Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 ठेस

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 10 ठेस Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 10 ठेस

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 10 ठेस Textbook Questions and Answers

कृति

(कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (अ) के लिए)

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 13

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 12
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Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 3.
वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए:
a. सातों तारे मंद पड़ गए।
b. ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी।
c. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
d. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।
उत्तर:
a. सातों तारे मंद पड़ रहे हैं।
b. ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी!
c. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
d. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।

(अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘कला और कलाकार का सम्मान करना हमारा दायित्व है’, इस कथन पर अपने विचारों को शब्दबद्ध कीजिए।
उत्तर:
हमारे देश की संस्कृति में लोक कलाओं की सशक्त पहचान रही है। ये मूलतः ग्रामीण अंचलों में अनेक जातियों व जनजातियों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी संरक्षित पारंपरिक कलाएँ हैं। लोक कला का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना कि भारतीय ग्रामीण सभ्यता का। लोक कलाओं में लोकगीत, लोकनृत्य, गायन, वादन, अभिनय, मूर्तिकला, काष्ठकला, धातुकला, चित्रकला, हस्तकला आदि का समावेश होता है। हस्तकला ऐसे कलात्मक कार्य को कहते हैं, जो उपयोगी होने के साथ-साथ सजाने के काम आता है तथा जिसे मुख्यतः हाथ से या साधारण औजारों की सहायता से ही किया जाता है।

ऐसी कलाओं का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व होता है। वर्तमान में लोक कलाओं और कलाकारों को उचित प्रश्रय न मिलने के कारण अनेक लोक कलाओं पर संकट उत्पन्न हो गया है। धीरे-धीरे समय परिवर्तन, भौतिकतावाद, पश्चिमीकरण तथा आर्थिक संपन्नता के कारण परंपरागत लोक कलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जनता व प्रशासन दोनों को ही लोक कलाओं और कलाकारों की पहचान नष्ट होने से बचाने के प्रयास करने चाहिए।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
कोष्ठक की सूचना के अनुसार निम्न वाक्यों का काल परिवर्तन कीजिए:

a. अली घर से बाहर चला जाता है। (सामान्य भूतकाल)
—————————————————————
b. आराम हराम हो जाता है। (पूर्ण वर्तमानकाल एवं पूर्ण भविष्यकाल)
—————————————————————
c. सरकार एक ही टैक्स लगाती है। (सामान्य भविष्यकाल)
—————————————————————
d. आप इतनी देर से नाप-तौल करते हैं। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
—————————————————————
e. वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते हैं। (पूर्ण भूतकाल एवं अपूर्ण भविष्यकाल)
—————————————————————
f. वे पुस्तक शांति से पढ़ते हैं। (अपूर्ण भूतकाल)
—————————————————————
g. सातों तारे मंद पड़ गए। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
—————————————————————
h. मैंने खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कहा। (अपूर्ण भूतकाल)
—————————————————————
उत्तर:
a. अली घर से बाहर चला गया।
b. (अ) आराम हराम हो गया है।
(ब) आराम हराम हो चुका होगा।
c. सरकार एक ही टैक्स लगाएगी।
d. आप इतनी देर से नाप-तौल कर रहे हैं।
e. (अ) उन्होंने बाजार से नई पुस्तक खरीदी थी।
(ब) वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते रहेंगे।
f. वे पुस्तक शांति से पढ़ रहे थे।
g. सिरचन ने मुस्कराकर पान का बीड़ा मुँह में ले लिया।
h. मैं खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कह रहा था।

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प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्य का काल पहचानकर निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 3
उत्तर:
मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा था – अपूर्ण भूतकाल

1. सामान्य वर्तमानकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाता हूँ।
2. सामान्य भविष्यकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाऊँगा।
3. अपूर्ण भविष्यकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाता रहँगा।
4. पूर्ण वर्तमानकाल  मानू को ससुराल मैंने ही पहुँचाया है।
5. सामान्य वर्तमानकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही गया।
6. अपूर्ण वर्तमानकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जा रहा हूँ।
7. पूर्ण भूतकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही गया था।
8. पूर्ण भविष्यकाल  मानू को ससुराल पहुंचाने में ही जा चुका हूँगा।

उपयोजित लेखन

प्रश्न.
‘पुस्तक प्रदर्शनी में एक घंटा’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लेखन कीजिए।
उत्तर:
पुस्तकें अनमोल होती हैं। वे हमारी सबसे अच्छी मित्र होती हैं, क्योंकि वे ज्ञान-विज्ञान का भंडार होती हैं। व्यक्ति आते हैं और चले जाते हैं परंतु उनके श्रेष्ठ विचार, ज्ञान, संस्कृति, सभ्यता, मानवीय मूल्य पुस्तकों के रूप में जीवित रहते हैं। पुस्तक प्रदर्शनी और मेले हमारे लिए वरदान हैं। ये पाठकों और लेखकों का संगम होते हैं। प्रत्येक वर्ष अगस्त में पुणे में कोरेगाँव पार्क में पुस्तक प्रदर्शनी और मेले का आयोजन किया जाता है। अनेक पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक वहाँ आते हैं। इस बार मैं भी उस प्रदर्शनी में गया।

स्टालों पर पुस्तकें बड़े आकर्षक ढंग से सजी हुई थीं। सभी स्तर और रुचि के लोगों के लिए वहाँ यथेष्ट सामग्री थी। इतिहास, भूगोल, ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, धर्म, भाषा, यात्रा, जीवन-वृत्त आदि सभी विषयों की पुस्तकें वहाँ थीं। अनेक स्कूलों के विद्यार्थी वहाँ आए हुए थे। बच्चे-बड़े सभी पुस्तकें खरीदने में व्यस्त थे या उनको देख-पढ़ रहे थे। कुछ लोग ग्रुप में खड़े पुस्तकों पर चर्चा कर रहे थे। मेरे पास समय का अभाव था। मैंने अपने और छोटे भाई के लिए मुंशी प्रेमचंद का कहानी-संग्रह तथा हिंदी का एक शब्दकोश खरीदा।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 10 ठेस Additional Important Questions and Answers

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गद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
कारण लिखिए:
गाँव के लोग अब सिरचन को खेत-खलिहान की मजदूरी के लिए इसलिए नहीं बुलाते:
उत्तर:
लोग उसको बेकार ही नहीं, बेगार’ समझते हैं। दूसरे मजदूर खेत पर पहुँचकर एक-तिहाई काम कर चुकते हैं, तब पगडंडी पर तौल-तौलकर पाँव रखता हुआ, धीरे-धीरे कहीं सिरचन राय हाथ में खुरपी डुलाता हुआ दिखाई पड़ेगा।

प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) तुम्हारी भाभी ने कहाँ से बनाना सीखी हैं?
(ii) लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
(iii) मुफ्त में मजदूरी देनी हो, तो और बात है।
उत्तर:
(i) मुफ्त में मजदूरी देनी हो, तो और बात है।
(ii) मैं पहले ही पूछ लेता, भोग क्या-क्या लगेगा?
(iii) तुम्हारी भाभी ने कहाँ से बनाना सीखी है?

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 6

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 4.
एक शब्द में उत्तर लिखिए:
(i) बिना मजदूरी दिए जबरदस्ती लिया गया काम – …………………………..
(ii) बाँस की तीलियों से बना परदा – …………………………..
उत्तर:
(i) बिना मजदूरी दिए जबरदस्ती लिया गया काम- बेगार।
(ii) बाँस की तीलियों से बना परदा- चिक।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘खेत-खलिहान की मजदूरी इस विषय में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
भारत गाँवों और खेतों का देश है। यहाँ आज भी देश की दो-तिहाई जनता खेती से जुड़ी है। खेत हैं, खेती है तो मजदूर भी जरूरी हैं। मजदूर और किसान एक-दूसरे के पूरक हैं। मजदूर के बिना किसानों का काम असंभव-सा होता है। फसल की बुआई, गुड़ाई, निराई, सिंचाई आदि के काम के लिए मजदूरों की आवश्यकता होती ही है। भूमिहीन मजदूर परिवार बहुत गरीब होते हैं। उनके पास अपनी जमीन नहीं होती। उन्हें रोजी-रोटी के लिए दूसरों के खेतों में काम करना पड़ता है। फसल की बुआई और कटाई के समय तो बड़े किसानों के खेतों में उन्हें काम और मजदूरी मिल जाती है, परंतु पूरे वर्ष काम नहीं मिल पाता। ऐसे समय इन मजदूरों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मजदूरी के अन्य कार्य करने पड़ते हैं। बार-बार कर्ज लेना पड़ता है।

गद्यांश क्र. 2
प्रश्न, निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 11
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 12

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प्रश्न 2.
गलत वाक्य सही करके लिखिए:
(i) दूध, घी, मलाई न मिले तो कोई बात नहीं किंतु बात में जरा भी झाला सिरचन नहीं बरदाश्त कर सकता।
(ii) आज तो अब अधकपाली दर्द के कारण मन ठीक नहीं है। थोड़ा-सा रह गया है, किसी दिन आकर पूरा कर दूंगा।
उत्तर:
(i) दूध में कोई मिठाई न मिले तो कोई बात नहीं किंतु बात में जरा भी झाला सिरचन नहीं बरदाश्त कर सकता।
(ii) आज तो अब अधकपाली दर्द से माथा टनटना रहा है। थोड़ा-सा रह गया है, किसी दिन आकर पूरा कर दूंगा।

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) सिरचन जाति का यह है – [ ]
(ii) बिना इसके पेट भर भात पर काम करने वाला कारीगर – [ ]
(iii) सिरचन को लोग यह भी समझते हैं – [ ]
(iv) ऐसे बहुत-से काम हैं जिन्हें इसके सिवा गाँव में कोई नहीं जानता – [ ]
उत्तर:
(i) सिरचन जाति का यह है – [कारीगर]
(ii) बिना इसके पेट भर भात पर काम करने वाला कारीगर – [मजदूरी]
(iii) सिरचन को लोग यह भी समझते हैं – [चटोर]
(iv) ऐसे बहुत-से काम हैं जिन्हें इसके सिवा गाँव में कोई नहीं जानता – [सिरंचन]

प्रश्न 4.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 14

गद्यांश क्र. 3.
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 15
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 17

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।
(ii) मँझली भाभी का मुँह लटक गया।
(iii) मॅझली भाभी से रहा नहीं गया।
उत्तर:
(i) रंगीन सुतलियों में झब्बे डालकर सिरचन चिक बुनने बैठा।
(ii) मैंझली भाभी से रहा नहीं गया।
(iii) मँझली भाभी का मुँह लटक गया।

प्रश्न 3.
कारण लिखिए:
मझली भाभी का मुँह लटक गया –
उत्तर:
मझली भाभी का प्रस्ताव सुनकर सिरचन ने कहा कि बहुरिया, मोहर छापवाली धोती के साथ रेशमी कुर्ता देने पर भी ऐसी चीज नहीं बनती। मानू दीदी का दूल्हा अफसर है। सिरचन की बात सुनकर मझली भाभी का मुँह लटक गया।

प्रश्न 4.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
(i) मानू के दूल्हे ने पहले ही बड़ी भाभी को –
(ii) मोहर छापवाली धोती नहीं, मुंगिया लड्डू, बेटी की बिदाई के समय –
उत्तर:
(i) मानू के दूल्हे ने पहले ही बड़ी भाभी को लिखकर चेतावनी दे दी है।
(ii) मोहर छापवाली धोती नहीं, मुँगिया लड्डू, बेटी की विदाई के समय रोज मिठाई जो खाने को मिलेगी।

प्रश्न 5.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 16
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 18

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘मन लगाकर काम करना एक गुण है’ इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
किसी भी काम को मन लगाकर अर्थात तन्मयता से करना एक गुण है। उसका फल भी हमें मिलता है। मन लगाकर किए गए काम के परिणाम हमेशा उत्तम होते हैं। जिस काम को करने में मन लगता है, वह कभी बोझ नहीं लगता। जो काम मन मारकर करना पड़े, वह बोझ बन जाता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो एक किनारे खड़े होकर नाव की तलाश करते हैं अर्थात उचित काम और अवसर की तलाश करते रहते हैं और वह अवसर कभी नहीं आता, वे जिंदगी भर इंतजार ही करते रहते हैं। कुछ लोग नौकरी में मन लगाकर काम ही नहीं करना चाहते। दूसरे साथी जब मेहनत और लगन से काम करके प्रोन्नति पाकर आगे बढ़ जाते हैं, तो ईष्या के वश होकर उन्हें अधिकारियों का चमचा आदि कहते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

गद्यांश क्र. 4
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
ये वाक्य किसने, किससे कहे हैं? लिखिए:
(i) आज सिरचन को कलेवा किसने दिया है?
(ii) अरी मँझली, सिरचन को बुंदिया क्यों नहीं देती?
(iii) बँदिया मैं नहीं खाता, काकी!
(iv) किसी के नैहर-ससुराल की बात क्यों करेगा वह?
उत्तर:
(i) आज सिरचन को कलेवा किसने दिया है? – लेखक ने माँ से कहा है।
(ii) अरी मँझली, सिरचन को बुंदिया क्यों नहीं देती? – लेखक की माँ ने मँझली भाभी से कहा है।
(iii) बुंदिया मैं नहीं खाता, काकी- सिरचन ने लेखक की माँ से कहा है।
(iv) किसी के नैहर-ससुराल की बात क्यों करेगा वह? – चाची ने लेखक की माँ से कहा है।

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) सिरचन को काम में मगन होकर खाने-पीने की यह न रहती।। – [ ]
(ii) चिक में सुतली के फंदे डालकर सिरचन ने इस पर निगाह डाली। – [ ]
(iii) मानू यह सजाकर बाहर बैठकखाने में भेज रही थी। – [ ]
(iv) अरी मैंझली, सिरचन को यह क्यों नहीं देती। – [ ]
उत्तर:
(i) सिरचन को काम में मगन होकर – खाने-पीने की यह न रहती। – [सुध]
(ii) चिक में सुतली के फंदे डालकर – सिरचन ने इस पर निगाह डाली। [सूप]
(iii) मानू यह सजाकर बाहर बैठकखाने में भेज रही थी। – [पान]
(iv) अरी मँझली, सिरचन को यह क्यों नहीं देती। – [बँदियाँ]

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 19
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 20

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कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘बहू के मायके की आलोचना करना उचित नहीं है इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।।
उत्तर:
कहा जाता है कि बेटियों का असली घर उनका ससुराल होता है। जिसे असली घर बताया जाता है, यानि कि ससुराल, वहाँ अकसर बहू को बेगाना समझा जाता है। ससुराल में बहू को कोई हक नहीं होता कि वह अपनी इच्छा से कुछ कर सके। हर छोटी-बड़ी बात के लिए उसे ससुरालवालों की आज्ञा की आवश्यकता होती है। बहू सबकी इच्छाओं का ख्याल रखती है, सबका सम्मान करती है, पर बहू का सम्मान अकसर नहीं किया जाता। स्थिति तब और भी भयंकर हो जाती है, जब ससुरालवाले समय-असमय बहू के मायके की आलोचना करने लगते हैं।

मायकेवालों ने क्या भेजा है, बहू क्या लाई है? आदि प्रश्न घरवाले ही नहीं, कभी-कभी अड़ोस-पड़ोसवालों की जुबान पर भी आने लगते हैं। लड़केवाले प्रायः समझते हैं कि उनका दर्जा लड़कीवालों से ऊँचा है। बात-बात पर बह के मायकेवालों की उपेक्षा की जाती है। उनमें मीन-मेख निकाली जाती है। परिणामस्वरूप, बहू के मन में ससुराल के प्रति विद्वेष की भावना आ जाती है। हमें बहू के मायकेवालों का सम्मान करना होगा। तभी बहू भी ससुरालवालों को सम्मान देगी। हमेशा उनसे कुछ लेने की अपेक्षा करना उचित नहीं है।

गद्यांश क्र.5
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखिए:
*(i) सिरचन ने छोटी चाची से माँगा –
(ii) सिरचन की घरवाली ने यह बुनी थी –
उत्तर:
(i) सिरचन ने छोटी चाची से माँगा – गमकौआ जर्दा।
(i) सिरचन की घरवाली ने यह बुनी थी – शीतलपाटी।

प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) सिरचन ने मुस्कराकर पान का बीड़ा मुँह में ले लिया।
(ii) चाची कई कारणों से जली-भुनी रहती थी सिरचन से।
(iii) बस, सिरचन की उँगलियों में सुतली के फंदे पड़ गए।
उत्तर:
(ii) चाची कई कारणों से जली-भुनी रहती थी सिरचन से।
(ii) बस, सिरचन की उँगलियों में सुतली के फंदे पड़ गए।
(iii) सातों तारे मंद पड़ गए।

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प्रश्न 3.
कारण लिखिए:
(i) मेरा कलेजा धड़क उठा… हो गया सत्यानाश!
(ii) सातों तारे मंद पड़ गए।
उत्तर:
(i) चाची ने सिरचन को बुरी तरह डाँटा था। मैं जानता था कि सिरचन बड़ा स्वाभिमानी है। अब वह मानू की ससुराल के लिए चिक और शीतलपाटी बनाएगा भी या नहीं।
(ii) सिरचन बड़ा स्वाभिमानी था। चाची ने उसे बुरी तरह डाँटा तो वह उस चिक को, जिसे उसने बड़े मन से बनाना शुरू किया था, अधूरी छोड़कर चला गया।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘सिरचन काम अधूरा छोड़कर चला गया। क्या यह उचित था’ इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
लेखक की चाची के बुरा-भला कहने पर सिरचन नाराज होकर काम अधूरा छोड़कर चला गया। इसे किसी भी प्रकार उचित नहीं कहा जा सकता। सिरचन अच्छी तरह जानता था कि चिक और पटेर की शीतलपाटियाँ मानू के अफसर दूल्हे की फरमाइश पर बनवाई जा रही हैं। मानू उन्हें लेकर ही ससुराल जाएगी। फिर भी उसने काम पूरा . नहीं किया और चला गया। यह सिरचन ने ठीक नहीं किया। उसने एक बार भी नहीं सोचा कि दूल्हे की फरमाइश पूरी न होने की स्थिति में मानू को ताने सुनने पड़ सकते हैं। सास-ससुर व घर के अन्य सदस्यों की नाराजगी का शिकार होना पड़ सकता है। उस समय वह मानू, जिसके प्रति सिरचन के मन में भी स्नेह था, कितनी दुखी होगी। सिरचन का काम अधूरा छोड़कर जाना मुझे उचित नहीं लगा। (विद्यार्थी अपने ३ विचार लिखें।)

गद्यांश क्र. 6
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
ये वाक्य किसने, किससे कहे हैं? लिखिए:
(i) यह भी बेजा नहीं दिखलाई पड़ता, क्यों मानू?
(ii) चाची और मँझली भाभी की नजर न लग जाए इसमें भी!
(iii) मानू दीदी कहाँ हैं? एक बार देखू।
(iv) ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी!
उत्तर:
(i) यह भी बेजा नहीं दिखलाई पड़ता, क्यों मानू? – बड़ी भाभी ने मानू से कहा है।
(ii) चाची और मँझली भाभी की नजर न लग जाए इसमें भी! – लेखक ने बड़ी भाभी से कहा है।
(iii) मानू दीदी कहाँ हैं? एक बार देखू। – सिरचन ने लेखक से कहा है।
(iv) यह मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी! – सिरचन ने मानू से कहा है।

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प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) मानू फूट-फूटकर रो रही थी।
(ii) मानू कुछ नहीं बोली!… बेचारी!
(iii) मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जा रहा था।
उत्तर:
(i) मानू कुछ नहीं बोली!… बेचारी!
(ii) मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा था।
(iii) मानू फूट-फूटकर रो रही थी।

प्रश्न 3.
दो ऐसे प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) सिरचन ने
(ii) मानू।
उत्तर:
(i) किसने दाँत से जीभ को काटकर दोनों हाथ जोड़ दिए?
(ii) मोहर छापवाली धोती का दाम कौन देने लगी?

