्याचा अविभाज्य भाग आहे. सुभाषिते कमी शब्दात खोल अर्थ सांगतात. सुभाषिते मनोरंजक तसेच माहितीपर असतात. काही सुभाषिते आपण कसे वागावे, काय करावे, काय करू नये हे सांगतात.

प्रस्तुत पद्य पाठामध्ये अशाच सुभाषितांचा समावेश आहे, जी आपल्याला काय करावे आणि काय करू नये ते सांगतात. “विध्यर्थ’ (विधि-अर्थ) हा शब्द आपल्याला क्रियेची गरज सांगतो.

We know that subhashitas that are an integral part of Sanskrit literature convey a very deep meaning. They are entertaining, as well as informative. Some subhashitas guide us as to how we should behave, what we should do and what are the things we should not do.

As the name suggests विध्यार्थमाला is a collection of beautiful slokas that tell us what we should do and what we should not do. The word foraf (विधि-अर्थ) tells the worth, necessity of an action.

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

श्लोकः 1

सुखार्थी ………………….. सुखम् ।।1।।

श्लोकः : सुखार्थी चेत् त्यजेद्विद्यां विद्यार्थी चेत् त्यजेत्सुखम्।
सुखार्थिनः कुतो विद्या कुतो विद्यार्थिनः सुखम् ।।1।। (अनुष्टुभ्)

अन्वयः सुखार्थी चेत् विद्यां त्यजेत्। विद्यार्थी चेत् सुखं त्यजेत्। सुखार्थिन: विद्या कुतः? विद्यार्थिनः सुखं कुतः?

अनुवादः

सुखाची इच्छा असणाऱ्याने विद्येचा त्याग करावा. विद्येची इच्छा असणाऱ्याने सुखाचा त्याग करावा. सुखाची इच्छा असणाऱ्यांस विद्या कुठून मिळणार? विद्येची इच्छा असणाऱ्यांस सुख कुठून मिळणार?

If a person desires comforts he should give up knowledge. If a person desires knowledge he should give up comforts. From where do the ones yearning for comforts get knowledge? From where do the ones desiring knowledge get comfort?

 Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 विध्यर्थमाला

श्लोकः 2

दृष्टिपूतं …………………….. समाचारेत् ।।2।।

श्लोकः : दृष्टिपूतं न्यसेत् पादं वस्त्रपूतं पिबेत् जलम्।
सत्यपूतां वदेत् वाणीं मनःपूतं समाचारेत् ।।2।। (मनुस्मृतिः) (अनुष्टुभ)

अन्वयः दृष्टिपूतं पादं न्यसेत् । वस्त्रपूतं जल पिबेत् । सत्यपूतां वाणी वदेत् । मन:पूतं समाचरेत्।

अनुवादः

योग्यरीत्या पाहून पाय ठेवावा. वस्त्राने गाळून घेतलेले पाणी प्यावे. सत्याने पवित्र झालेली भाषा बोलावी आणि योग्य रीतीने विचार करुन (मनन करून) वर्तन करावे.

One should take a step after seeing. One should drink water purified by a cloth. One should speak words purified with truth and one should act after thinking.

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श्लोकः 3

धनमलब्ध …………………….. निक्षिपेत् ।।3।।

श्लोकः : धनमलब्धं काङ्क्षत, लब्धं रक्षेत् प्रयत्नतः।
रक्षितं वर्धयेत् सम्यक्, वृद्ध तीर्थेषु निक्षिपेत् ।।3।। (अनुष्टुभ)

अन्वयः : अलब्धं धनं काहक्षेत। लब्ब (धन) प्रयत्नतः रक्षेत्। रक्षितं (धन) सम्यक् वर्धयेत्। वृद्धं (धन) तीर्थेषु निक्षिपेत्।।

अनुवादः

न मिळालेल्या धनाची इच्छा करावी. प्राप्त झालेल्या धनाचे प्रयत्नपुर्वक रक्षण करावे. रक्षण केलेले धन चांगल्या रीतीने वाढवावे. अधिक (वाढलेले) धन तीर्थक्षेत्री / चांगल्या ठिकाणी (कार्यात) दान करावे.

One should wish for wealth which is not obtained. One should protect that which is obtained with efforts. That which is protected should be enhanced properly and the wealth which is enhanced should be put into good use. (given in charity)

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श्लोकः 4

अक्रोयेन ………………. चानृतम् ।।4।।
श्लोकः : अक्रोधेन जयेत् क्रोधम् असाधु साधुना जयेत्।
जयेत् कदयं दानेन जयेत् सत्येन चानृतम् ।।4।।(अनुष्टुभ्)

अन्वयः : अक्रोधेन क्रोधं जयेत् । साधुना असाधुं जयेत् । दानेन कदर्य जयेत् । सत्येन च अनृतम् जयेत्।

अनुवादः

क्रोधाला शांततेने (क्षमेने) जिंकावे, सज्जनाने दुष्टाला जिंकावे (चांगल्याने | वाईटाला जिंकावे), कंजूषपणाला दानाने जिंकावे आणि सत्याने असत्याला जिंकावे.

One should win over anger with calmness. One should win over the wicked with goodness. One should win over miserliness with charity and one should win over falsehood with truth.