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति था’ इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति है। वह एक उच्चकोटि का कलाकार है। चिक, शीतलपाटी आदि बनाने में पूरे क्षेत्र में उसका कोई सानी नहीं है। लेखक का परिवार, विशेष रूप से उनकी माँ का सिरचन बहुत आदर करता है। लेखक की माँ भी सिरचन की कला का सम्मान करती है। शायद इसीलिए लेखक की चाची उससे जली-भुनी रहती है। भावुक होने के कारण सिरचन को किसी के द्वारा टोका जाना तनिक भी बर्दाश्त नहीं होता। इसीलिए चाची के बुरा-भला कहने पर वह नाराज होकर काम अधूरा छोड़कर चला जाता है।

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परंतु सिरचन जानता है कि चिक, शीतलपाटी आदि सभी चीजों के लिए मानू के अफसर पति ने फरमाइश की थी। उसे मानू से स्नेह था। अतः नाराज होने के बावजूद वह मानू के लिए वे सारी चीजें बनाता है और इतनी सुंदर कि लेखक भी उसकी कारीगरी देखकर दंग रह जाता है। सिरचन स्वयं उन्हें लेकर स्टेशन आता है। मानू जब माँ द्वारा कही गई मोहर छापवाली धोती का दाम सिरचन को देना चाहती है तो वह दोनों हाथ जोड़कर मना कर देता है।

उपक्रम/कृति/परियोजना

प्रश्न.
लेखनीय
लोक कलाओं के नामों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:

  • मधुबनी
  • जादोपाटिया
  • कलमकारी
  • कांगड़ा
  • गोंड
  • चित्तर
  • तंजावुर
  • थंगक
  • पातचित्र
  • पिछवई
  • पिथोरा
  • फड़
  • बाटिक
  • यमुनाघाट
  • वरली।

प्रश्न.
पठनीय
देश की आत्मा गाँवों में बसती है, गांधी जी के इस विचार से संबंधित लेख पदिए तथा इस पर स्वमत प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
हमारा देश कृषिप्रधान देश है। यह गाँवों का देश है। भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। सरित-सरोवर, झील-जलाशय, विविध विटप, वन-पर्वत, खेत-खलिहान और सहज-स्वाभाविक जीवन शैली सब गाँवों में ही उपलब्ध हो सकती है। आज भी भारत की 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या गाँवों में बसती है। परंतु देश के आर्थिक विकास का लाभ गाँववासियों को संख्या के अनुपात में नहीं मिल पाता। आज भी असंख्य गाँव देश की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाए हैं। गाँवों की समस्याएँ चाहे गरीबी हो, सामाजिक हो, पेयजल हो या बिजली, सड़क, शिक्षा आदि हों, इन्हें कभी भी गंभीर रूप से नहीं लिया गया। शहर के निकट बसे गाँवों में तो फिर भी विकास की संभावनाएं बनी रहती हैं, परंतु दूर-दराज के पिछड़े गाँवों के विकास के प्रति प्रशासन का ध्यान ही नहीं जाता। देखा जाए तो गाँवों की प्रगति से ही पूरे देश की प्रगति जुड़ी है, क्योंकि गाँवों से ही हमारी प्रत्येक आवश्यकता अनाज, वस्त्र, कागज, ईंधन, उद्योगों के लिए कच्चा माल आदि की पूर्ति होती है।

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प्रश्न.
संभाषणीय
आपकी तथा परिवार के किसी बड़े सदस्य की दिनचर्या की तुलना कीजिए तथा समानता एवं अंतर बताइए।
उत्तर:
मैं दसवीं कक्षा की छात्रा हूँ और उसी स्कूल में पढ़ती हूँ, जहाँ मेरी माँ वाइस प्रिंसिपल हैं और हिंदी की प्राध्यापिका हैं। हम दोनों आठ बजे बस से स्कूल जाते हैं और दो बजे घर लौटते हैं। माँ सुबह जल्दी जगती हैं। नाश्ता और दोपहर का खाना बनाती हैं। मुझे जगाती हैं। स्वयं तैयार होती हैं। फिर हम स्कूल के लिए निकलते हैं। स्कूल से घर आकर मैं कपड़े बदलती हूँ, तब तक माँ खाना गरम करती हैं। खाना खाते समय हम दोनों स्कूल व मेरी पढ़ाई के विषय में बातें करते हैं। उसके बाद हम दोनों लगभग एक घंटा विश्राम करते हैं। चार बजे माँ फिर से काम पर लग जाती हैं।

विद्यार्थियों का गृहकार्य-कक्षाकार्य आदि जाँचना, कभी परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र बनाना और कभी परीक्षा की उत्तर-पुस्तिकाएँ जाँचना, हर दिन माँ के पास स्कूल से संबंधित काम होता ही है। मैं भी उनके पास बैठकर पढ़ती हूँ। छह-साढ़े छह बजे माँ रात के खाने की तैयारी के लिए रसोई में जाती हैं। इस बीच मैं अपनी सहेलियों के साथ कुछ देर खेलने चली जाती हूँ। आठ बजे पिता जी के आने के बाद हम तीनों खाना खाते हैं। उसके बाद मैं पढ़ती हूँ और ग्यारह बजे सो जाती हूँ।

प्रश्न.
श्रवणीय
महाराष्ट्र में चलाए जाने वाले लघु उद्योगों की जानकारी रेडियो/दूरदर्शन पर सुनिए और इसके मुख्य मुद्दों को लिखिए।
उत्तर:
महाराष्ट्र में चलाए जाने वाले लघु उद्योग और क्षेत्र:

  • कोल्हापुरी चप्पलें (कोल्हापुर)
  • वरली पेंटिंग (ठाणे)
  • लकड़ी के खिलौने (सावंतवाडी)
  • गंजीफा (सावंतवाडी)
  • चाँदी का काम (हुपरी)
  • बीदरी काम (बीदर)
  • दरी (विदर्भ)
  • बाँस का सामान (रायगड, ठाणे)
  • पीतल के संगीत वाद्य (ताल, झाँझ, घंटे)

ठेस Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : कलाकार किसी भी धर्म, जाति और वर्ग का हो, उसे अपनी कला पर अभिमान होता है। वह स्वाभिमान के मूल्य को समझता है और उसकी रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहता है। जाति या धर्म के नाम पर जब उसके स्वाभिमान पर आघात होता है तो वह उसे बरदाश्त नहीं करता।

प्रस्तुत कहानी में सिरचन नामक एक ग्रामीण कलाकार का वर्णन किया गया है। वह मोथी घास और पटेर की रंगीन शीतलपाटी (चटाई), बाँस की तीलियों की झिलमिलाती चिक, सतरंगे डोर के मोढ़े, भूसी-चुन्नी रखने के लिए पूँज की रस्सी के बड़े-बड़े जाले, ताल के सूखे पत्तों की छतरी-टोपी आदि उपयोगी वस्तुएँ बनाता है। ये वस्तुएँ बनाकर वह अपनी आजीविका कमाता है। स्वाभिमानी होने के कारण वह हर परिस्थिति में अपने स्वाभिमान की रक्षा करता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 लक्ष्मी

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 2 लक्ष्मी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 2 लक्ष्मी

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 2 लक्ष्मी Textbook Questions and Answers

सूचना के अनयुार कृहत्‍ँ कीहजए:

प्रश्न 1.
संजाल पूण् कीहजए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 1
उत्तर:

प्रश्न 2.
उचित घटनाक्रम लगाकर वाक्य फिर से लिखिए:
१. उसके गले में रस्सी थी।
२. रहमान बड़ा मूर्ख है।
३. वह लक्ष्मी को सड़क पर ले आया।
४. उसने तुम्हें बड़ी बेदर्दी से पीटा है।
उत्तर:
(i) उसने तुम्हें बेदर्दी से पीटा है।
(ii) रहमान बड़ा मूर्ख है।
(iii) उसके गले में रस्सी थी।
(iv) वह लक्ष्मी को सड़क पर ले आया।

प्रश्न 3.
उततर हलखखए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 2

उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 21

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प्रश्न 4.
गलत वाक्य, सही करके लिखिए:
१. करामत अली पिछले चार सालों से गाय की सेवा करता चला आ रहा था।
२. करामत अली को लक्ष्मी की पीठ पर रोगन लगाने के बाद इत्मीनान हुआ।
उत्तर:
(i) करामत अली पिछले एक साल से गाय की सेवा करता चला आ रहा था।
(ii) करामत अली को लक्ष्मी की पीठ पर रोगन लगाने के बाद भी इत्मीनान नहीं हुआ।

प्रश्न 5.
हनम्हलखखत मयु्दो के आधार पर वर्णन कीहजए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 3
उत्तर:

प्रश्न 6.
कारण हलखखए:
a. करामत अली लक्ष्मी के हलए सानी तैयार करने लगा।
b. रमजानी ने करामत अली को रोगन हदया।
c. रिमान ने लक् को इलाके से भहर तोडा हदया।
d. करामत अली ने लक् को गऊशाला मे भरती हकया।
उत्तर:
a. सुबह से रमजानी या रहमान किसी ने भी लक्ष्मी को चारा, दर्रा कुछ भी नहीं दिया था। लक्ष्मी बहुत भूखी थी।
b. रहमान के मारने के कारण लक्ष्मी की पीठ पर चोट आई थी।
c. रहमान ने सोचा कि लक्ष्मी नाले के पास उगी दूब खाकर पेट भर लेगी।
d. पैसे की तंगी के कारण करामत अली लक्ष्मी के दाने-चारे का प्रबंध नहीं कर पा रहा था। वह लक्ष्मी को भूखों मरता नहीं देख सकता था।

प्रश्न 7.
हिंदी-मराठी मे समोच्ररत शब् के हभन नर् हलखखए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 4
उत्तर:

 हिंदी मराठी
(1) खत  पत्र  खाद
(2) पीठ  पीठ (शरीर का अंग)  आटा
(3) खाना  भोजन  दराज
(4) चारा  उपाय  जानवरों को खिलाने की सामग्री
(5) कल  बीता हुआ अथवा आने वाला समय (कल)  रुझान, प्रवृत्ति

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प्रश्न.
यदि आप करामत अली की जगि पर होते तो’ इस संदभ् मे अपने हिचार लिखिए।
उत्तर:
करामत अली दोस्त को दिए गए वचन को निभाने वाला और पशु की पीड़ा समझने वाला इन्सान है। यदि करामत अली की जगह मैं होती/होता तो मैं भी वही करती/करता, जो करामत अली ने किया। जब हम किसी पशु को पालते हैं, तो उसकी सुख-सुविधा और खाने-पीने की उचित व्यवस्था करना हमारी जिम्मेदारी होती है। यदि मेरे समक्ष करामत अली जैसी स्थिति (आर्थिक संकट) उत्पन्न होती, तो मैं भी अपने पालतू पशु को भूखा मरते देखने या उसे कसाई के हाथों बेचने के स्थान पर किसी अच्छे पशुघर (गऊशाला) में ही दाखिल कराती/कराता। पशुघर में अपने जैसे अन्य पशुओं के साथ मेरा प्रिय पशु भी सुखपूर्वक अपना शेष जीवन बिता सकता। इससे मुझे बहुत संतोष होता।

भाषा बिंदु
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कर वाक्य पुनः लिखिए:

१. ओह कंबख्त ने कितनी बेदर्दी से पीटा है
२. मैंने कराहते हुए पूछा मैं कहाँ हूँ
३. मँझली भाभी मुट्ठी भर बँदियाँ सूप में फेंककर चली गई
४. बड़ी बेटी ने ससुराल से संवाद भेजा है उसकी ननद रूठी हुई है मोथी की शीतलपाटी के लिए
५. केवल टीका नथुनी और बिछिया रख लिए थे
६. ठहरो मैं माँ से जाकर कहती हूँ इतनी बड़ी बात
७. टाँग का टूटना यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना
८. जल्दी-जल्दी पैर बढ़ा
९. लक्ष्मी चल अरे गऊशाला यहाँ से दो किलोमीटर दर है
१०. मानो उनकी एक आँख पूछ रही हो कहो कविता कैसी रही

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विरामचिह्नों का उपयोग करते हुए बारह-पंद्रह वाक्यों का परिच्छेद लिखिए:

विरामचिह्न वाक्य
?
;
,
!
‘ ’
‘‘ ’’
x x x
— 0 —
……………
( )
[ ]
^
:
-/ Maharashtra Board Solutions

उत्तर:

विरामचिह्न वाक्य
लक्ष्मी बड़ी भयभीत और घबराई हुई थी।
मालिक आज दर्रा-खली कुछ नहीं।
? कौन खरीदेगा इस बूढ़ी गाय को?
; हिंदी साहित्य के विकास; उन्नति में डायरी का भी योगदान है।
, देखो, मुझे गाय बेचनी ही नहीं है।
! ये देखो चाचाजी!
‘ ’ गोआ में ‘सी-फूड’ की अधिकता है।
‘‘ ’’ “ऐसी कोई विशेष बात नहीं है।”
x x x हे ग्रामदेवता नमस्कार xxx
– ० – इस तरह राजा – ० – रानी सुख से रहने लगे।
…………… तुम इस गाय को लेकर क्या करोगे…..?
( ) रवींद्रनाथ ठाकुर का [(बंगला भाषा) अनुवादित (अनूदित)] साहित्य सभी पढ़ते हैं।
[ ] रवींद्रनाथ ठाकुर का [(बंगला भाषा) अनुवादित (अनूदित)] साहित्य सभी पढ़ते हैं।
^ मामा जी आगरा से आएँगे।
: मनु (हँसते हुए): मैंने तो लड्डू का डिब्बा देखा भी नहीं।
-/ परीक्षार्थी उत्तीर्ण/अनुत्तीर्ण में से एक तो अवश्य होगा।

प्रश्न.
हकसी पालतूप्री की आतमकरा हलखखए।
उत्तर:
ऐसे अनेक जानवर हैं, जो या तो संख्या में कम हैं या बदलते पर्यावरण और परभक्षण मानकों के कारण लुप्तप्राय हो रहे हैं। साथ ही वनों की कटाई के कारण भोजन और पानी की कमी हो जाना भी इनकी आबादी कम होने का कारण है। भारतीय वन्थ जीवों में अनूप मृग, चौसिंगा, कस्तूरी मृग, नीलगाय, चीतल, कृष्णमृग, एक सींग वाला गैंडा, सांभर, गोर, जंगली सूअर आदि दुर्लभ प्रजातियाँ हैं।

पर्यावरण संतुलन में इन जीवों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इन प्रजातियों में बड़ी तेजी से गिरावट आ रही है। भारत में स्तनपायी वन्य जीवों की 81 प्रजातियाँ संकटग्रस्त हैं। इनमें से कुछ हैं-शेर, चीता, बाघ, सफेद तेंदुआ, गैंडा, जंगली भैंसा, जंगली सूअर, लाल पांडा, चिम्पैंजी, नीलगिरि लंगूर, बारहसिंगा, कस्तूरी मृग, नीलगिरि हिरन, चौसिंगा हिरन, कश्मीरी हिरन आदि।

कुत्ते की आत्मकथा
मैं गलियों में मारा-मारा फिरने वाला एक कुत्ता हूँ। मैंने अपने जीवन में बहुत सुख-दुख सहे हैं। मैं आपको अपनी व्यथा-कथा सुनाता हूँ।

मेरी माँ एक किसान-परिवार की पालतू कुतिया थी। उसी के घर में मेरा जन्म हुआ था। मेरा रंग दूध की तरह सफेद था। बच्चे-बूढ़े सभी मुझे प्यार से उठा लेते थे। वे मुझे गोद में लेकर सहलाते। लोग मुझे तरह-तरह की चीजें खाने के लिए देते थे। मैं बहुत खुश था।

एक दिन उस किसान ने मुझे एक अमीर आदमी के हाथों सौंप दिया। मेरा मालिक मुझे पाकर बहुत खुश हुआ। वह मेरा बहुत ख्याल रखता था। वह मुझे ‘टॉमी’ कहकर बुलाता था। जहाँ भी जाता, वह अपने साथ मुझे ले जाता था।

मैं भी अपने मालिक की बहुत सेवा करता था। रात के समय में उसके बँगले की रखवाली करता था। मालिक के बच्चे मुझे बहुत प्यार करते थे। लेकिन सब दिन एक समान नहीं होते। धीरे-धीरे मेरा स्वास्थ्य गिरने लगा। मैं कमजोर होता चला गया। न मैं अब पहले जैसा ताकतवर रहा और न ही सुंदर। इसलिए मेरे प्रति मालिक और उसके परिवार का रुख बदल गया।

मेरे बुढ़ापे ने मुझे कहीं का नहीं रखा। मुझे अब अपना जीवन बोझ-सा लगने लगा है। मैं पेट भरने के लिए मारा-मारा फिरता हूँ। जिसके दरवाजे पर पहुँचता हूँ, वही दो डंडे जमा देता है। (यहाँ पर ‘कुत्ते की आत्मकथा’ नमूने के रूप में दी गई है। विद्यार्थी अपनी पसंद के पालतू प्राणी की आत्मकथा लिखें।)

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Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 2 लक्ष्मी Additional Important Questions and Answers

गद्यांश क्र. 1
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)
(1) कारण लिखिए:
(i) रहमान ने लक्ष्मी की पीठ पर डंडे बरसा दिए।
उत्तर:
(i) लक्ष्मी ने दूध नहीं दिया था।

(2) संजाल पूर्ण कीजिए:

उत्तर:

कृति 2: (आकलन)
• संजाल पूर्ण कीजिए:

उत्तर:

कृति 3: (शब्द संपदा)
(1) गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
(i) …………………
(ii) …………………
(iii) …………………
(iv) …………………
उत्तर:
(i) उछलती-कूदती
(ii) दो – चार
(iii) धीरे-धीरे
(iv) इधर-उधर।

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(2) निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदलकर लिखिए:
(i) गाय
(ii) बेटी
(iii) रस्सी
(iv) खूटा।
उत्तर:
(i) गाय – बैल
(ii) बेटी – बेटा
(iii) रस्सी – रस्सा
(iv) खूटा – खूटी।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
पालतू जानवरों के साथ किए जाने वाले सौहार्दपूर्ण व्यवहारों के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
जानवरों का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्त्व है। इसलिए प्राचीन काल से पशु मनुष्य के साथी रहे हैं। गाय, बैल, भैंस, कुत्ता, घोड़ा आदि जानवर हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं। पालतू पशु मनुष्य के परिवार के सदस्य जैसे होते हैं। हमें उन्हें प्रेम से पालना चाहिए। हमें उनके प्रति सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखना चाहिए। उन्हें उचित समय पर अच्छी खुराक देनी चाहिए।

उनकी साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। पशु मूक प्राणी होते हैं। वे अपना दुख-दर्द बता नहीं सकते। इसलिए मनुष्य को उनके भोजन के साथ-साथ उनकी भावनाओं को भी समझना जरूरी है। ये जानवर हमारे प्रति भी सद्व्यवहार और स्नेह रखते हैं। उनकी अच्छी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है।

गद्यांश क्र. 2
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)
(1) संजाल पूर्ण कीजिए:
(i)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 11
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 14

(ii)

उत्तर:

(iii)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 13
उत्तर:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 16

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(2) आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) लक्ष्मी शांत खड़ी जख्मों पर यह लगवाती – [ ]
(ii) लक्ष्मी की पीठ पर रोगन लगाने के बाद भी करामत अली को यह नहीं हुआ – [ ]
उत्तर:
(i) लक्ष्मी शांत खड़ी जख्मों पर यह लगवाती रही – [तेल]
(ii) लक्ष्मी की पीठ पर रोगन लगाने के बाद भी करामत अली को यह नहीं हुआ – [इत्मीनान]

कृति 2: (आकलन)
(1) उत्तर लिखिए:
(i)

उत्तर:

(ii)

उत्तर:

कृति 3: (शब्द संपदा)
(1) निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) बरस
(ii) गाय
(iii) दूध
(iv) जरूरत।
उत्तर:
(i) बरस – साल
(ii) गाय – धेनु
(iii) दूध – दुग्ध
(iv) जरूरत – आवश्यकता।

(2) निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए:
(i) निशानी
(ii) समस्या
(iii) बेटी
(iv) जरूरत।
उत्तर:
(i) निशानी – निशानियाँ
(ii) समस्या – समस्याएँ
(iii) बेटी – बेटियाँ
(iv) जरूरत – जरूरतें।

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(3) गद्यांश में प्रयुक्त उर्दू शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) ……………….
(ii) ……………….
(iii) ……………….
(iv) ……………….
उत्तर:
(i) मवेशी
(ii) शौक
(iii) जरूरत
(iv) खुशनसीबी।

(4)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 25
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 26

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
पशुपालन के विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आदि मानव जब से एक स्थान पर समूह बनाकर रहने और खेती करने लगा, तभी से मनुष्यों और पशुओं का साथ रहा है। कृषि कार्य में उसे कई पशुओं को पालतू बनाना पड़ा था। भारतीय समाज में पशुपालन की परंपरा तभी से चली आ रही है। देश के प्रत्येक कृषक की यह इच्छा रहती है कि उसके पास बैलों की एक जोड़ी और एक गाय अवश्य हो।

ये जानवर उसके लिए मात्र खेती में काम आने वाले, दूध देने वाले, सवारी तथा रखवाली के काम आने वाले ही नहीं होते, वरन ये कृषक परिवार का अभिन्न अंग होते हैं। घर के सभी सदस्यों को इनसे अत्यंत प्रेम होता है। ये अपने बच्चों के समान इन पशुओं के खान-पान और इनकी सुख-सुविधा का ध्यान रखते हैं।

गद्यांश क्र. 3

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)
कारण लिखिए:
(a) करामत अली लक्ष्मी को बेचना नहीं चाहता था।
उत्तर:
(a) करामत अली जानता था कि बूढ़ी लक्ष्मी को अगर कोई खरीदेगा तो वह उसे काट-काटकर बेचने के लिए ही खरीदेगा।

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कृति 2: (आकलन)
(1) आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 27
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 29

(2) उत्तर लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 28
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 30

(ii) रमजानी ने संदूकची से यह निकाला – [ ]
उत्तर:
(ii) रमजानी ने संदूकची से यह निकाला – [बीस का एक नोट]

कृति 3: (शब्द संपदा)
(1) निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) विशेष
(ii) बूढ़ी
(iii) आसान
(iv) बेचना।
उत्तर:
(i) विशेष x सामान्य
(ii) बूढ़ी x युवा
(iii) आसान x कठिन
(iv) बेचना x खरीदना।

(2) निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) दूध
(ii) परेशानी
(iii) जमाना
(iv) सानी।
उत्तर:
(i) दूध – पुल्लिंग
(ii) परेशानी – स्त्रीलिंग
(iii) जमाना – पुल्लिग
(iv) सानी – स्त्रीलिंग।

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कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
मानव और पशु के संबंध के विषय में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आदि-मानव पशुओं का शिकार पेट भरने के लिए करता था। कालांतर में उसने पशुओं का शिकार छोड़कर कृषि करना सीखा, साथ ही पशुओं को पालकर उनसे काम लेना प्रारंभ किया। गाय, बैल, घोड़ा और कुत्ता आदि हमारे बहुत अच्छे मित्र हैं। उनसे हमारे अनेक कार्य सिद्ध होते हैं। पशु अपनी मित्रता में सदा खरे उतरे हैं। उन्होंने मानव की हर तरह से सेवा की है। कुत्ता एक स्वामिभक्त जानवर है। अपने मालिक के लिए यह अपने प्राण भी न्योछावर कर देता है। सुरक्षा करने, मार्ग दिखाने आदि में कुत्ता अतुलनीय भूमिका निभाता है। संकट में फंसे लोगों को बचाने में भी कुत्ते बहुत कुशल होते हैं। कुत्तों में सूंघने की अद्भुत शक्ति होती है। कुत्ते पुलिस के काम में बहुत सहायता करते हैं।

गद्यांश क्र.4
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)
(1) (i) आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 31
उत्तर:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 34

(ii)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 32
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 35

(2) संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 33
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 36

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कृति 2: (आकलन)
(1) कारण लिखिए:
(i) लक्ष्मी को कांजी हाउस में पहुँचाने की धमकी देना
(ii) माँ-बेटे को आश्चर्य होना
(iii) रहमान ने लक्ष्मी को इलाके से बाहर छोड़ दिया।
उत्तर:
(i) क्योंकि लक्ष्मी दूसरे व्यक्ति की गाय का सब चारा खा गई है।
(ii) क्योंकि लक्ष्मी एक-डेढ घंटे बाद ही घर के सामने खड़ी थी।

(2) केवल एक/दो शब्दों में उत्तर लिखिए:
(i) करामत अली इस समय ड्यूटी से लौटा – ……………………….
(ii) दूसरों की गाय का चारा खाने वाली – ……………………….
(ii) रमजानी इसकी बातें सुनती रही – ……………………….
(iv) लक्ष्मी को देखकर आश्चर्यचकित होने वाले – ……………………….
उत्तर:
(i) दोपहर बाद।
(ii) लक्ष्मी
(iii) आगंतुक की।
(iv) माँ – बेटे।

(3) आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 37
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 38

कृति 3: (शब्द संपदा)
(1) निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए: –
(i) दिन
(ii) घर
(iii) माँ
(iv) आश्चर्य।
उत्तर:
(i) दिन = दिवस
(ii) घर = सदन
(iii) माँ = जननी
(iv) आश्चर्य = अचरज।

(2) निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए:
(i) इलाका
(ii) आँखें
(iii) गली
(iv) नाला।
उत्तर:
(i) इलाका – इलाके
(ii) आँखें – आँख
(iii) गली – गलियाँ
(iv) नाला – नाले।

(3) लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) रस्सी – ……………………….
(ii) झाड़-झंखाड़ – ……………………….
उत्तर:
(i) रस्सी-स्त्रीलिंग
(ii) झाड़-झंखाड़-पुल्लिग।

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(4) गद्यांश में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्द के भिन्न-भिन्न अर्थ लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 39
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 40

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘कांजी हाउस में पशुओं के रखरखाव’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
कांजी हाउस सरकार द्वारा संचालित एक केंद्र (पशुधर) होता है। यहाँ उन पशुओं को रखा जाता है, जो लावारिस इधर-उधर घूमते रहते हैं और खेतों में घुसकर लोगों की फसल को नुकसान पहुँचाते हैं। शिकायतकर्ता इन पशुओं को कांजी हाउस में भेज देते हैं। इन पशुओं का नियमपूर्वक रिकॉर्ड रखा जाता है। इनके मालिक जब इन्हें लेने आते हैं तो उनसे जुर्माना वसूल कर पशु उनके हवाले कर दिए जाते हैं। यदि लंबे समय तक किसी पशु की खोज-खबर लेने कोई नहीं आता, तो उसे नीलाम कर दिया जाता है। कांजी हाउस में इन पशुओं के खान-पान का कोई ध्यान नहीं रखा जाता।

गद्यांश क्र. 5
कृति 1: (आकलन)
(1) दो ऐसे प्रश्न बनाकर लिखिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) लक्ष्मी
(ii) गऊशाला में।
उत्तर:
(i) टुकड़े-टुकड़े होकर कौन बिक जाएगी?
(ii) करामत अली लक्ष्मी को कहाँ भरती करा देगा?

(2) संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 41
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 42

कृति 2: (आकलन)
(1) संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 43
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 लक्ष्मी 44

(2) कारण लिखिए:
(a) लक्ष्मी बिना किसी रुकावट के करामत अली के पीछे-पीछे चली आ रही थी।
उत्तर:
(a) लक्ष्मी करामत अली के प्रेम को पहचानती थी। वह जानती थी कि करामत अली उसे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

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(3) एक-दो शब्दों में उत्तर लिखिए:
(i) रमजानी ने किसके चेहरे के भाव भाँप लिए?
(ii) रमजानी कहाँ खड़ी लक्ष्मी को बाहर ले जाते देखती रही?
उत्तर:
(i) करामत अली
(ii) दरवाजे पर।

कृति 3: (शब्द संपदा)
(1) निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) दोस्त
(ii) रात
(iii) सवेरा
(iv) बाहर।
उत्तर:
(i) दोस्त x दुश्मन
(ii) रात x दिन
(iii) सवेरा x साँझ
(iv) बाहर x भीतर।

(2) गद्यांश में प्रयुक्त उर्दू के शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) ………………..
(ii) ………………..
(ii) ………………..
(iv) ………………..
उत्तर:
(i) किस्मत
(ii) खुद
(iii) हुज्जत
(iv) इत्मीनान।

(3) गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
(i) ………………..
(ii) ………………..
(ii) ………………..
(iv) ………………..
उत्तर:
(i) मुँह-हाथ
(ii) पीछे-पीछे
(iii) थके-माँदे
(iv) खाए-पिए।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)
प्रश्न, सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
1. शब्द भेद:
• अधोरेखांकित शब्दों का शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) वह लक्ष्मी को किसी भी हालत में बेचना नहीं चाहता था।
(ii) रामू ने देखा कि दूध नदारद!
(iii) राशन के लिए कुछ रुपए रखे थे।
उत्तर:
(i) वह – पुरुषवाचक सर्वनाम ।
(ii) दूध – द्रव्यवाचक संज्ञा।
(iii) कुछ – संख्यावाचक विशेषण।

2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) और
(ii) जहाँ
(iii) अरे!
(iv) अरे रे!
उत्तर:
(i) लक्ष्मी ने चारे को सूंघा और फिर उसकी ओर निराशा से देखने लगी।
(ii) जहाँ इसकी किस्मत में होगा, वहीं छोड़ आऊँगा।
(iii) अरे। लक्ष्मी जल्दी चल।
(iv) अरे रे! साँप ने उसे काट लिया।

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3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
निराशा  …………………… ……………………
अथवा
…………………..  अति + अंत ……………………

उत्तर:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
निराशा निः + आशा विसर्ग संधि
अथवा
अत्यंत  अति + अंत स्वर संधि

4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) रमजानी काम में जुट गई।
(ii) रहमान ने लक्ष्मी को घर से निकालने के लिए कमर कस ली।
(iii) लक्ष्मी ने घास छोड़ दिया।

सहायक क्रिया  मूल रूप
(i) गई  जाना
(ii) ली  लेना
(iii) दिया  देना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) मिलना
(ii) पीना
(iii) बनना।
उत्तर:

क्रिया  प्रथम प्रेरणार्थक रूप  द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) मिलना  मिलाना  मिलवाना
(ii) पीना  पिलाना  पिलवाना
(i) बनना  बनाना  बनवाना

6. मुहावरे:
(1) मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) चंपत होना
(ii) कमर कसना
(iii) ताँता लगना
उत्तर:
(i) चंपत होना।
अर्थ: गायब होना।
वाक्य: पुलिस को देखकर चोर चंपत हो गया

(ii) कमर कसना।
अर्थ: तैयार होना।
वाक्य: अकाल का मुकाबला करने के लिए लोगों ने कमर कस ली

(iii) ताँता लगना।
अर्थ: कतार लग जाना, भीड़ लगना।
वाक्य: गांधी जी के दर्शनों के लिए आश्रम में हमेशा लोगों का तांता लगा रहता।

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(2) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए गए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए: (पैर पकड़ना, जान में जान आना, ताँता बंध जाना)
(i) वर्षा होने पर किसानों को धीरज प्राप्त हुआ
(ii) रमण ने पिता जी से क्षमा याचना की
उत्तर:
(i) वर्षा होने पर किसानों की जान में जान आई
(ii) रमण ने पिता जी के पैर पकड़े

7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उनका भेद लिखिए:
(i) कंबख्त ने कितनी बेरहमी से पीटा है।
(ii) लक्ष्मी ने आज भी दूध नहीं दिया।
(iii) उसने लक्ष्मी के माथे पर हाथ फेरा।
उत्तर:
(i) बेरहमी से-करण कारक
(ii) लक्ष्मी ने-कर्ता कारक
(iii) माथे पर-अधिकरण कारक।

8. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) लक्ष्मी उसकी ओर देखती है। (अपूर्ण भूतकाल)
(ii) रहमान लक्ष्मी को मारता है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(iii) लक्ष्मी बड़ी घबराई हुई है। (पूर्ण भूतकाल)
उत्तर:
(i) लक्ष्मी उसकी ओर देख रही थी।
(ii) रहमान ने लक्ष्मी को मारा है।
(iii) लक्ष्मी बड़ी घबराई हुई थी।

9. वाक्य भेद:
(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) रमजानी खड़ी थी और आगंतुक की बातें सुन रही थी।
(ii) जो भी गाय के पास जाता, वह उसे सिर मारने की कोशिश करती।
उत्तर:
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य।

(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए:
(i) करामत अली ने लक्ष्मी की पीठ सहलाई। (निषेधवाचक वाक्य)
(ii) यह तुम्हारा पुराना धंधा है। (प्रश्नवाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) करामत अली ने लक्ष्मी की पीठ नहीं सहलाई।
(i) क्या यह तुम्हारा पुराना धंधा है?

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10. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए:
(i) लक्ष्मी की आँख में आँसू आई।
(ii) नईम का आवाज करामत के कान में पहुंचा।
(iii) मामला लक्ष्मी को गऊशाला ले जाने पर ठिक हो गई।
उत्तर:
(i) लक्ष्मी की आँखों में आँसू आए
(ii) नईम की आवाज करामत के कान में पहुंची
(iii) मामला लक्ष्मी को गऊशाला ले जाने पर ठीक हो गया

लक्ष्मी Summary in Hindi

लक्ष्मी विषय – प्रवेश :

लक्ष्मी मवेशियों के शौकीन ज्ञान सिंह की अधेड़ उम्र की प्रिय गाय थी। नौकरी से अवकाश के बाद ज्ञान सिंह को मकान खाली करने की नौबत आई तो लक्ष्मी को रखने की समस्या आई। उसका हल उन्होंने निकाला अपने पड़ोसी और दोस्त करामत अली को लक्ष्मी को सौंप देने से। करामत अली जी – जान से लक्ष्मी की सेवा करते थे, पर जब लक्ष्मी ने दूध देना बंद कर दिया, तो वह उनके परिवार के लिए समस्या बन गई।

प्रस्तुत कहानी में कहानीकार गुरुबचन सिंह ने एक ओर मित्र को दिए गए वचन के पालन पर बल दिया है, तो दूसरी ओर प्राणिमात्र के प्रति दया – भावना को प्रतिपादित किया है। कहानी में दर्शाया गया है कि अनुपयोगी हो जाने के बाद भी पालतू प्राणियों की उचित देखभाल करना आवश्यक है।

लक्ष्मी मुहावरे – अर्थ

  • मुँह मारना – जल्दी – जल्दी खाना।
  • गला भर आना – भाव विह्वल होना, आवाज भर आना।
  • हाथ थामना – सहारा देना।
  • कोरा जवाब देना – साफ मना करना।
  • तैश में आना – आवेश (जोश) में आना।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा

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Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 5 गोवा : जैसा मैंने देखा

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा Textbook Questions and Answers

कृति

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 29
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 26

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 30
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 9

प्रश्न 3.
लिखिए
a. नीले पानीवाला पथरीला –
b. रेतीला तथा उथला –
c. सबसे लंबा –
d. मछुआरों की पहली पसंद –
उत्तर:
(i) नीले पानीवाला पथरीला – अंजुना बीच
(ii) रेतीला तथा उथला – बेनालियम बीच
(iii) सबसे लंबा – कलिंगवुड बीच
(iv) मछुआरों की पहली पसंद – बेनालियम बीच।

प्रश्न 4.
सूची बनाइए:

गोवा का प्राकृतिक सौंदर्य दर्शाने वाले वाक्य
१.
२.
३.
४. Maharashtra Board Solutions

उत्तर:

गोवा का प्राकृतिक सौंदर्य दर्शाने वाले वाक्य
(i) हरीतिमा से भरपूर
(ii)  खूबसूरत सफेद रेतीले समुद्र तट
(iii) चंद्रमा की चाँदनी में नहाया समुद्र
(iv) गहरा नीला पानी।

प्रश्न 5.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 32

उत्तर:
(1) नवरात्रि की परंपराएँ –
(i) घरों में, गली-मोहल्लों में माँ दुर्गा की घटस्थापना।
(ii) लड़कियों द्वारा गरबा का पर्व मनाना।

(ii) दशहरा की परंपराएँ –
(1) सुबह लोग अपने वाहनों की सफाई करके उनकी पूजा करते हैं।
(2) शाम को भगवान की एक पालकी मंदिर ले जाई जाती है और लोग एक विशेष पेड़ की पत्तियाँ तोड़कर एक-दूसरे को देकर बधाई देते हैं।

प्रश्न 6.
‘बेनालिया’, ‘अंजुना’ तथा ‘कलिंगवुड’ बीच की विशेषताएँ:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 33
उत्तर:
बेनालियम –
(1) यह बीच उथला और रेतीला है।
(2) यहाँ सुबह-सुबह बड़ी मात्रा में मछलियाँ पकड़ी जाती हैं।
(3) यह बीच मछुआरों की पहली पसंद है।

अंजुना –
(1) यह गहरा और नीले पानीवाला खूबसूरत बीच है।
(2) इस पथरीले बीच के एक ओर लंबी-सी पहाड़ी है।
(3) यह बीच बॉलीवुड की पहली पसंद है। यहाँ कई हिट फिल्मों की शूटिंग हुई है।

कलिंगवुड –
(1) यह काफी रेतीला बीच है।
(2) यह बीच 3 से 4 किमी. तक फैला हुआ है।
(3) यह गोवा का सबसे लंबा बीच है।

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प्रश्न 7.
सोचिए और लिखिए:
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उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 28

अभिव्यक्ति-

प्रकृति को सुंदर बनाए रखने में मेरा योगदान’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
हम इस ब्रह्मांड के सबसे सुंदर, हरियाली से युक्त और बेहद आकर्षक ग्रह धरती पर निवास करते हैं। प्रकृति हम इन्सानों को ईश्वर द्वारा दिया गया सबसे खूबसूरत उपहार है। सुंदर पुष्प, आकर्षक पक्षी, वनस्पति, नीला आकाश, भूमि, समुद्र, जंगल, पर्वत, पठार, सूरज, चाँद इस सुंदर प्रकृति का हिस्सा हैं। स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति बहुत आवश्यक है। मैं इस बात का सदा ध्यान रखता हूँ कि यथासंभव प्रकृति की रक्षा कर सकूँ। मैं जब भी बाहर पार्क या बगीचे में जाता है, अनावश्यक रूप से किसी भी फूल-पत्ते को नहीं तोड़ता।

वहाँ खेलते हुए बच्चों को भी फूल-पत्ते तोड़ने से मना करता हूँ, उन्हें समझाता हूँ। मैं एक स्काउट लीडर हूँ। प्रकृति को बचाने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास करता हूँ। अन्य स्काउट्स के साथ मिलकर रैली निकलवाता हूँ कि घर के बाहर कचरा न फैलाएँ, प्लास्टिक की थैलियों के स्थान पर कपड़े के थैलों का प्रयोग करें।

भाषा बिंद

प्रश्न 1.
कोष्ठक में दी गई संज्ञाओं से विशेषण संलग्न हैं। नीचे दी गई सारिणी में संज्ञा तथा विशेषणों को भेदों सहित लिखिए: [भयभीत गाय, नीला पानी, दस लीटर दूध, चालीस छात्र, कुछ लोग, दो गज जमीन, वही पानी, यह लड़का]

संज्ञा  भेद  विशेषण  भेद
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….
………………………….