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श्लोकः 5

प्रत्यहं ……………………… सत्पुरुषैरिति ।।6।।

श्लोकः : प्रत्यहं प्रत्यवेक्षेत नरश्चरितमात्मनः ।
किन्नु मे पशुभिस्तुल्यं किन्नु सत्पुरुषैरिति ।।6।। (अनुष्टुभ)

अन्वयः नर: आत्मन: चरितं प्रत्यहं प्रत्यवेक्षेत किं नु मे (चरित) पशुभि: तुल्यम्? किं नु (मे चरित) सत्पुरुषैः (तुल्यम्) इति।

अनुवादः

मनुष्याचे स्वत:च्या चारित्र्याकडे (वर्तनाकडे) बारकाईने दररोज पाहावे (आणि विचारावे) “खरेच माझे बर्तन पशूसमान आहे की सज्जनांसमान?”
Man should observe his behaviour daily (and ask) “Did I behave like animals? Or did I behave like good people?”

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सन्धिविग्रहः

  • धनमलब्धम् – धनम् + अलब्धम् ।
  • सिंहवच्च – सिंहवत् + च।
  • वृकवच्च – वृकवत् + च।

विरुद्धार्थकशब्दाः

  • त्यजेत् × स्वीकुर्यात, गृह्णीयात् ।
  • सुखम् × दुःखम् ।
  • अलब्धम् × लब्धम्।
  • सत्यम् × असत्यम्।
  • पूतम् × मलिनम्, अस्वच्छम, अमङ्गलम् ।
  • सत्पुरुषाः × दुर्जनाः, खलाः, दुष्टाः।

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समानार्थकशब्दाः

  1. वाणी – वाक्, भाषा, ब्राह्मी, भारती, गिर् ।
  2. पूतम् – पवित्रम्, पावनम् ।
  3. सत्यम् – ऋतम् ।
  4. जलम् – नीरम्, उदकम्, तोयम्, अम्बु, पयः ।
  5. काक्षेत – इच्छेत्।
  6. लब्धम् – प्राप्तम्।
  7. धनम् – वित्तम्, अर्थम्, द्रविणम्।
  8. सम्यक् – सुष्ठु ।
  9. कोधः – रोषः।
  10. असाधुः – दुष्ट, दुर्जनः।
  11. कदर्यम् – कृपणता।
  12. सत्यम् – ऋतम्।
  13. असत्यम् – अनृतम्।
  14. दु:खम् – शोकः।
  15. हर्षः – आनन्दः।
  16. शत्रुः – रिपुः, अरिः, वैरी।
  17. अधिकम् – प्रभूतम्, बहु।
  18. सिंहः – वनराजः, केसरी, मृगेन्द्रः।
  19. शश: – शशकः।
  20. प्रत्यहम् – प्रतिदिनम्।
  21. नरः – मनुजः, पुरुषः।
  22. चरितम् – वर्तनम्।
  23. पशुः – प्राणी, मृगः।
  24. तुल्यः – समः।
  25. सत्पुरुषाः – सज्जनाः।

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शब्दार्थाः

  1. सुखार्थी – one who wishes happiness – सुखाची इच्छा असणारा
  2. चेत् – if – जर
  3. विद्या – knowledge – विद्या, ज्ञान
  4. त्यजेत् – should leave – त्याग करावा
  5. कुतः – from where/how – कुठून
  6. सुखम् – happiness – सुख
  7. दृष्टिपूतम् – after seeing (purified by sight) – नीट पाहून
  8. न्यसेत् – should place – ठेवावे
  9. समाचरेत् – should act – वागावे
  10. काङ्क्षेत – should wish – इच्छा करावी
  11. रक्षेत् – shoul protect – रक्षण करावे
  12. प्रयत्नतः – with efforts – प्रयत्नपूर्वक
  13. वर्धयेत् – should enhance – वाढवावे
  14. सम्यक् – properly – योग्यरीत्या
  15. क्रोध – anger – राग
  16. अक्रोधेन – with calmness – शांततेने
  17. असाधु – wicked – दुष्ट
  18. कदर्यम् – miserliness – कंजूषपणा
  19. अनृतम् – falsehood – असत्य
  20. दुःखे – in sorrow – दुःखात
  21. आत्मानम् – oneself – स्वत:ला
  22. सुखे – in happiness – सुखात
  23. शोकहर्षाभ्याम् – to sorrow and happiness – दु:ख व सुखाला
  24. न अर्पयेत् – should not surrender – समर्पित करू नये
  25. आत्मनः – of oneself – स्वत:चे
  26. चरितम् – behaviour – वर्तन
  27. प्रत्यहम् – everyday – दररोज
  28. प्रत्यवेक्षेत – observe – परीक्षण करावे
  29. तुल्यम् – like – सारखे, तुलना करण्यायोग्य
  30. बकवत् – like a crane – बगळ्याप्रमाणे
  31. सिंहवत् – like a lion – सिंहाप्रमाणे
  32. वृकवत् – like a wolf – लांडग्याप्रमाणे
  33. शशवत् – like a rabit – सश्याप्रमाणे
  34. अवलुम्पेत – should tear down – फाडावे, नामोहरम करावे
  35. विनिष्पतेत् – should get out of – बाहेर पडावे
  36. चिन्तयेत् – should think – विचार करावा
  37. पराक्रमेत् – should be brave – पराक्रम करावा