उत्तर:

संज्ञा  भेद  विशेषण  भेद
(1) गाय  जातिवाचक  भयभीत  गुणवाचक
(2) पानी  द्रव्यवाचक  नीला  गणवाचक
(3) दूध  द्रव्यवाचक  दस लीटर  परिमाणवाचक
(4) छात्र  जातिवाचक  चालीस  संख्यावाचक
(5) लोग  समूहवाचक  कुछ सार्वनामिक
(6) जमीन  जातिवाचक  दो गज  परिमाणवाचक
(7) पानी  द्रव्यवाचक  वही  सार्वनामिक
(8) लड़का  जातिवाचक  यह  सार्वनामिक

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प्रश्न 2.
उपर्युक्त संज्ञा-विशेषणों की जोड़ियों का स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(i) भयभीत गाय – लाठियों के डर से भयभीत गाय इधर-उधर दौड़ रही थी।
(ii) नीला पानी – झील का नीला पानी चाँद की रोशनी में चमक रहा था।
(iii) दस लीटर दूध – हमारी गाय दोनों समय दस लीटर दूध देती है।
(iv) चालीस छात्र – स्वाति की कक्षा में चालीस छात्र हैं।
(v) कुछ लोग – छत पर कुछ लोग चहलकदमी कर रहे हैं।
(vi) दो गज जमीन – औरंगजेब सारी उम्र युद्ध करता रहा। अंत में उसे अपनी दिल्ली में दो गज जमीन भी नहीं मिली।
(vii) वही पानी – यह वही पानी है, जो कल भरा था।
(viii) यह लड़का – यह लड़का चोर नहीं है।

प्रश्न 3.
पाठ में प्रयुक्त विशेषणों को ढूँढ़कर उनकी सूची बनाइए।
उत्तर:

  • समुद्री
  • खूबसूरत
  • सफेद
  • सांस्कृतिक
  • शांत
  • शीतल
  • स्थानीय
  • रोमांचक
  • सुस्वादु
  • शाकाहारी।।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों में आई हुईं सहायक क्रियाओं को अधोरेखांकित कीजिए तथा उनका अर्थपूर्ण वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i). टैक्सी एक पतली-सी सड़क पर दौड़ पड़ी।
वाक्य = ……………………………..

(ii). शरीर को कुछ समय के लिए विश्राम मिल जाता है।
वाक्य = ……………………………..

(iii). हम आराम करने के इरादे से अपने-अपने स्यूट चले गए।
वाक्य = ……………………………..

(iv). फिर भी धूप तीखी ही होती जाती है।
वाक्य = ……………………………..

(v). सबके बावजूद यह अपने में एक सांस्कृतिक विरासत भी समेटे हुए हैं।
वाक्य = ……………………………..

(vi). इधर बच्चे रेत का घर बनाने लगे।
वाक्य = ……………………………..

(vii). अब समुद्र स्याह और भयावह दिखने लगा।
वाक्य = ……………………………..

(viii). यहाँ सुबह-सुबह बड़ी मात्रा में मछलियाँ पकड़ी जाती हैं।
वाक्य = ……………………………..
उत्तर:
(i) टैक्सी एक पतली-सी सड़क पर दौड़ पड़ी।
वाक्य – गोली की आवाज सुनकर उड़ती हुई चिड़िया नीचे गिर पड़ी।

(ii) शरीर को कुछ समय के लिए विश्राम मिल जाता है।
वाक्य – सरदियों में सूरज जल्दी छिप जाता है।

(iii) हम आराम करने के इरादे से अपने-अपने स्यूट में चले गए।
वाक्य – बिटिया के विदा होते ही सारे मेहमान चले गए।

(iv) फिर भी धूप तीखी ही होती है।
वाक्य – प्रातःकाल आकाश की आभा मनोरम होती है।

(v) सबके बावजूद यह अपने में एक सांस्कृतिक विरासत भी समेटे हुए है।
वाक्य – जल्दी कक्षा में पहुँचो, विद्यार्थी खाली बैठे हुए हैं।

(vi) इधर बच्चे रेत का घर बनाने लगे।
वाक्य – पिता जी तेजी से दौड़ने लगे।

(vii) अब समुद्र स्याह और भयावह दिखने लगा।
वाक्य – बेटा, अब उठो। सूरज दिखने लगा।

(viii) यहाँ सुबह-सुबह बड़ी मात्रा में मछलियाँ पकड़ी जाती हैं।
वाक्य – गुजरात में मकर संक्रांति के दिन सुबह से रात तक पतंग उड़ाई जाती हैं।

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प्रश्न 5.
पाठ में प्रयुक्त दस सहायक क्रियाएँ छाँटकर लिखिए।
उत्तर:

  • हो उठता है।
  • चले आते हैं।
  • देते हैं।
  • जा पहुँचा।
  • हो गए।
  • रुक गई।
  • पकड़े हुए है।
  • भाग रहे थे।
  • दौड़ पड़ी।
  • बटौं हुआ है।

उपयोजित लेखन-

विजय/विजया मोहिते, वरदा सोसाइटी, विजयनगर, कोल्हापुर से व्यवस्थापक, औषधि भंडार, नागपुर को पत्र लिखकर आयुर्वेदिक औषधियों की माँग करता/करती है।
उत्तर:
5/7/2020
सेवा में,
व्यवस्थापक महोदय,
औषधि भंडार,
नागपुर।
विषय: आयुर्वेदिक औषधियाँ मँगाने के लिए पत्र।

महोदय,
मैं कोल्हापुर निवासी विजय/विजया हूँ। मुझे कुछ आयुर्वेदिक औषधियों की आवश्यकता है, जो हमारे यहाँ उपलब्ध नहीं हैं। कृपया आप निम्नलिखित औषधियाँ शीघ्रातिशीघ्र भेजकर अनुगृहीत
करें:
(1) कायम चूर्ण 10 शीशी (50 ग्राम)
(2) सुदर्शन धनवटी 3 शीशी (50 ग्राम)
(3) खदिरादि वटी 2 शीशी (50 ग्राम)
(4) शीतोपलादि चूर्ण 5 शीशी (50 ग्राम)

औषधियाँ मिलने पर आपको बैंक ड्राफ्ट द्वारा राशि भेज दी जाएगी।

धन्यवाद।
भवदीया,
विजय/विजया मोहिते
वरदा सोसाइटी,
कोल्हापुर।
ई-मेल आईडी: vijay@xyz.com

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा Additional Important Questions and Answers

कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा प्रश्न 1 (आ) के लिए)

गद्यांश क्र. 1

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

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कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 2

प्रश्न 2.
गलत वाक्यों को सही करके लिखिए:
(i) देश के मध्य में स्थित होने के कारण यह छोटा-सा राज्य प्रत्येक पर्यटक के दिल की धड़कन है।
(ii) शीतल हवा के झोंकों से मन प्रसन्न हो गया और यात्रा की चिंता मिट गई।
उत्तर:
(i) देश के एक कोने में स्थित होने के कारण यह छोटा-सा राज्य प्रत्येक पर्यटक के दिल की धड़कन है।
(ii) शीतल हवा के झोंकों से मन प्रसन्न हो गया और यात्रा की सारी थकान मिट गई।

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए: (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 3
उत्तर:
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प्रश्न 4.
एक-दो शब्दों में उत्तर: लिखिए: (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
(i) लेखक का ध्यान अपनी ओर खींचने वाला – [ ]
(ii) समस्याओं से निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका – [ ]
(iii) लेखक के सफर का साधन – [ ]
(iv) लेखक के मड़गाँव में पहुँचने का दिन – [ ]
उत्तर:
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कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
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उत्तर:
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प्रश्न 2.
उत्तर: लिखिए:
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उत्तर:
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कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
गद्यांश में प्रयुक्त २ प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढकर लिखिए। – (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
(i) _____________
(ii) _____________
उत्तर:
(i) तरंगायित
(ii) प्रत्येक

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों को वर्तनी के नियमानुसार लिखिए:
(i) त्रंगाइत
(ii) आर्कषन
(iii) ओप्चारिक
(iv) खानपुर्ती।
उत्तर:
(i) गाइत -तरंगायित
(ii) आर्कषन -आकर्षण
(iii) ओप्चारिक -औपचारिक
(iv) खानपुर्ती -खानापूर्ति।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए: (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
(i) अप्रसन्न x _____________
(ii) बुरा x _____________
उत्तर:
(i) अप्रसन्न x प्रसन्न
(ii) बुरा x अच्छा।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘आनंद प्राप्ति का साधन: पर्यटन’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
उत्तर:
पर्यटन से हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है। किसी स्थान के बारे में पढ़कर जानकारियाँ प्राप्त करने और उसे प्रत्यक्ष देखने में अंतर होता है। यह सुख हमें पर्यटन से प्राप्त होता है। पर्यटन से हमें भिन्नभिन्न प्रदेशों और देशों के प्रसिद्ध स्थलों एवं धरोहरों को देखने का अवसर मिलता है। उनकी संस्कृतियों, उनके रहन-सहन और रीतिरिवाजों को प्रत्यक्ष देखने का मौका मिलता है। इससे हम एक-दूसरे के करीब आते हैं। वहाँ हुए विकास कार्यों से प्रेरणा लेते हैं। इसके अतिरिक्त पर्यटन से अपने रोजमर्रा के कार्यों से कुछ दिन दूर रहने और निश्चित होकर देश-दुनिया को देखने, उससे कुछ सीखने और अपने आप में सुधार करने तथा तनावों से मुक्त रहने का अवसर मिलता है। इस तरह पर्यटन निश्चित रूप से आनंद प्राप्ति का एक सुंदर और मनोरंजक साधन है।

गद्यांश क्र. 2

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

ति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:

(i) गोवा की __________________ बड़ी अच्छी होती है। (सुबह/शाम/रात)
(ii) __________________ सागर देखने का उत्साह बढ़ता जा रहा था। (अरब/हिंद/बंगाल)
(iii) यही __________________ का सत्य भी है। (लोगों/दुनिया/जीवन)
(iv) __________________ सुस्ताने के लिए किनारे पर बैठ जाते हैं। (कुत्ते/पक्षी/लोग)
उत्तर:
(i) गोवा की शाम बड़ी अच्छी होती है।
(ii) अरब सागर देखने का उत्साह बढ़ता जा रहा था।
(iii) यही जीवन का सत्य भी है।
(iv) पक्षी सुस्ताने के लिए किनारे पर बैठ जाते हैं।

प्रश्न 2.
वाक्य पूर्ण कीजिए:

(i) फिर भी धंसे हुए पैरों को __________________
(ii) मानो, लहर कह रही हो कि __________________
उत्तर:
(i) फिर भी धंसे हुए पैरों को पूरी ताकत से उठा-उठाकर भाग रहे थे।
(ii) मानो, लहर कह रही हो कि बनने के बाद मिटना ही नियति है।

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प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:

(i) (1) लहरों की आवाज – [ ]
(2) बच्चों से मिली सीख – [ ]
(ii)
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उत्तर:
(i) (1) लहरों की आवाज – रणभेरी जैसी।
(2) बच्चों से मिली सीख – जीवन में आशावाद हो, तो कोई काम असंभव नहीं

(ii)
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ति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:

(i) खूबसूरत यह देखते ही मैं उससे जाकर लिपट गया
(ii) बहुत ही खूबसूरत और शांत जगह है यह –
(ii) तभी अचानक इनकी आवाज सुनाई दी
(iv) जल्दी-जल्दी चलने के बाद भी यह तय नहीं हो पा रही थी
उत्तर:
(i) खूबसूरत यह देखते ही मैं उससे जाकर लिपट गया – [समुंदर]
(ii) बहुत ही खूबसूरत और शांत जगह है यह – [बेनालियम]
(iii) तभी अचानक इनकी आवाज सुनाई दी – [लहरों की]
(iv) जल्दी-जल्दी चलने के बाद भी यह तय नहीं हो पा रही थी – [दूरी]

प्रश्न 2.
उत्तर: लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 15
उत्तर:
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कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए:
(i) हवा
(ii) मछली
(ii) लहर
(iv) बच्चे।
उत्तर:
(i) हवा – हवाएँ
(ii) मछली – मछलियाँ
(iii) लहर – लहरें
(iv) बच्चे – बच्चा

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) जगह
(ii) रेत
(iii) जीवन
(iv) सड़क।
उत्तर:
(i) जगह – स्त्रीलिंग
(ii) रेत – पुल्लिग
(iii) जीवन – पुल्लिंग
(iv) सड़क – स्त्रीलिंग।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) शांत
(ii) मुश्किल
(iii) शाम
(iv) खूबसूरत।
उत्तर:
(i) शांत x अशांत
(ii) मुश्किल x आसान
(iii) शाम x सुबह
(iv) खूबसूरत X बदसूरत।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘गोवा की शाम’ के विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर बसे गोवा की खूबसूरती के समान यहाँ की शामें भी अद्भुत होती हैं। जैसे-जैसे शाम होती है, गोवा मस्ती में डूबने लगता है। सागर के तट पर चाँदी जैसी रेत, नीलम जैसा पानी, चर्च, नारियल के पेड़ों का सौंदर्य मन को मोह लेता है। दूर-दूर तक विदेशी सैलानियों की भीड़ दिखाई देती है, कोई उछल रहा है, कोई कूद रहा है, कोई नाच रहा है। बीच पर तरह-तरह के वॉटर स्पोर्ट्स चल रहे हैं।

कहीं मोटरबोट राइडिंग हो रही है, तो कहीं पैराशूट राइडिंग। सैलानियों के लिए क्रूज एक अलग ही आकर्षण होता है। क्रूज अर्थात एक छोटे से स्टीमर में सौ-डेढ़ सौ लोग संगीत की तेज धुन पर थिरकते हुए। यह स्टीमर करीब एक घंटे की घुमावदार परिक्रमा कराता है।

गद्यांश क्र. 3

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
जोड़ियाँ मिलाइए:

‘अ’  ‘आ’
(i) मनोरम  फिल्में
(ii) युवा  बाजार
(iii) हिट दृश्य
(iv) स्थानीय  मस्ती

उत्तर:

‘अ’  ‘आ
(i) मनोरम  दृश्य
(ii) युवा  मस्ती
(iii) हिट  फिल्में
(iv) स्थानीय  बाजार

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 17
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 19

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प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 18

उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 20

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
विधानों के सामने सत्य/असत्य लिखिए:
(i) पानी नीले पत्थरों पर पछाड़ खाता रहता है।
(ii) पानी ने काट-काटकर पत्थरों में छेद कर दिए हैं।
(iii) गोवा की सारी मछलियाँ निर्यात कर दी जाती हैं।
(iv) हम लोग दिन भर पणजी शहर देखते रहे।
उत्तर:
(i) असत्य
(ii) सत्य
(iii) असत्य
(iv) सत्य।

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) समुद्र
(ii) पानी
(iii) पत्थर
(iv) किनारा।
उत्तर:
(i) समुद्र – जलधि
(ii) पानी – सलिल
(iii) पत्थर – पाषाण
(iv) किनारा – तट।

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) ____________
(ii) ____________
(iii) ____________
(iv) ____________
उत्तर:
(i) शूटिंग
(ii) फिल्म
(iii) बॉलीवुड
(iv) बीच।

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प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढ़कर उनके मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए।
(i) ____________
(ii) ____________
(iii) ____________
(iv) ____________
उत्तर:
शब्द – मूल शब्द – प्रत्यय
(i) पथरीला – पत्थर – ईला
(ii) पहाड़ी – पहाड़ – ई
(iii) स्थानीय – स्थान – ईय
(iv) व्यावसायिक – व्यवसाय – ई

गद्यांश क्र. 4

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:

(i) आप भी अपनी ______________ के अनुसार हाथ आजमा सकते हैं। (इच्छा/जेब/रुचि)
(ii) हम यानी मैं और मेरी ______________ दोनों डर भी रहे थे। (पत्नी/बिटिया/माँ)
(iii) कोलबा बीच पर हमने ______________ मछलियाँ देखीं। (व्हेल/डॉल्फिन/शार्क)
(iv) शाम को भगवान की एक ______________ मंदिर ले जाई जाती है। (मूर्ति/फोटो/पालकी)
उत्तर:
(i) आप भी अपनी रुचि के अनुसार हाथ आजमा सकते हैं।
(ii) हम यानी मैं और मेरी पत्नी दोनों डर भी रहे थे।
(iii) कोलबा बीच पर हमने डॉल्फिन मछलियाँ देखीं।
(iv) शाम को भगवान की एक पालकी मंदिर ले जाई जाती है।

प्रश्न 2.
कारण लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 21
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 22

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 23
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 25

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कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
सोचिए और लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 5 गोवा जैसा मैंने देखा 27

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द ढूंढकर लिखिए।

(i) _____________
(ii) _____________
(iii) _____________
(iv) _____________
उत्तर:
(i) बोटिंग
(ii) वॉटर
(iii) स्पोर्ट्स
(iv) पैराग्लाइडिंग।

प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
(i) _____________
(ii) _____________
(iii) _____________
(iv) _____________
उत्तर:
(i) रचा-बसा
(ii) अपनी-अपनी
(iii) एक-दूसरे
(iv) घूमना-फिरना।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘गोवा की संस्कृति’ के विषय में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
सुरम्य सागरतट पर बसा गोवा प्रांत अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनूठी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की संस्कृति काफी प्राचीन है। आजादी से पहले गोवा पुर्तगाल और फ्रांस का उपनिवेश था। इस वजह से आज भी यहाँ के रहन-सहन, खान-पान पर पश्चिमी संस्कृति का पूरा प्रभाव दिखाई देता है। यहाँ लगभग 80 प्रतिशत लोग ईसाई हैं।

गोवा की एक खास बात यह है कि यहाँ के ईसाई समाज में भी हिंदुओं जैसी जाति व्यवस्था पाई जाती है। दक्षिण गोवा में ईसाई समाज का प्रभाव अधिक है, लेकिन वहाँ के वास्तुशास्त्र में हिंदू प्रभाव दिखाई देता है। गोवा में अत्यंत प्राचीन मंदिर पाए जाते हैं, जबकि उत्तर: गोवा में पुर्तगाली वास्तुकला के नमूने ज्यादा दृष्टिगोचर होते हैं।

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भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न.
सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:
अधोरेखांकित शब्दों का शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) मैं उनसे पूछने लगा।
(ii) हम मड़गाँव 23 नवंबर को पहुंचे।
उत्तर:
(i) उनसे – पुरुषवाचक सर्वनाम।
(ii) मड़गाँव – व्यक्तिवाचक संज्ञा।

2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) वहाँ
(ii) कभी-कभी।
उत्तर:
(i) वहाँ! एक मजेदार दृश्य देखने को मिला।
(ii) कभी-कभी कोई जल-पक्षी कुत्तों का शिकार बन जाता है।

3. संधि:
कृति पूर्ण किजिए:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
स्वच्छ  ___________ ___________
अथवा
 सत् + आचार  ___________ ___________

उत्तर:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
स्वच्छ सु + अच्छ स्वर संधि
अथवा
सदाचार सत् + आचार व्यंजन संधि

4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) हम सभी समुद्र की ओर दौड़ पड़े।
(ii) हम दिन भर पणजी शहर देखते रहे।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) पड़े – पड़ना
(i) रहे – रहना

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5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) सुनना
(ii) बनना
(iii) झुकना।
उत्तर:

क्रिया  प्रथम प्रेरणार्थक रूप  द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) सुनना  सुनाना  सुनवाना
(ii) बनना  बनाना  बनवाना
(iii) झुकना  झुकाना  झुकवाना

6. मुहावरे:
(1) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) शिकार होना
(ii) दीवार टूट जाना।
उत्तर:
(i) शिकार होना।
अर्थ: पीड़ित होना।
वाक्य: पुराने जमाने में न जाने कितने गरीब जींदारों के अत्याचारों के शिकार हो जाते थे।

(ii) दीवार टूट जाना।
अर्थ: अड़चन समाप्त हो जाना।
वाक्य: स्त्रियों को समानता का अधिकार मिल जाने से सभी स्त्री-पुरुष के बीच असमानता की दीवार टूट गई।

(2) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए गए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए: (कान पक जाना, भनक पड़ना, कान पकड़ना) थानेदार ने उड़ती हुई बात सुनी कि गाँव में डाकू आने वाले हैं।
उत्तर:
भनक पड़ना। वाक्य: थानेदार के कान में भनक पड़ी कि गाँव में डाकू आने वाले हैं।

7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उनका भेद ‘लिखिए:
(i) गोवा की मांडवी नदी वर्ष भर पानी से भरी रहती है।
(ii) गोवा राज्य दो भागों में बँटा हुआ है।
उत्तर:
(i) पानी से-करण कारक।
(ii) भागों में-अधिकरण कारक।

8. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) दूर दूर तक पानी ही पानी तेज हवा और रस्सियों से हवा में लटके हम
(ii) गोवा यह नाम सुनते ही सभी का मन तरंगायित हो उठता है और हो भी क्यों न यहाँ की प्रकृति आबोहवा जीवनशैली ही ऐसी है
उत्तर:
(i) दूर-दूर तक पानी-ही-पानी, तेज हवा और रस्सियों से हवा में लटके हम।
(ii) गोवा ! यह नाम सुनते ही सभी का मन तरंगायित हो उठता है और हो भी क्यों न, यहाँ की प्रकृति, आबोहवा जीवनशैली ही ऐसी है।

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9. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) मंत्री जी ने लोगों को एक मशवरा दिया। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) गोवा में मुझे मेरे पुराने अध्यापक मिले थे। (सामान्य भूतकाल)
उत्तर:
(i) मंत्री जी ने लोगों को एक मशवरा दिया है।
(ii) गोवा में मुझे मेरे पुराने अध्यापक मिले।

10. वाक्य भेद:
(1) रचना के आधार पर निम्नलिखित वाक्यों का भेद पहचानकर लिखिए:
(i) सबकी अपनी-अपनी सांस्कृतिक परंपरा है।
(ii) डॉल्फिन मछलियाँ छोटी थीं पर बच्चों को आनंद आया।
उत्तर:
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य।

(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) पर्यटन का अपना ही आनंद है। (विस्मयवाचक)
(ii) आशावाद हो तो हर काम संभव है। (निषेधवाचक)
उत्तर:
(i) वाह! पर्यटन का अपना ही आनंद है।
(ii) आशावाद हो तो कोई काम असंभव नहीं है।

11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए:
(i) भाषा ईश्वर का बड़ा देन है।
(ii) पैसेवाली व्यक्ति कटु बोलती है।
उत्तर:
(i) भाषा ईश्वर की बड़ी देन है।
(ii) पैसेवाला व्यक्ति कटु बोलता है।

उपक्रम/कृति/परियोजना

प्रश्न.
गोवा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी पदिए और कालानुक्रम के अनुसार प्रमुख घटनाओं की तालिका बनाइए।
उत्तर:
गोवा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

मौर्य वंश  तीसरी सदी ईसा पूर्व से पहली सदी तक
कोल्हापुर के सातवाहन  पहली सदी से 580 ईसवी तक
बादामी के चालुक्य  580 ईसवी से 750 ईसवी तक
विजयनगर  1312 ईसवी सें1468 तक
दिल्ली सल्तनत  1469 ईसवी से 1510 ईसवी तक
पुर्तगाली शासन  1510 ईसवी से 1960 ईसवी तक

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प्रश्न.
गोवा की प्राकृतिक सुंदरता पर संवाद प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
गोवा की प्राकृतिक सुंदरता पर दो सहेलियों के बीच संवाद:
रुचि: नीनू, बहुत दिनों बाद दिखी। कैसी हो? कहीं बाहर गई थी क्या?

नीनू: हाँ रुचि, हम लोग एक सप्ताह के लिए गोवा गए थे।

रुचि: गोवा! नीनू मैंने सुना है कि गोवा बहुत सुंदर है।

नीनू: सच सुना है रुचि। गोवा इतना सुंदर है कि मेरा तो मन करता था कि वहाँ से वापस ही नहीं आऊँ।

रुचि: मुझे भी तो कुछ बताओ।

नीनू: रुचि, गोवा अपने समुद्र तटों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। साफ नीला पानी, लंबे समुद्र तट, चमचमाती रेत और नारियल के वृक्ष यहाँ की विशेषता है। गोवा में इतनी अधिक हरियाली है कि ऐसा लगता है मानो घरती ने हरी चादर ओढ़ रखी है।

रुचि: ओह! सुनकर ही कितना अच्छा लग रहा है।

नीनू: गोवा के लोग प्रकृति से बहुत प्रेम करते हैं। छोटे-से छोटे घर के आगे भी सुंदर-सुंदर फूल-पौधे जरूर होते हैं। वहाँ बड़ा शांत और मनोरंजक वातावरण है।

रुचि: गोवा के समुद्र तट के बारे में कुछ और बताओ न।

नीनू: वहाँ सागर से आसमान देखकर लगता है मानो नीला आसमान पानी से मिल रहा है। प्रातःकाल में उगता हुआ सूरज ऐसा लगता है, मानो समुद्र में से ही उग रहा हो। इसी तरह सूर्यास्त के समय सूरज का लाल गोला धीरे-धीरे नीचे जाता हुआ अचानक समुद्र में डूबता-सा लगता है। जैसे-जैसे शाम होती है, समुद्र की लहरों का ऊँचा उठन्य शुरू हो जाता है।

गोवा जैसा मैंने देखा Summary in Hindi

गोवा जैसा मैंने देखा विषय–प्रवेश :

प्रस्तुत यात्रा निबंध में विनय शर्मा ने भारत के पश्चिमी तट पर बसे गोवा की प्राकृतिक सुंदरता, वहाँ के लोगों की जीवन शैली, त्योहारों तथा समुद्र तटों का मनोरम, मनोहारी चित्रण किया है। यहाँ के समुद्र तट पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र बिंदु हैं। पश्चिमी फैशन के साथ अपने आप को ढालते हुए भी गोवा अपनी भारतीय परंपरा और सभ्यता को नहीं भूला है।

गोवा जैसा मैंने देखा मुहावरे – अर्थ

  • मन तरंगायित होना – मन उमंग से भरना।
  • निजात पाना – मुक्ति पाना।
  • दो – चार होना – जूझना।
  • जेब ढीली होना – जेब खाली होना, बहुत खर्च होना।

Maharashtra Board Class 10 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Marathi Kumarbharti Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

Marathi Kumarbharti Std 10 Digest Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ Textbook Questions and Answers

प्रश्न. पुढील उतारा वाचा आणि दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा :

कृती १ : (आकलन)

प्रश्न 1.
विधाने पूर्ण करा :
(i) स्वत:च्या कपाळावरचे गोंदण दिसू नये, म्हणून आजी —————
उत्तर :
स्वत:च्या कपाळावरचे गोंदण दिसू नये, म्हणून आजी कपाळावर बुक्का लावत असे.

(ii) वर्ष-दीड वर्षाने जन्मणाऱ्या वासरांमध्ये एकाआड एक खोंड नक्की असे, म्हणून —————–
उत्तर :
वर्ष-दीड वर्षाने जन्मणाऱ्या वासरांमध्ये एकाआड एक खोंड नक्की असे, म्हणून दावणीला कायम कपिलीचे बैल असत.

(iii) सुनांनी चहा करून पिऊ नये, म्हणून —————-
उत्तर :
सुनांनी चहा करून पिऊ नये, म्हणून ढाळजेतून सोप्यात येऊन आजी सक्त पहारा करायची.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

प्रश्न 2.
पुढील मुद्द्यांच्या आधारे आजीचे शब्दचित्र रेखाटा :

(i) आजीचे दिसणे : ——————–
उत्तर :
आजीचे दिसणे : आजीला साडेपाच फूट उंची लाभली होती. तिचा वर्ण गोरा होता. उन्हापावसामुळे तिची त्वचा काळपटली होती. आजीच्या वयाची माणसे कमरेत वाकतात. त्यामुळे चालताना काठी घ्यावी लागते. पण आजी अजूनही ताठ कण्याने चालत होती. अजूनही तिचे सगळे दात शाबूत होते. डोक्यावरचे सगळे केस पिकले होते.

(ii) आजीची शिस्त : ——————–
उत्तर :
आजीची शिस्त : आजीची शिस्त कडक होती. सगळ्यांना सगळी कामे करता आली पाहिजेत, असा तिचा कटाक्ष होता. तिने कामांची वाटणी केली होती. ती कामे आजी सर्व सुनांना आलटूनपालटून करायला लावी. दुपारच्या कामांचेही तिने नियोजन केलेले असे. सुनांनी मुलांच्या बाबतीत आपपरभाव करू नये म्हणून मुलांना खाऊपिऊ घालताना आजीचा सक्त पहारा असे. गल्लीतल्या बायका दुपारी गप्पागोष्टींना येत असत. त्या वेळी ती बायकांनी सांगितलेल्या गोष्टींची शहानिशा करीत असे.

(iii) आजीचे सौंदर्य : —————-
उत्तर :
आजीचे सौंदर्य : आजीचे वय आता सत्तर वर्षांचे होते. उन्हापावसामुळे आजीची त्वचा रापली होती. पण तिचा मूळ गोरा वर्ण लपत नव्हता. तिचे दात मोत्यांसारखे चमकत होते. विशाल कान व धारदार नाक यांनी आजीच्या सौंदर्यात भर पडत होती. चेहऱ्यावर सुरकुत्या पडल्या तरी तिच्या सौंदर्यात उणेपणा आला नव्हता.

(iv) आजीचे राहणीमान : ————-
उत्तर :
आजीचे राहणीमान : त्या काळात इरकली लुगडे उच्च राहणीमानाचे लक्षण होते. हिरव्या व लाल रंगांची नऊवारी इरकली लुगडी व अंगात चोळी हा तिचा पेहराव असे. कपाळावरचं गोंदण दिसू नये म्हणून त्यावर ती बुक्का लावी. ती नेहमी नाली ठोकलेल्या जुन्या वळणाच्या वहाणा वापरत असे.

प्रश्न 3.
चूक की बरोबर सांगा :
(i) राहिलेली अर्धी चरवी घरात आली, की म्हातारी ढाळजंतनं सोप्यात. अवतरायची.
उत्तर :
बरोबर

(ii) आजीच्या डोक्यावरील सर्व केस पांढरे होते……………….
उत्तर :
बरोबर

(iii) सुनांच्या कामाबाबत आजी फारशी काटेकोर नसायची.
उत्तर :
चूक.

कृती २ : (आकलन)

प्रश्न 1.
विधाने पूर्ण करा :
(i) मुलांनी भरपूर खावे-प्यावे व त्यांची आबाळ होऊ नये, म्हणून —————-
उत्तर :
मुलांनी भरपूर खावे-प्यावे व त्यांची आबाळ होऊ नये, म्हणून आजी त्यांना धपाटे घालून घालून खायला घाली.

(ii) प्रत्येक सुनेला प्रत्येक काम आलेच पाहिजे, असा आजीचा आग्रह होता, म्हणून ती ——–
उत्तर :
प्रत्येक सुनेला प्रत्येक काम आलेच पाहिजे, असा आजीचा, आग्रह होता, म्हणून ती रोटेशनप्रमाणे काम बदलत जाई.

(iii) मुलांना दूध प्यायला देण्याबाबत सुना आपपरभाव करतील, अशी भीती आजीला वाटे, म्हणून ————–
उत्तर :
मुलांना दूध प्यायला देण्याबाबतं सुना आपपरभाव करतील, अशी भीती आजीला वाटे, म्हणून ती मुलांना गोठ्यातच दूध प्यायला लावी.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

प्रश्न 2.
पुढीलपैकी चुकीची वाक्ये दुरुस्त करून बरोबर वाक्ये व दुरुस्त केलेली वाक्ये पुन्हा लिहा :
(i) दुपारची कामे आटोपून आजी ढाळजेत यायची.
उत्तर :
दुपारच्या कामांचे नियोजन करून आजी ढाळजेत यायची.

(ii) गाईने पान्हा सोडला की वासराला सोडायचे.
उत्तर :
गाईने पान्हा सोडला की वासराला धरून ठेवायचे.

(iii) आजीच्या घरी एक गावरान गाय होती.
उत्तर :
आमच्या घरी एक गावरान गाय होती.

कृती ३ : (व्याकरण)

प्रश्न 1.
पुढील वाक्यांतील वाक्प्रचार शोधून अधोरेखित करा :
(i) आजीच्या छत्रछायेखाली आमचे सर्व कुटुंब गुण्यागोविंदाने नांदत होते.
उत्तर :
आजीच्या छत्रछायेखाली आमचे सर्व कुटुंब गुण्यागोविंदाने नांदत होते.

(ii) सत्तरीनंतरही आजीच्या हातात काठी आली नव्हती.
उत्तर :
सत्तरीनंतरही आजीच्या हातात काठी आली नव्हती.

प्रश्न 2.
पुढील अधोरेखित शब्दांच्या जाती ओळखा आणि त्यांचे उपप्रकार लिहा :
(i) चार घरच्या चार सुना नांदायला आल्या.
उत्तर :
चार : विशेषण. संख्यावाचक विशेषण.
सुना : नाम. सामान्य नाम.
आल्या : क्रियापद. अकर्मक क्रियापद.

(ii) प्रत्येकीला काम आलंच पाहिजे.
उत्तर :
काम : नाम. भाववाचक नाम.

(iii) आजीला एकाही सुनेचा भरवसा नव्हता.
उत्तर :
ही : शब्दयोगी अव्यय.
भरवसा : नाम. भाववाचक नाम.

(iv) आमच्या घरी एक गावरान गाय होती.
उत्तर :
एक : विशेषण. संख्यावाचक विशेषण.
गावरान : विशेषण. गुणवाचक विशेषण.
गाय : नाम. सामान्य नाम.

कृती ४ : (स्वमत / अभिव्यक्ती)

प्रश्न 1.
तुम्हांला आठवत असलेला किंवा तुमच्या आईबाबांनी सांगितलेला तुमच्या लहानपणचा एखादा प्रसंग लिहा.
उत्तर :
मी लहान होतो तेव्हा सकाळी उठलो की, दात घासून, तोंड धुऊन मी तडक रानातल्या आमच्या वाड्याकडे धावत सुटायचो. कोकणात गुरांच्या गोठ्याला वाडा म्हणतात. तेथे माझे आजोबा माझी वाटच बघत असत. दरदिवशी ते माझ्यासाठी एक तांब्याएवढे मडके भरून दूध गरम करून ठेवत. मी गेलो की, घटाघटा ते दूध पीत असे. त्यानंतर त्या मडक्याला चिकटलेली साय खरवडून खाणे हा माझा मोठा आनंदाचा भाग असे. माझ्या या अखंडित दिनक्रमामुळे कोणत्या गाई-म्हशीचे दूध कोणत्या चवीचे आहे, हे मी सहज ओळखू शकतो. दुधाला एक स्वत:चे माधुर्य असते. दूध पिताना लोक दुधात साखर का घालतात, हे मला अजून कळलेले नाही.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

Marathi Kumarbharti Class 10 Textbook Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ Additional Important Questions and Answers

प्रश्न. पुढील उतारा वाचा आणि दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा :

कृती १ : (आकलन)

प्रश्न 1.
एका शब्दात उत्तर लिहा : (मार्च १९)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 1
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 2

प्रश्न 2.
आकृती पूर्ण करा :
(i)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 3
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 4

(ii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 5
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 6

(iii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 7
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 8

(iv)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 9
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 10

कृती २ : (आकलन)

प्रश्न 1.
दुपारच्या वेळी रूढ खेळांखेरीज मुले ज्या गमतीजमती करीत, त्या लिहा.
उत्तर :

  • वडाच्या पारंब्यांना लटकत, लोंबत राहायचे आणि पारंब्यांच्या टोकाला फुटलेली पिवळी पालवी खात बसायचे.
  • देवळातली घंटा वाजवाजवून झोपलेल्यांची झोपमोड करायची.
  • विहिरीत मनसोक्त पोहायचे.
  • शिवणापानी खेळायचे.
  • हातपाय पोटाशी आवळून घेऊन शरीराचे मुटके करून विहिरीत धडादिशी उड्या घ्यायची.
  • ओल्या अंगाने मातीत लोळायचे आणि पुन्हा पाण्यात इंबायचे आणि शेवटी थकून भागून घरी जायचे.

[टीप : परीक्षेत कोणतीही दोन किंवा चार नावे लिहायला सांगितली जाऊ शकतात.]

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

प्रश्न 2.
बालपणी लाभलेल्या रानमेव्यांची नावे सांगा. (कोणतीही चार नावे लिहा.)
उत्तर :

  • गाभोळ्या चिंचा, मिठाचे खडे व कच्च्या कैऱ्या, बोरे, चिंचेची कोवळी पाने.
  • उंबर, ढाळे, भाजलेली कणसे, हुरडा.
  • कच्ची वांगी, गवार, टोमॅटो, शहाळे.
  • कलिंगड, शिंगाडे (चिबूड), करडीची भाजी, ज्वारीचे कणीस.
  • कवठ, तुरी-मटकीच्या शेंगा, उकडलेल्या शेंगा, कुळथाचे पिठले.

प्रश्न 3.
आकृत्या पूर्ण करा :
(i)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 11
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 12

(ii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 13
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 14

(iii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 15
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 16

प्रश्न 4.
पुढील घटना उताऱ्याच्या आधारे क्रमाने लिहा : (मार्च ‘१९)
(i) म्हातारीची ढाळज सुटायची
(ii) वाडा शांत व्हायचा
(iii) कडुसं पडायच्या आधी मैफिल मोडायची
(iv) माणसं ढाळजंत बसायची
उत्तर :
(iii) कडुसं पडायच्या आधी मैफिल मोडायची
(i) म्हातारीची ढाळज सुटायची
(iv) माणसं ढाळजंत बसायची
(ii) वाडा शांत व्हायचा

कृती ३ : (व्याकरण)

प्रश्न 1.
सहसंबंध लक्षात घेऊन उत्तरे लिहा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 17
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 18

प्रश्न 2.
पुढील बोलीभाषेतील शब्दांना प्रचलित प्रमाण मराठी भाषेतील शब्द शोधून लिहा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 19
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 20

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

प्रश्न 3.
तक्ता पूर्ण करा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 21
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 22

प्रश्न 4.
पुढील वाक्यांतील अधोरेखित शब्दाचे लिंग बदलून वाक्य पुन्हा लिहा :
आजी त्याची संपादक होती. (सराव कृतिपत्रिका-१)
उत्तर :
आजोबा त्याचे संपादक होते.

कृती ४ : (स्वमत / अभिव्यक्ती)

प्रश्न 1.
‘आमची ढाळज म्हणजे गावाचं वर्तमानपत्र होतं,’ या वाक्याचा तुम्हांला कळलेला अर्थ लिहा.
उत्तर :
‘आगळ’ या कादंबरीच्या नायकाची आजी ही त्याच्या घराची सत्ताधीश होती. घरात तिचा वचक होता. घराबाहेरही तिच्या शब्दाला मान होता. दुपारपर्यंतच्या सर्व कामांचे नियोजन करून आजी ढाळजेत यायची. गल्लीतल्या बायकाही जमा व्हायच्या. निवडटिपण करता करता गप्पाटप्पा व्हायच्या. अनेक बातम्या, गुपिते उघड व्हायची. सगळ्याजणी बातम्यांवर चर्चा करीत. त्यातून बातम्यांची शहानिशा व्हायची.

वर्तमानपत्राचे वार्ताहर गावांतून बातम्या आणतात. संपादक या बातम्यांची शहानिशा करतात. मगच त्या बातम्या वर्तमानपत्रात छापल्या जातात. आजीच्या घराची ढाळज वर्तमानपत्रासारखीच होती. तिथे आलेल्या बातम्यांची शहानिशा झाल्यावरच बायका त्या बातम्या गावभर सांगायला मोकळ्या होत.

प्रश्न 2.
तुलना करा / साम्य लिहा :
आगळ : वाड्याचे संरक्षक कवच
आजी : कुटुंबाचे संरक्षक कवच किंवा
‘आजी म्हणजे घराचा आधार’ हे विधान सोदाहरण पटवून दया. (मार्च ‘१९)
उत्तर :
आगळ म्हणजे उंची-रुंदीला नऊ इंच आणि लांबीला सहा फूट असा भक्कम सागवानी वासा. एकदा आगळ लावली की चोऱ्यामाऱ्या होणे किंवा दरोडा पडणे शक्यच नसे. त्यामुळेच ही आगळ म्हणजे वाड्याला संरक्षणाचे एक भरभक्कम कवच लाभले होते.

प्रस्तुत उताऱ्यात आजीची भूमिकाही अगदी याच प्रकारची आहे. आजीमुळे कुटुंबात सुव्यवस्था नांदत होती. सुना आपापसात हेवेदावे करू शकत नव्हत्या. आपली कामे दुसरीवर ढकलू शकत नव्हत्या. सर्व कामे प्रत्येकीला करावी लागत. या वातावरणामुळे कोणावर अन्याय होत नव्हता. कोणालाही तक्रार करायला वावच राहत नसे. आजीमुळे प्रत्येकीला किंवा प्रत्येकाला भरभक्कम संरक्षण मिळाले होते. हे संरक्षण आगळेइतकेच भक्कम होते.

प्रश्न 3.
आगळ लावण्याची/टाकण्याची पद्धत समजावून सांगा.
उत्तर :
आगळ म्हणजे एक सागवानी अवजड वासा होता. त्याच्या एका टोकाला वाघाचा मुखवटा बसवला होता. वाघाच्या जबड्यात एक भक्कम कडी बसवलेली होती. त्या कडीला धरून आगळ ओढायची किंवा ढकलायची असते. दरवाज्याच्या दोन बाजूंना आगळ अडकवण्यासाठी भिंतींत दोन कोनाडे केलेले असतात. त्यांपैकी एक कोनाडा आगळ पूर्ण सामावली जाईल इतका खोल असतो. कडीला धरून आगळ कोनाड्यात पूर्ण ढकलली की दरवाजा उघडता येतो.

रात्रीच्या वेळी, दरवाजा बंद करून कोनाड्यात ढकलून ठेवलेली आगळ कडीला धरून ओढून बाहेर काढली जाते आणि ते टोक दुसऱ्या भिंतीच्या कोनाड्यात अडकवले जाते. अशा त-हेने आगळ बसवली की दरवाजा कोणीही उघडू शकत नाही.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

प्रश्न 4.
दुपारच्या वेळी मुलांकडून केल्या जाणाऱ्या कल्पक कृती सांगा.
उत्तर :
कधी कधी बैठ्या खेळांऐवजी मुले वेगवेगळ्या कल्पक कृती करीत असत. एखादया वेळी सरपणातली लाकडे काढून विटीदांडू किंवा भोवरे तयार करीत बसत. भिंगऱ्या तयार करण्यासाठी घेतलेला लाकडाचा तुकडा दगडावर घासून घासून त्याला गोल आकार देण्याचा मुले प्रयत्न करीत. हे मोठे कष्टाचे काम असे. चुलीची काजळी लागून लागून काळ्या कुळकुळीत बनलेल्या खापऱ्या पाटीवर घासून घासून पाठीला काळा कुळकुळीत रंग आणण्याचा प्रयत्न करीत बसत.

बैलगाड्या बनवण्यासाठी ज्वारीची ताटे वापरीत. लाल माती आणून बैल बनवत बसत. गोल आकाराचे गोटे जमवून ते सर्व बाजूंनी दगडावर घासून घासून त्याने छान गोल आकार दयायचा प्रयत्न करीत बसत. अशा अनेक कल्पक कृती करण्यात मुले दंग होत.

प्रश्न 5.
पाठात चित्रित झालेल्या एकत्र कुटुंबपद्धतीबाबतचे तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तर :
या पाठात ग्रामीण भागातील मागील पिढीचे चित्रण आले आहे. त्या काळातील हे एक एकत्र कुटुंब होते. आजी ही कुटुंबप्रमुख होती. कुटुंबाच्या सर्व बाबींवर, सर्व व्यक्तींवर आजीचीच सत्ता चालत असे. कोणी कोणकोणती कामे कधी व कशी करावीत, हे आजी ठरवत असे.

या पद्धतीमुळे कुटुंबातील सर्व व्यवहारांना एकसूत्रीपणा येतो आणि कामे सुरळीतपणे पार पडतात; याचा कुटुंबालाच फायदा होतो, हे खरे आहे. पण या पद्धतीमध्ये कोणालाही स्वातंत्र्य राहत नाही. सुनांना साधा चहासुद्धा करून पिण्याची मोकळीक नव्हती. म्हणजे कोणालाही जरासुद्धा हौसमौज करण्याची परवानगी नव्हती. याचाच अर्थ कुटुंबातल्या सदस्यांना जीवनातील लहानसहान आनंदसुद्धा घेता येत नव्हते. त्यातही स्त्रियांना तर पूर्ण पारतंत्र्यातच राहावे लागे. ही चांगली स्थिती अजिबात नाही. आधुनिक काळात म्हणूनच एकत्र कुटुंबपद्धत टिकली नाही.

प्रश्न 6.
पाठाच्या शीर्षकाची समर्पकता थोडक्यात स्पष्ट करा.
उत्तर :
ग्रामीण भागात पूर्वी घराभोवती एक भलीमोठी, मजबूत भिंत बांधली जाई. भिंतीत एक मजबूत दार असे. त्याला कड्याकोयंडे असतच; शिवाय एक भलीभक्कम आगळ बसवलेली असे. एकदा ही आगळ लावली की घर पूर्णपणे बंद होत असे. घरातील कोणीही बाहेर जाऊ शकत नसे किंवा कोणीही बाहेरून आत येऊ शकत नसे. घरावर कोणाचाही हल्ला होणे शक्य नसे. यामुळे घर पूर्णपणे सुरक्षित होई. म्हणून ग्रामीण जीवनात या आगळीला एक महत्त्वपूर्ण स्थान लाभले होते.

पाठाच्या शीर्षकावरून असे दिसते की, त्या कुटुंबातील आजी ही त्या कुटुंबाची एक प्रकारे आगळच होती. तिच्या दराऱ्यामुळे कुटुंबाचे सर्व व्यवहार सुरळीत चालत असत. कुटुंबाला आपोआपच पूर्ण संरक्षण लाभायचे. घराची आगळ लावल्यावर आपल्या माणसांना बाहेर जाता येत नसे. म्हणजेच त्यांच्यावर बंधने येत. त्याचप्रमाणे आजीच्या नियंत्रणामुळे कुटुंबातील व्यक्तींवर बंधने येत. या बंधनांचा एक चांगला फायदा होई. कुटुंबातील कोणीही गैरवर्तन करू शकत नसे. त्यामुळे कुटुंबाचे व्यवहार कोलमडून पडत नसत. कुटुंबाला अंतर्गत व बाह्य असे दोन्ही अंगांनी संरक्षण मिळे. म्हणून ‘आजी : कुटुंबाचं आगळ’ हे शीर्षक अत्यंत समर्पक आहे.

प्रश्न 7.
आजच्या काळात एकत्र कुटुंब पद्धतीची आवश्यकता वाटते का? तुमचे मत सोदाहरण लिहा. (सराव कृतिपत्रिका-१)
उत्तर :
एकत्र कुटुंब पद्धतीचे काही फायदे आहेत; तसे काही तोटेही आहेत. तोटे काढून टाकले, तर एकत्र कुटुंब पद्धत आजच्या काळात खूप उपयोगी होऊ शकते. एकत्र कुटुंब पद्धतीत व्यक्तीला स्वत:चा वैयक्तिक विकास करून घेण्याची संधी खूप कमी प्रमाणात मिळते. व्यक्ती कुटुंबाशी बांधली जाते. कुटुंबाच्या अडीअडचणी, कुटुंबाची कामे, जबाबदाऱ्या यांच्यात ती गुरफटली जाते. कुटुंब एका व्यक्तीच्या नियंत्रणात राहते.

एकत्र कुटुंब पद्धतीमुळे कुटुंबात सर्व वयोगटातील माणसे असतात. वयस्क माणसांची कार्यक्षमता खुप कमी झालेली असते. त्यांना स्वत:च्या गरज भागवणे जिकिरीचे बनते. त्या वयात त्यांना इतरांच्या मदतीची खूप गरज असते. त्यांना एकत्र कुटुंब पद्धतीमध्ये आधार मिळतो. त्याचप्रमाणे लहान मुलांनाही एकत्र कुटुंब पद्धतीत खूप आधार मिळतो. आजच्या काळात आई-बाबा दोघेही नोकरी करतात. त्यामुळे घरी मुलांची काळजी घेणारे कोणीही नसते. मुलांची आबाळ होते. त्यांचे खाणेपिणे, त्यांचा अभ्यास वगैरे बाबींकडे लक्ष देणारे कोणी नसते. अशा स्थितीत घरी आजी-आजोबा असतील, तर ते मुलांकडे लक्ष देऊ शकतात. आजीआजोबांना समाधानही मिळते. पगारी माणसे घरातल्या माणसांप्रमाणे काळजी घेऊ शकत नाहीत. म्हणून आजच्या काळात एकत्र कुटुंब पद्धतीचा फायदा होऊ शकतो.

व्याकरण व भाषाभ्यास

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न ४ (अ) आणि (आ) यांसाठी…

अ. व्याकरण घटकांवर आधारित कृती : .

१. समास :

प्रश्न 1.
पुढील विग्रहांवरून सामासिक शब्द ओळखा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 23
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 24
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 25

प्रश्न 2.
तक्ता पूर्ण करा : (मार्च ‘१९)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 26
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 27

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

२. अलंकार :

प्रश्न 1.
पुढील उदाहरण वाचून तक्ता पूर्ण करा :
देवाहुनही महान आहे माझी आई
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 28
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 29

३. शब्दसिद्धी :

प्रश्न 1.
‘बे’ हा उपसर्ग लागून तयार होणारे चार शब्द लिहा.
उत्तर :

  • बेबंद
  • बेजबाबदार
  • बेहिशेब
  • बेबनाव.

प्रश्न 2.
पुढील शब्दांना ‘अनीय’ हा प्रत्यय लावून शब्द तयार करा :
(i) श्रवण – ……………
उत्तर :
श्रवणीय

(ii) वाचन – ………….
उत्तर :
वाचनीय.

प्रश्न 4.
दोन अभ्यस्त शब्द लिहा.
उत्तर :

  • लालेलाल
  • गारेगार.

४. सामान्यरूप :

प्रश्न 1.
पुढील तक्ता पूर्ण करा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 30
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 31

५. वाक्प्रचार :

(१) कंसातील वाक्प्रचारांचा त्या खालील वाक्यांत योग्य ठिकाणी वापर करून वाक्ये पुन्हा लिहा :
(शाबूत असणे, कानोसा घेणे, कडुसं पडणे, शहानिशा होणे, गुण्यागोविंदाने नांदणे)
प्रश्न 1.
शाळेतून घरी आलो की बाबा नेहमी अभ्यासाची चौकशी करायचे.
उत्तर :
शाळेतून घरी आलो की बाबा नेहमी अभ्यासाची शहानिशा करायचे.

प्रश्न 2.
मावळतीला सूर्य गेला नि अंधार पडला.
उत्तर :
मावळतीला सूर्य गेला नि कडुसं पडले.

प्रश्न 3.
घरातील दोन्ही जावा अगदी खेळीमेळीने राहत.
उत्तर :
घरातील दोन्ही जावा अगदी गुण्यागोविंदाने नांदत होत्या.

प्रश्न 4.
पाऊस पडणार आहे की नाही, याचा आमचा मोती कान टवकारून अंदाज घेतो.
उत्तर :
पाऊस पडणार आहे की नाही, याचा आमचा मोती कान टवकारून कानोसा घेतो.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

(२) पुढील वाक्यांतील वाक्प्रचार शोधून अधोरेखित करा :

प्रश्न 1.
सहलीच्या वेळी शिस्तभंग होऊ नये याकडे शिक्षकांचा कटाक्ष असतो.
उत्तर :
सहलीच्या वेळी शिस्तभंग होऊ नये याकडे शिक्षकांचा कटाक्ष असतो.

प्रश्न 2.
दोन व्यक्तींतील संवादाचा तिसऱ्या व्यक्तीने कानोसा घेणे अयोग्यच.
उत्तर :
दोन व्यक्तींतील संवादाचा तिसऱ्या व्यक्तीने कानोसा घेणे अयोग्यच.

प्रश्न 3.
कारण नसताना हुकमत गाजवणाऱ्या व्यक्ती इतरांच्या नजरेतून उतरतात.
उत्तर :
कारण नसताना हुकमत गाजवणाऱ्या व्यक्ती इतरांच्या नजरेतून उतरतात.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

आ. (भाषिक घटकांवर आधारित कृतीः

१. शब्दसंपत्ती :

प्रश्न 1.
विरुद्धार्थी शब्दांच्या योग्य जोड्या जुळवा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 32
उत्तरे :
(i) आळस × उत्साह
(ii) आदर × अनादर
(iii) आस्था × अनास्था
(iv) आपुलकी × दुरावा

आजी : कुटुंबाचं आगळ Summary in Marathi

पाठाचा आशय या कथानकातील आजी खमकी आहे. तिच्या देहाची ठेवण, तिचे दिसणे, तिचा पेहराव इत्यादी बाबींमध्ये तिचा खमकेपणा दिसून येतो.

‘आगळ ‘मधील नायकाच्या घरी एक गाय होती. ती वरवर्षी व्यायची. त्यामुळे घरामध्ये दुधाची खूप रेलचेल होती. मुलांना भरपूर दुध प्यायला मिळे. आजीला चार सुना होत्या. आजीचा दरारा असल्यामुळे मुलांना खायलाप्यायला देताना सुना आपपरभाव करू शकत नव्हत्या. कामचुकारपणा करू शकत नव्हत्या. आपली कामे दुसरीवर टाकू शकत नव्हत्या. सर्व कामे प्रत्येकीला करावी लागत. या वातावरणामुळे कोणावर अन्याय होत नव्हता. कोणालाही तक्रार करायला वावच नसे. आजीमुळे प्रत्येकीला किंवा प्रत्येकाला भरभक्कम संरक्षण मिळाले होते. हे संरक्षण आगळइतकेच भक्कम होते.

दुपारच्या वेळी मुलांचे बैठे खेळ किंवा क्वचितप्रसंगी मैदानी खेळ खेळले जात. अशा प्रकारे मुलांचे बालपण तर निसर्गामध्ये सहजगत्या घडत होते. या सगळ्याला आजीच्या मायेच्या सावलीचा आधार होता.

दुपारपर्यंतची कामे आटोपल्यावर थोडीशी विश्रांती घेऊन आजी ढाळजेत येऊन बसायची. गल्लीतल्या बायका जमायच्या. निवडटिपण असली कामे करता करता गप्पा होत. गावभरच्या बातम्या कळत. आजीच्या समोरच बातम्यांची शहानिशा होई. ही ढाळज म्हणजे एक प्रकारे गावाचे वर्तमानपत्रच होती. रात्री आठ वाजता वाड्याचा दरवाजा बंद होई आणि आगळ बसवली जाई. आगळ बसवली की संरक्षणाची हमी मिळे.

आजी : कुटुंबाचं आगळ शब्दार्थ

  • रापणे – त्वचेवर काळपटलेली छटा येणे.
  • गोंदण – विशिष्ट प्रकारच्या सुईने त्वचेवर टोचून टोचून नक्षी काढणे.
  • गावरान – गावठी. वेत – वासराला जन्म देणे.
  • धार काढणे – गाई-म्हशीचे दूध काढणे.
  • चरवी – दूध काढण्याचे भांडे.
  • धारोष्ण – उष्णपणा निवला नाही असे ताजे दूध.
  • सरपण – इंधन (विशेषतः लाकडांचे).
  • ढाळज – मोठा वाडा वगैरेंसारख्या घराच्या मुख्य दरवाजाजवळची आतल्या बाजूची
  • जागा, पडवी, वाकळ – गोधडी.
  • शहानिशा – खातरजमा,
  • कडुसं – काळोख होण्याची वेळ,
  • आगळ – अडसर (येथे अर्थ-भक्कम आधार.).
  • देवळी – भिंतीतला कोनाडा.
  • चिंचोके – चिंचेच्या बिया.
  • गजगे – सागरगोटे,
  • जिबल्या – अर्धा कापलेला जोड्यांचा तळ.
  • मुटके – हातपाय पोटाशी आवळून घेऊन आजूबाजूला खूप पाणी उडेल अशा रितीने पाण्यात मारलेली उडी.

आजी : कुटुंबाचं आगळ वाक्प्रचार व त्यांचे अर्थ

  • हुकूमत गाजवणे : अधिकार गाजवणे.
  • हातात काठी येणे : म्हातारपण येणे; तोल सांभाळता न येणे.
  • गुण्यागोविंदाने नांदणे : समंजसपणे व आनंदाने राहणे.
  • धार काढणे : गायी-म्हशीचे दूध काढणे.
  • कटाक्ष असणे : खास लक्ष देणे.
  • धान्य निवडणे : धान्यातले गोटे इत्यादी वेचून बाहेर काढणे.
  • हुक्की येणे : लहर येणे.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Marathi Kumarbharti Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य)

Marathi Kumarbharti Std 10 Digest Chapter 4 उत्तमलक्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न. पुढील कवितेच्या आधारे दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा :

कृती १ : (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृत्या पूर्ण करा :
(i)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 1
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 2

(ii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 3
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 4

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य)

प्रश्न 2.
चौकटी पूर्ण करा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 5
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 6

प्रश्न 3.
पुढील गोष्टींबाबत संत रामदास कोणती दक्षता घ्यायला सांगतात. (मार्च ‘१९)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 7
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 8

कृती २ : (आकलन)

प्रश्न 1.
शब्दजाल पूर्ण करा :
(i)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 9
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 10

(ii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 11
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 12
(iii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 13
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 14

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य)

प्रश्न 2.
पुढील व्यक्तींशी कसे वागावे, असे संत रामदास म्हणतात :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 15
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 16

प्रश्न 3.
पुढील गोष्टींबाबत कोणती दक्षता घ्यावी, ते लिहा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 17
उत्तर :
(i) तोंडाळासी भांडू नये.
(ii) संतसंग खंडू नये.
(iii) सत्यमार्ग सोडू नये.

प्रश्न 4.
असत्य विधान ओळखा :
(i) संतसंग सोडू नये.
(ii) अपकार घेऊ नये.
(iii) व्यापकपण सांडू नये.
(iv) खोटेपणाच्या पंथाला जाऊ नये.
उत्तर :
असत्य विधान – अपकार घेऊ नये.

प्रश्न 5.
अचूक विधान ओळखा : (मार्च ‘१९)
(i) पैज, होड लावावी.
(ii) सत्याची वाट धरावी.
(iii) पापद्रव्य सहज जोडावे.
(iv) नेहमी अभिमानाने वागावे.
उत्तर :
अचूक विधान – सत्याची वाट धरावी.

प्रश्न 6.
तुमच्यातील प्रत्येकी तीन गुण व तीन दोष शोधून लिहा.
उत्तर :
नमुना उत्तर :
गुण : (i) मी रोज व्यायाम करतो.
(ii) मी खोटे बोलत नाही.
(iii) मी आईला कामात मदत करतो.

दोष : (i) मला चटकन राग येतो.
(ii) मी ताटात अन्न टाकतो.
(iii) माझे अक्षर चांगले नाही.

कृती ३ : (काव्यसौंदर्य)

प्रश्न 1.
‘सभेमध्ये लाजों नये। बाष्कळपणे बोलों नये।’ या ओळीतील विचार स्पष्ट करा.
उत्तर :
‘उत्तमलक्षण’ या कवितेमध्ये संत रामदास यांनी आदर्श गुणसंपन्न व्यक्तीची लक्षणे समजावून सांगितली आहेत. त्यांपैकी एक लक्षण उपरोक्त चरणात सूचित केले आहे.

मनुष्य हा समाजप्रिय प्राणी आहे. माणसांमध्ये तो नित्य वावरत असतो. समूहामध्ये आदर्श व्यक्तीचे वर्तन कसे असावे, हे सांगताना संत रामदास म्हणतात – सभेमध्ये वावरताना, आपले मत मांडताना कधीही लाजू नये. स्पष्टपणे आपले म्हणणे मांडावे; परंतु त्याच वेळी बालिशपणे बोलून आपले हसे करून घेऊ नये. निरर्थक असे वक्तव्य करू नये. बाष्कळपणे बोलू नये. उत्तम पुरुषाचे एक मर्मग्राही लक्षण या ओवीतून मांडले आहे.

प्रश्न 2.
‘आळसें सुख मानूं नये,’ या ओळीचा तुम्हांला समजलेला अर्थ स्पष्ट करा.
उत्तर :
‘उत्तमलक्षण’ या ओव्यांमध्ये संत रामदास यांनी उत्तम व्यक्तीची लक्षणे विशद करताना आळस हा माणसाचा शत्रू आहे, असे ठासून प्रतिपादिले आहे.

‘आळस’ हा माणसाच्या अंगी असलेला दुर्गुण आहे. आळसामुळे कार्य करायला उत्साह राहत नाही व त्यामुळे बरीच कामे खोळंबून राहतात. ‘आळसे कार्यभाग नासतो!’ या समर्थ रामदासांच्या उक्तीमध्ये हेच तत्त्व सांगितले आहे. माणसाच्या मनाला जे षड्विकार जडतात, त्यात ‘आळस’ हा एक विकार आहे. दैनंदिन कामांमध्ये आळसाला स्थान देऊ नये. आळसामुळे प्रगती खुंटते, भविष्य अंधारते. आळसामुळे मनाला जडत्व प्राप्त होते व माणूस नाकर्ता होतो. आळशी माणसाला समाजात मान मिळत नाही. म्हणून आळसात सुख मानू नये, समाधान मानू नये, असे समर्थ रामदास सांगतात.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य)

Marathi Kumarbharti Class 10 Textbook Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण Additional Important Questions and Answers

प्रश्न. पुढील कवितेसंबंधी त्याखाली दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे कृती सोडवा :

प्रश्न 1.
कविता-उत्तमलक्षण.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 20
उत्तर : उत्तमलक्षण.
(१) प्रस्तुत कवितेचे कवी : संत रामदास.
(२) कवितेचा रचनाप्रकार : ओवी.
(३) कवितेचा काव्यसंग्रह : श्रीदासबोध.
(४) कवितेचा विषय : उत्तम माणसाची लक्षणे.
(५) कवितेतून व्यक्त होणारा (स्थायी) भाव : आदर्श माणसे घडवण्याचा ध्यास.

(६) कवितेच्या कवींची लेखनवैशिष्ट्ये : प्रस्तुत कवितेची रचना ओवी या छंदात केलेली आहे. ओवी हा उच्चारणाला सुलभ असा अत्यंत लवचीक रचनाप्रकार आहे. त्यामुळे या कवितेतील भाषा ओवी या छंदाला साजेशी सुबोध व सर्वसामान्यांना सहज समजेल अशी आहे. साहजिक कवितेची आवाहन शक्ती वाढली आहे. चुकीचे वर्तन व चांगले वर्तन या दोन्ही बाबी समर्थांनी स्पष्ट शब्दांत कोणतीही संदिग्धता न ठेवता सांगितल्या आहेत. समर्थांच्या या रचनेत प्रासादिकता आढळते.

(७) कवितेची मध्यवर्ती कल्पना : प्रस्तुत कवितेत संत रामदासांनी उत्तम, गुणसंपन्न, आदर्श व्यक्तीची लक्षणे सांगितली आहेत. समाजात वावरताना कसे वागावे, काय करावे व काय टाळावे यांचे सुस्पष्ट शब्दांत निवेदन केले आहे. समाज नीतिमान व कर्तबगार व्हावा, ही तळमळ या पदयपाठातून स्पष्टपणे जाणवते.

(८) कवितेतून व्यक्त होणारा विचार : प्रस्तुत कवितेत संत रामदासांनी, व्यक्तीने समाजात कसे वागावे याचे मार्गदर्शन केले आहे. नेहमीच सावध मनाने वागावे. इतरांना सहकार्य करावे. कोणाशीही कपटाने वागू नये. तोंडाळ, वाचाळ माणसांना टाळावे. आळस झटकून टाकावा. पूर्ण विचार करून वागावे. उपकाराची परतफेड करावी. नेहमी उदारपणाने वागावे. मनाचा मोठेपणा बाळगावा. परावलंबी होऊ नये. नेहमी सत्याने वागावे. कुप्रसिद्धी टाळावी इत्यादी अनेक गुणांचे आचरण करण्यास या कवितेत संत रामदासांनी सांगितले आहे.

(९) कवितेतील आवडलेलो ओळ :
अपकीर्ति ते सांडावी। सत्कीर्ति वाडवावी।।
विवेके दृढ धरावी । वाट सत्याची ।।

(१०) कविता आवडण्याची वा न आवडण्याची कारणे : मला ही कविता खूप आवडली. एकतर हे विचार पटकन पटण्यासारखे आहेत. ही कविता उच्चारताना, वाचताना आनंद होतो. उच्च, उदात्त विचार मनात घोळवल्याने मनही आनंदित होते. सर्व गुण-अवगुण रामदासांनी अत्यंत स्पष्टपणे, परखडपणे सांगितले आहेत. कुठेही शब्दांचा बोजडपणा नाही. प्रत्येक शब्दागणीक अर्थ स्पष्ट होत जातो. मुख्य म्हणजे दैनंदिन जीवनात वागताना आवश्यक असलेल्या गुणांचे मार्गदर्शन घडत असल्याने कविता आपली, स्वतःची, स्वतःसाठी असलेली वाटत राहते.

(११) कवितेतून मिलणाग संदेश : प्रत्येक व्यक्तीने चांगले वागण्याचाच प्रयत्न केला पाहिजे. त्यासाठी वाईट गुण कोणते व चांगले गुण कोणते हे स्पष्टपणे समजून घ्यावे. प्रत्येकाने उत्तम माणूस बनण्याचा प्रयत्न करावा. यातूनच चांगला व समर्थ समाज निर्माण होतो.

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न २ (इ) साठी…

प्रश्न. पुढील ओळींचे रसग्रहण तुमच्या शब्दांत लिहा :

प्रश्न 1.
‘जनी आर्जव तोडूं नये । पापद्रव्य जोडूं नये ।
पुण्यमार्ग सोडूं नये । कदाकाळीं ।।’ (मार्च ‘१९)
उत्तर :
आशयसौंदर्य : ‘उत्तमलक्षण’ या श्रीदासबोधातील एका समासामध्ये समर्थ रामदासांनी गुणसंपन्न आदर्श व्यक्तिमत्त्वाची महत्त्वाची लक्षणे सांगितली आहेत. त्यांपैकी उपरोक्त ओवीमध्ये तीन लक्षणांचा ऊहापोह केला आहे.

काव्यसौंदर्य : समाजात वावरताना व्यक्तीने कोणते आचरण करावे हे सांगताना संत रामदास म्हणतात – लोकांचे मन मोडू नये. लोकांनी केलेली विनंती धुडकावू नये. उलट जनभावनांचा आदर . करावा. तसेच वाईट मार्गाने संपत्ती साठवू नये. अशी संपत्ती हे पापाचे धन असते. म्हणून सत्शील मार्गाने जीवन व्यतीत करावे. पुण्यमार्ग आचारावा. कधीही पुण्यमार्गाने जाण्याचे सोडू नये.

भाषिक वैशिष्ट्ये : वरील ओवीमध्ये जनांसाठी खूप सुगम निरूपण केले आहे. ‘तोडू नये, जोडू नये, सोडू नये’ अशा सोप्या यमकांद्वारे संदेशामध्ये आवाहकता आली आहे. ओवीछंदाला साजेशी सुबोध भाषा वापरल्यामुळे जनमानसावर तत्त्व ठसवणे सुलभ झाले आहे. पापद्रव्य व पुण्यमार्ग यांतील विरोधाभास ठळकपणे उठून दिसतो. ओवीमध्ये प्रासादिकता हा गुण आढळतो.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य)

प्रश्न 2.
‘अपकीर्ति ते सांडावी। सत्कीर्ति वाडवावी।
विवेकें दृढ धरावी। वाट सत्याची।।’ (मार्च ‘१९)
उत्तर :
आशयसौंदर्य : संत रामदासांनी ‘उत्तमलक्षण’ या कवितेत आदर्श गुणवान व्यक्तीची वैशिष्ट्ये सांगताना या ओळींमधून सद्वर्तन कशा प्रकारे करावे, याची शिकवण दिली आहे.

काव्यसौंदर्य : संत रामदास म्हणतात – लोक आपल्याला दूषणे देतील व निंदा करतील असे वर्तन कदापिही करू नये. ज्या वागण्याने आपली अपकीर्ती होईल, असे वागणे टाळावे. उलट आपल्या व्यक्तिमत्त्वाची कीर्ती पसरेल, अशी वागणूक करायला हवी. स्वतः चांगले वागून सत्कीर्ती वाढवायला हवी. त्यासाठी बुद्धीचा विवेक महत्त्वाचा ठरतो. सद्विचाराने, विवेकाने सत्याचा मार्ग ठामपणे आचरावा. विवेकबुद्धी ठोस असणे गरजेचे आहे.

भाषिक वैशिष्ट्ये : सन्मार्गाचे लक्षण सांगताना जनसामान्यांना समजतील असे तीन मुद्दे या ओळीत सहजपणे सांगितले आहेत. अपकीर्ती व सत्कीर्ती तसेच सांडावी व वाढवावी या विरोधी शब्दांमुळे ओवीची खुमारी वाढली आहे. दृढ धरणे हा वाक्प्रचार चपखलपणे उपयोगात आणला आहे. जनमानसावर तत्त्व ठसवण्याची समर्थांची हातोटी समर्थपणे व्यक्त झाली आहे.

व्याकरण व भाषाभ्यास

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न ४ (अ) आणि (आ) यांसाठी…

अ. व्याकरण घटकांवर आधारित कृती:

१. समास :

प्रश्न 1.
पुढील तक्ता पूर्ण करा : (ठळक अक्षरांत उत्तरे दिली आहेत.)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 21

२. अलंकार :
पुढील ओळी वाचून तक्ता पूर्ण करा :
प्रश्न 1.
‘ऊठ पुरुषोत्तमा । वाट पाही रमा ।
दावि मुखचंद्रमा । सकळिकांसी।।’

प्रश्न 2.
‘नयनकमल’ हे उघडित हलके जागी हो जानकी.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 22
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 23

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य)

३. वृत्त :
पुढील ओळींचे लगक्रम लिहा :

प्रश्न 1.
ऐकू न ये तुज पिकस्वर मंजुळे का?
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 24

प्रश्न 2.
मना सज्जना भक्तिपंथेचि जावे.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 25

उत्तमलक्षण Summary in Marathi

कवितेचा भावार्थ :
उत्तम पुरुषाची (आदर्श व्यक्तीची) लक्षणे सांगताना संत रामदास श्रोत्यांना म्हणतात – श्रोतेहो, तुम्हांला आता मी उत्तम, गुणवान व्यक्तीची लक्षणे सांगतो, ती सावध मनाने ऐकावीत. ही लक्षणे ऐकून तुम्ही सर्व गोष्टी जाणण्याची खूण अंगी बाणवावी. ।।१।।

पूर्ण माहिती असल्याशिवाय कुठल्याही रस्त्याने जाऊ नये. वाटेमधील अडथळे जाणून घेतल्याशिवाय प्रवास करू नये. फळाचे अंतरंग (गुण) ओळखल्याशिवाय ते खाऊ नये. रस्त्यात पडलेली वस्तू अचानक पटकन उचलू नये. ।।२।।

लोकांनी केलेली विनंती लक्षात घ्यावी. तिला अमान्य करू नये. पाप किंवा कपट करून मिळवलेल्या संपत्तीचा साठा करू नये. कपट करून पैसा मिळवू नये. पुण्याचा मार्ग म्हणजे सच्छील मार्ग, सद्वर्तन कधीही सोडू नये. ।।३।।

जी तोंडाळ, भांडकुदळ व्यक्ती असेल, त्या व्यक्तीशी कधीही भांडू नये. व्यर्थ बडबड करणाऱ्या वाचाळ माणसाशी तंटा करू नये. सज्जनाची संगत कधी मध्येच सोडू नये, (हे कायम मनात ठेवा.) मनापासून झालेली संतांची मैत्री सोडू नये. ।।४।।

काम न करता ऐदीपणे, आळस करून आनंद घेऊ नये. आळसात सुख नसते. कुणाबद्दल उखाळ्यापाखाळ्या करून चहाडी करू नये. दुसऱ्याबद्दल खोटेनाटे बोलणे मनातही आणू नये. संपूर्ण शोध घेतल्याशिवाय कोणतेही काम करू नये. (काम अर्धवट सोडू नये.) ।।५।।

सभेमध्ये, समूहाच्या बैठकीमध्ये लाजू नये, मुखदुर्बळ राहू नये. मोकळ्या मनाने बोलावे परंतु बालिशपणे बोलू नये. बाष्कळ बडबड करू नये, कोणत्याही प्रकारची पैज, शर्यत लावू नये. कुणाशीही स्पर्धा करू नये. ।।६।।

कोणाचे उपकार सहसा घेऊ नयेत आणि घेतलेच तर त्यांची लगेच परतफेड करावी, उपकारातून लवकर उतराई व्हावे. दुसऱ्यांना दुःख देऊ नये, त्यांना व्यथित करू नये. कुणाचा विश्वासघात किंवा बेइमानी मुळीच करू नये. ।।७।।

स्वत:च्या मनाचा मोठेपणा कधी सोडून देऊ नये. मन कोते करू नये, ते व्यापक ठेवावे. परावलंबी होऊ नये. कुणावरी आपल्या आयुष्याचे ओझे लादू नये. ।।८।।

सत्याचा मार्ग कधी सोडू नये. खरेपणाने वागावे, असत्याच्या, खोटेपणाच्या मार्गाने जाऊ नये. खोटारडेपणा करून वागू नये. खोटेपणाचा कधीही वृथा अभिमान, व्यर्थ गर्व करू नये. ।।९।।

अपकीर्तीला बळी पडू नये. कुप्रसिद्धी टाळावी. चांगली कीर्ती वाढवावी. चांगल्या प्रकारे प्रसिद्ध पावावे. सारासार विचाराने, विवेकाने वर्तन करून सत्यमार्ग पत्करावा. ।।१०।।

उत्तमलक्षण शब्दार्थ

  • उत्तम – आदर्श, गुणसंपन्न,
  • लक्षण – गुणवैशिष्ट्य.
  • श्रोतीं – ऐकणाऱ्या लोकांनो.
  • सावधान – सावध होणे, सजग होणे.
  • उत्तम – उत्कृष्ट, जेणें – ज्याने.
  • बाणे – बाणणे, अंगिकारणे, सवय लागणे,
  • सर्वज्ञ – सारे जाणणारा.
  • पुसल्याविण – विचारल्याशिवाय,
  • येकायेकी – एकदम, पटकन.
  • जनीं – लोकांचे. आर्जव – विनंती.
  • पापद्रव्य – पापाने (कपटाने) मिळवलेली संपत्ती.
  • जोडू नये – साठवू नये.
  • पुण्यमार्ग – चांगला रस्ता, सद्वर्तन,
  • कदाकाळी – कोणत्याही वेळी.
  • तोंडाळ – वाटेल ते बोलणारा, भांडकुदळ.
  • वाचाळ – व्यर्थ बडबड करणारा.
  • तंडो नये – तंटा (भांडण) करू नये.
  • संतसंग – सज्जन माणसाची संगत.
  • खंडू नये – तोडू नये.
  • अंतर्यामी – मनातून, हृदयातून.
  • आळस – काम न करणे.
  • चाहाडी – एखादयाबद्दल वाईट सांगणे, आगलावेपणा.
  • कार्य – काम,
  • सभा – समूहाची बैठक.
  • बाष्कळपणा – बालिशपणा.
  • पैज – स्पर्धा, शर्यत.
  • होड – पैज,
  • परपीडा – दुसऱ्याला छळणे, दुःख देणे.
  • विश्वासघात – बेइमानी.
  • व्यापकपण – (मनाचा) मोठेपणा.
  • पराधेन – परावलंबी, दुसऱ्यावर विसंबणे.
  • वोझें – (स्वत:चा) भार,
  • कोणीयेकासी – कोणावरही.
  • सत्यमार्ग – खऱ्याचा मार्ग, सद्वर्तन.
  • असत्य – खोटेपणा.
  • पंथे – मार्गाने, वाटेने.
  • कदा – कधीही.
  • अभिमान – व्यर्थ गवं.
  • अपकीर्ति – बेअब्रू, वाईट प्रसिद्धी,
  • सत्कीर्ति – चांगली प्रसिद्धी.
  • वाडवावी – वाढवावी.
  • विवेके – चांगल्या विचाराने.
  • दृढ – ठाम, मजबूत, ठोस.

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 कृषक गान

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 11 कृषक गान Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 11 कृषक गान

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 11 कृषक गान Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 (अ) तथा प्रश्न 2 (आ) के लिए
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 8

प्रश्न 2.
कृतियाँ पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 6
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 7

प्रश्न 3.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
a. कृषक कमजोर शरीर को ____________
b. कृषक बंजर जमीन को ____________
उत्तर:
(i) कृषक कमजोर शरीर को पत्तियों से पालता है।
(ii) कृषक बंजर जमीन को अपने खून से सींचकर उर्वरा बना देता है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित पंक्तियों में कवि के मन में कृषक के प्रति जागृत होने वाले भाव लिखिए:

पंक्ति  भाव
१. आज उसपर मान कर लूँ
२. आह्वान उसका आज कर लूँ
३. नव सृष्टि का निर्माण कर लूँ
४. आज उसका ध्यान कर लूँ।

उत्तर:

पंक्ति  भाव
१. आज उसपर मान कर लूँ अभिमान
२. आह्वान उसका आज कर लूँ मानवता
३. नव सृष्टि का निर्माण कर लूँ सृजनशीलता
४. आज उसका ध्यान कर लूँ। आदर

प्रश्न 5.
कविता में आए इन शब्दों के लिए प्रयुक्त शब्द हैं:
१. निर्माता – ____________
२. शरीर – ____________
३. राक्षस – ____________
४. मानव – ____________
उत्तर:
१. निर्माता – सृजक
२. शरीर – तन
३. राक्षस – असुर।
४. मानवता – मनुजता।

प्रश्न 6.
कविता की प्रथम चार पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
उत्तर:
कृषक के अभावों की कोई सीमा नहीं है। परंतु वह संतोष रूपी धन के सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। पूरे संसार में कैसा भी वसंत आए, कृषक के जीवन में सदैव पतझड़ ही बना रहता है। अर्थात ऋतुएँ बदलती हैं, लोगों की परिस्थितियाँ बदलती हैं, परंतु कृषक के भाग्य में अभाव ही अभाव हैं। ऐसी दयनीय स्थिति के बावजूद उसे किसी से कुछ माँगना अच्छा नहीं लगता। वह हाथ फैलाना नहीं जानता। कृषक को अपनी दीन-हीन दशा पर भी नाज है। मैं ऐसे व्यक्ति पर अभिमान करना चाहता हूँ। कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

प्रश्न 7.
निम्न मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए:
1. रचनाकार कवि का नाम:
2. रचना का प्रकार:
3. पसंदीदा पंक्ति:
4. पसंदीदा होने का कारण:
5. रचना से प्राप्त प्रेरणा:
उत्तर:
(1) रचनाकार का नाम → दिनेश भारद्वाज।
(2) कविता की विधा → गान।
(3) पसंदीदा पंक्ति → हाथ में संतोष की तलवार ले जो उड़ रहा है।
(4) पसंदीदा होने का कारण → अनगिनत अभावों के होते हुए भी कृषक के पास संतोष रूपी धन है।
(5) रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा → कृषक दिन-रात परिश्रम करके संपूर्ण सृष्टि का पालन करता है। हमें उसके परिश्रम के महत्त्व को समझना चाहिए। उसका सम्मान करना चाहिए।

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Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 11 कृषक गान Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र. 1

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पट्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

→ कृति 1: (आकलन)

(1) कविता में आए इन शब्दों के लिए प्रयुक्त शब्द हैं:
(i) वसंत
(ii) पाला हुआ
उत्तर:
(i) वसंत – मधुमास
(ii) पाला हुआ – पालित

(2) सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) कृषक हाथ में _____________ की तलवार लेकर चल रहा है। (श्रम/संतोष/धन)
(ii) सारे संसार में _____________ और उस पर सदा पतझड़ रहता है। (वसंत/वर्षा/फूल)
(iii) कृषक को अपनी _____________ पर अभिमान है। (मेहनत/गरीबी/दीनता)
(iv) उसके लिए _____________ और छाया एक जैसी है। (धूप/रोशनी/कालिमा)
उत्तर:
(i) कृषक हाथ में संतोष की तलवार लेकर चल रहा है।
(ii) सारे संसार में वसंत और उस पर सदा पतझड़ रहता है।
(iii) कृषक को अपनी दीनता पर अभिमान है।
(iv) उसके लिए धूप और छाया एक जैसी है।

→ कृति 2: (शब्दल)

(1) पद्यांश से प्रत्यय जुड़े हुए दो शब्द ढूँढकर लिखिए:
(i) ______________
(ii) ______________
उत्तर:
(i) दीनता (ii) मनुजता।

(2) निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए:
(i) मधुमास – ______________
(ii) आह्वान – ______________
उत्तर:
(i) मधुमास – वसंत ऋतु
(ii) आह्वान – पुकार।

पद्यांश क्र. 2

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

→ कृति 1: (आकलन)

(1) संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 9
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 12

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(2) उत्तर लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 13

(3) आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) कृषक विश्व का यह है
(ii) वह अपने क्षीण तन को इनसे पालता है
(iii) कृषक अपने खून से सींचकर ऊसरों को यह बना देता है
(iv) आज यह पीड़ित होकर रो रही है
उत्तर:
(i) कृषक विश्व का यह है – पालक
(ii) वह अपने क्षीण तन को इनसे पालता है – पत्तियों से
(iii) कृषक अपने खून से सींचकर ऊसरों को यह बना देता है – उर्वर
(iv) आज यह पीड़ित होकर रो रही है – मनुजता

(4) कविता की पंक्तियों को उचित क्रमानुसार लिखकर प्रवाह तख्ता पूर्ण कीजिए:
(i) आज उससे कर मिला, नव सृष्टि का निर्माण कर लूँ।
(ii) छोड़ सारे सुर-असुर, मैं आज उसका ध्यान कर लूँ।
(iii) जोड़कर कण-कण उसी के, नीड़ का निर्माण कर लूँ।
(iv) किंतु अपने पालितों के, पद दलित हो मर रहा है।
उत्तर:
(i) किंतु अपने पालितों के, पद दलित हो मर रहा है।
(ii) आज उससे कर मिला, नव सृष्टि का निर्माण कर लूँ।
(iii) छोड़ सारे सुर-असुर, मैं आज उसका ध्यान कर लूँ।
(iv) जोड़कर कण-कण उसी के, नीड़ का निर्माण कर लूँ।

(5) आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 11
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 14

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→ कृति 2: (शब्द संपदा)

(1) पद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए:
(i) …………………
(ii) …………………
उत्तर:
(i) सुर-असुर
(ii) कण-कण।

(2) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग करके लिखिए:
(i) पालक = _____________
(ii) मनुजता = _____________
(iii) पीड़ित = _____________
(iv) जोड़कर = _____________
उत्तर:
(i) पालक = पाल + क
(ii) मनुजता = मनुज + ता”
(iii) पीड़ित = पीड़ा + इत
(iv) जोड़कर = जोड़ + कर।

(3) पद्यांश में आए इन शब्दों के लिए प्रयुक्त शब्द हैं:
(i) उपजाऊ
(ii) किसान
उत्तर:
(i) उपजाऊ – उर्वरा
(ii) किसान – कृषक

→ कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
देखिए कविता का सरल अर्थ [5]।

पद्य विश्लेषण

सूचना: यह प्रश्नप्रकार कृतिपत्रिका के प्रारूप से हटा दिया गया है। लेकिन यह प्रश्न पाठ्यपुस्तक में होने के कारण विद्यार्थियों के अधिक अभ्यास के लिए इसे उत्तर-सहित यहाँ समाविष्ट किया गया है।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

1. शब्द भेद:
अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) हमें अपने देश पर अभिमान है।
(ii) भूकंप में घंटों मलबे के नीचे दबे रहकर भी बच्चा जीवित रहा।
उत्तर:
(i) अभिमान – भाववाचक संज्ञा।
(ii) जीवित – गुणवाचक विशेषण।

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2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) बल्कि
(ii) तो।
उत्तर:
(i) सिरचन को लोग पूछते ही नहीं थे, बल्कि उसकी खुशामद भी करते थे।
(ii) लहरें बच्चों का रेत का घर गिरा देती तो वे नया घर बनाने लगते।

3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
…………..  सम् + सार  …………..
अथवा
निश्चय  ………….. …………..

उत्तर:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
संसार  सम् + सार  व्यंजन संधि
अथवा
 निश्चय  निः + चय विसर्ग संधि

4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) सामने शेर को देखते ही सभी यात्री काँपने लगे।
(ii) तुम्हारी भाभी ने कहाँ से सीखी हैं?
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) लगे – लगना
(ii) हैं – होना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) चलना
(ii) चमकना
(iii) लिखना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) चलना – चलाना – चलवाना
(ii) चमकना – चमकाना – चमकवाना
(iii) लिखना – लिखाना – लिखवाना

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6. मुहावरे:
(1) निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) चंपत होना
(ii) मन न लगना।
उत्तर:
(i) चंपत होना।
अर्थ: गायब हो जाना।
वाक्य: पुलिस के आते ही चोर चंपत हो गया।

(ii) मन न लगना।
अर्थ: इच्छा न होना।
वाक्य: सिरचन का किसी काम में मन नहीं लग रहा था।

(2) अधोरेखांकित वाक्यांशों के लिए उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए: (खून का चूंट पीकर रह जाना, पानी फेरना, पिंड छुडाना)
(i) लालची और निर्लज्ज लोगों से छुटकारा पाना आसान नहीं होता।
(ii) शिवाजी आगरे से भाग निकले, इसलिए औरंगजेब को अपना मन मारकर रह जाना पड़ा।
उत्तर:
(i) लालची और निर्लज्ज लोगों से पिंड छुड़ाना आसान नहीं होता।
(ii) शिवाजी आगरे से भाग निकले, इसलिए औरंगजेब को अपना खून का चूंट पीकर रह जाना पड़ा।

7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कास्क पहचानकर उनका भेद लिखिए:
(i) मानू फूट-फूटकर रो रही थी।
(ii) सिरचन ने जीभ को दाँत से काटकर दोनों हाथ जोड़ दिए।
उत्तर:
(i) मानू-कर्ता कारक
(ii) दाँत से-करण कारक।

8. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) माँ हँसकर कहती जा जा बेचारा मेरे काम में पूजा भोग की बात ही नहीं उठाता कभी
(ii) मानू कुछ नहीं बोली बेचारी किंतु मैं चुप नहीं रह सका चाची और मँझली भाभी की नजर न लग जाए इसमें भी
उत्तर:
(i) माँ हँसकर कहती,“जा-जा बेचारा मेरे काम में पूजा भोग की बात ही नहीं उठाता कभी।”
(ii) मानू कुछ नहीं बोली।…बेचारी! किंतु मैं चुप नहीं रह सका-“चाची और मँझली भाभी की नजर न लग जाए इसमें भी!”

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9. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) सिरचन को एक सप्ताह पहले ही काम पर लगा दिया। (पूर्ण भूतकाल)
(ii) मानू ससुराल जाती है। (सामान्य भविष्यकाल)
(iii) उनके आशीर्वाद आज भी हमें मिले। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर:
(i) सिरचन को एक सप्ताह पहले ही काम पर लगा दिया था।
(ii) मानू ससुराल जाएगी।
(iii) उनके आशीर्वाद आज भी हमें मिलते हैं।

10. वाक्य भेद:
(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद लिखिए:
(i) यह वही लड़का है, जिसे पुरस्कार मिला था।
(ii) मजदूर गड़ढ़ा खोदे और घर चले गए।
उत्तर:
(i) मिश्र वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य।

(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) गाँव के किसान सिरचन को मजदूरी के लिए नहीं बुलाते। (इच्छावाचक वाक्य)
(ii) तुम्हें समय पर स्कूल जाना चाहिए। (आज्ञावाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) काश! गाँव के किसान सिरचन को मजदूरी के लिए नहीं बुलाते।
(ii) तुम समय पर स्कूल जाओ।

11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए:
(i) लोग गंगा नदी को पवीत्र मानते हैं।
(ii) किसी झमाने में यह शहर बहुत आबाद हैं।
उत्तर:
(i) लोग गंगा नदी को पवित्र मानते हैं।
(ii) किसी जमाने में यह शहर बहुत समृद्ध था।

कृषक गान Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : प्रस्तुत गीत में गीतकार दिनेश भारद्वाज एक कृषक का महत्त्व प्रतिपादित कर रहे हैं। कृषक, जो कि संपूर्ण संसार का अन्नदाता है, स्वयं अभावों में जीता है। पर किसी के समक्ष हाथ नहीं फैलाता। कवि समाज में उसका सम्मान पूर्ववत स्थापित करना चाहते हैं।

कविता का सरल अर्थ

1. हाथ में संतोष ………………………… का गान कर लूँ।।

कृषक के अभावों की कोई सीमा नहीं है। परंतु उसके पास संतोष रूपी धन है। वह उसी संतोष के सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। पूरे संसार में कैसा भी वसंत आए, कृषक के जीवन में सदैव पतझड़ ही रहता है। अर्थात ऋतुएँ बदलती हैं, लोगों की परिस्थितियाँ बदलती हैं, परंतु कृषक के भाग्य में अभाव ही अभाव हैं। ऐसी दयनीय स्थिति के बावजूद उसे किसी से कुछ माँगना अच्छा नहीं लगता। कृषक को अपनी दीन-हीन दशा पर भी नाज है। कवि कहते हैं कि में ऐसे व्यक्ति पर अभिमान करना चाहता हूँ। मैं कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

2. चूसकर श्रम रक्त ………………………… का गान कर लूँ।।

कृषक दिन-रात खेतों में काम करता है। अपने रक्त को पसीने के रूप में बहाता है और संपूर्ण जगत को जीवन-रस प्रदान करता है। ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में उसके लिए धूप-छाया दोनों एक-सी हैं। मौसम में कैसा भी बदलाव आए, कृषक की स्थिति नहीं बदलती। मैं मानवता के साथ उसका आह्वान करना चाहता हूँ। मैं कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

3. विश्व का पालक  ………………………… का गान कर लूँ।।

कृषक संपूर्ण संसार का अन्नदाता है। वह अन्न उगाकर पूरे विश्व का पालन करता है। लोगों को जीवन देता है। किंतु अफसोस की बात है कि जिन लोगों को वह पालता है, उन्हीं के द्वारा उसे पददलित

किया जाता है। अपमानित किया जाता है। मैं चाहता हूँ कि मैं कृषक का हाथ पकड़कर एक नवीन सृष्टि का निर्माण करूँ, जहाँ लोग उसके महत्त्व को समझें। उसका सम्मान करें। मैं कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

4. क्षीण निज बलहीन ………………………… का गान कर लूँ।।

कृषक को जीवन में पर्याप्त सुविधाएँ नहीं मिल पाती। उसे अपने दुर्बल, क्षीण शरीर को ढकने के लिए कपड़े तक नहीं प्राप्त होते। वह पत्तों से अपना तन ढकने को मजबूर होता है। कृषक ऊसर धरती में जी-तोड़ मेहनत करके, पसीने के रूप में अपने खून को बहाकर उसे उपजाऊ बनाता है। मेरे लिए वह सभी देवी-देवताओं से ऊपर है। मैं चाहता हूँ कि देव-दानवों के स्थान पर कृषक का ही ध्यान करूं, उसी के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करूं। मैं कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

5. यंत्रवत जीवित बना ………………………… का गान कर लूँ।

कृषक एक जीवित मशीन के समान है। वह बिना अपने अधिकार माँगे मशीन की तरह पूरा जीवन काम करता रहता है। उस अन्नदाता, सृष्टि के पालक की दुर्दशा देखकर आज मानवता रो रही है। मैं कण-कण जोड़कर कृषक के लिए एक ऐसे नीड़ का, ऐसे घर का निर्माण करना चाहता हूँ, जहाँ उसे एक अच्छा जीवन जीने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ प्राप्त हों। मैं कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 मन

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 4 मन Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 4 मन

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 4 मन Textbook Questions and Answers

कृति

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
लिखिए:

हाइकु द्वारा मिलने वाला संदेश
करते जाओ पाने की मत सोचो जीवन सारा। भीतरी कुंठा नयनों के द्वार से आई बाहर।

उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 मन 5

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 मन 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 मन 3

प्रश्न 3.
उत्तर लिखिए:
a. मँझधार में डोले —-
b. छिपे हुए ——-
c. धुल गए ——-
d. अमर हुए ——-
उत्तर:
a. मँझधार में डोले – जीवन नैया।
b. छिपे हुए सितारे
c. घुल गए विषाद
d. अमर हुए गीतों के स्वर।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए:
a. चलतीं साथ पटरियाँ रेल की फिर भी मौन।
b. काँटों के बीच खिलखिलाता फूल देता प्रेरणा।
उत्तर:
a. रेल की पटरियाँ अनंत काल से साथ चल रही हैं, परंतु वे सदा मौन रहती हैं। एक-दूसरे से कभी बात नहीं करती।
b. गुलाब का फूल काँटों के बीच भी हँसता है, खिलखिलाता है। वह हमें हर पल प्रेरणा देता है कि हमें परेशानियों से घबराए बिना अपना काम करते जाना है।

उपयोजित लेखन

वक्तृत्व प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के उपलक्ष्य में आपके मित्र/सहेली ने आपको बधाई पत्र भेजा है, उसे धन्यवाद देते हुए निम्न प्रारूप में पत्र लिखिए:
दिनांक: ……………………….
संबोधन: ……………………….
अभिवादन: ……………………….

प्रारंभ:
विषय विवेचन:
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………

तुम्हारा/तुम्हारी,
……………………….
नाम: ……………………….
पता: ……………………….
ई-मेल आईडी: ……………………….
उत्तर:
दिनांक: 25/8/20
प्रिय अविनाश,
नमस्ते!
तुम्हारा पत्र अभी-अभी मिला। धन्यवाद।
अंतर विद्यालय वक्तृत्व प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के लिए तुम्हारा बधाई-पत्र मिला। पत्र पाकर दिल गदगद हो गया। वास्तव में मेरी इस सफलता में तुम जैसे मित्रों का मुझे सदा उत्साह दिलाते रहने का बड़ा हाथ है। तुम तो जानते हो, मंच पर बोलने में मुझे कितनी झिझक होती थी।

पर तुम जैसे मित्रों और हमारे कक्षा अध्यापक के निरंतर प्रोत्साहन से आज मुझे अंतर विद्यालय वक्तृत्व प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने का अवसर मिला है। में इसके लिए तुम जैसे अपने सभी मित्रों और अपने कक्षा अध्यापक नरेश कौशल जी का तहे दिल से आभारी हूँ।

मेरा, उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद!
तुम्हारा मित्र
राजेश शर्मा।
17, विमल मेंशन,
महात्मा गांधी रोड,
औरंगाबाद।
ई-मेल आईडी: rajesh@xyz.com

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Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 4 मन Additional Important Questions and Answers

कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (आ) के लिए)
पद्यांश क्र. 1

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

(1) उत्तर लिखिए:
(i) खिले हुए ……………………….
उत्तर:
(i) खिले हुए – फूल।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
फागुन के महीने में प्रकृति रंगों से रंग जाती है। इस विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
फागुन का महीना बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। इस महीने में प्रकृति में चारों ओर नवीनता दिखाई देती है। खेत सरसों के पीले-पीले फूलों से भर जाते हैं। इन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे जमीन पर पीले रंग की विशाल चादरें बिछाई दी गई हों। बीच-बीच में अलसी के नीले-नीले फूल पीले रंग पर छाप जैसे लगते हैं। पलाश के वन लाल रंग के बड़े-बड़े फूलों से लद जाते हैं।

दूर से इन वनों को देखकर ऐसा लगता है, मानो पेड़ों से आग की लपटें निकल रही हों। विभिन्न प्रकार के पेड़ों पर गुलाबी रंग की नई-नई कोंपलें आ जाती हैं। इन्हें देखकर लगता है जैसे ये पेड़ गुलाबी रंग के वस्त्रों से सज गए हैं। इनके अतिरिक्त फागुन के महीने में ही तो होली का त्योहार आता है जब चारों ओर तरह-तरह के रंगों और अबीर-गुलाल की बहार आ जाती है। लोग खुशी से एक-दूसरे को रंगों से सराबोर कर देते हैं। इस तरह फागुन के महीने में प्रकृति तरह-तरह के रंगों से रँग जाती है।

पद्यांश क्र. 2

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

(1) उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

‘अ’ ‘आ’
(i) मछली मौन
(ii) गीतों के स्वर सूना
(iii) रेल की पटरियाँ प्यासी
(iv) आकाश अमर
Maharashtra Board Solutions पीड़ा

उत्तर:

‘अ’ ‘आ’
(i) मछली प्यासी
(ii) गीतों के स्वर अमर
(iii) रेल की पटरियाँ मौन
(iv) आकाश सूना।

(2) परिणाम लिखिए:
(i) सितारों का छिपना।
(ii) तुम्हारा गीतों को स्वर देना।
उत्तर
(i) सूना आकाश
(ii) गीतों का अमर होना।

(3) मन की ……………………. बरसी आँखें। इस हाइकु का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर
जब मन की पीड़ा बहुत गहरी हो जाती है, तो वह बादल बनकर आँसुओं के रूप में बरसने लगती है।

(4) तालिका पूर्ण कीजिए:

स्थिति  निवास  स्थान
मछली प्यासी सागर
सितारे छिपे हुए आकाश

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कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘आँखें देखने के अलावा और भी कई तरह के काम करती हैं’, इस विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य के शरीर में विभिन्न अंग होते हैं और वे अपनाअपना निर्धारित काम करते हैं। कुछ अंगों से निर्धारित कामों के अलावा और भी कई तरह के काम लिए जाते हैं। आँखें हमारे शरीर का महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इनसे देखने का काम तो लिया ही जाता है, साथ ही साथ और भी कई काम लिए जाते हैं। आँखों से तरह-तरह के इशारे किए जाते हैं, जिन्हें सामनेवाला आदमी आसानी से समझ लेता है। आँखें तरेरकर क्रोध प्रकट किया जाता है।

आँखें झुकाकर शर्म प्रदर्शित की जाती है। मन में छुपी दुख देने वाली भावनाओं को आँखों में आँसू लाकर प्रकट किया जाता है। मन भारी होने पर लोग रोकर अपना मन हल्का करते हैं। कोई अचंभेवाली घटना होने पर वाणी के साथ-साथ आँखों से भी भाव प्रदर्शित होता है। आँखों का एक आवश्यक काम मनुष्य को निद्रावस्था में ले जाकर उसे आराम दिलाना है। इस तरह आँखें देखने के अलावा कई महत्त्वपूर्ण काम करती हैं।

मन Summary in Hindi

मन कविता का सरल अर्थ

1. घना अंधेरा ……………………………. आई बहार।

जब अँधेरा घना होता है, तब प्रकाश और अधिक चमकता है अर्थात जब प्रतिकूल परिस्थितियाँ घने अंधकार के रूप में हमें घेर लेती हैं, तब वहीं से एकाएक प्रकाश की किरणें फूट पड़ती हैं।

हमें पूरा जीवन काम करते रहना चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए कि हमें क्या प्राप्त होगा।

जीवन रूपी नैया यदि संसार रूपी सागर में डगमगा रही है, तो उसे कोई अन्य सँभालने के लिए नहीं आएगा। हमें स्वयं उसे पार लगाने के लिए प्रयास करना होगा।

फागुन का महीना अपने संग बसंत के विविध रंग लेकर आया है। यह समय उल्लास और उमंग का समय है। अतः हम सभी को कुछ समय के लिए चिंताओं और परेशानियों को भूलकर बसंत ऋतु का आनंद लेना चाहिए।

गुलाब का फूल काँटों के बीच भी हंसता है, खिलखिलाता है। वह हमें हर पल प्रेरणा देता है कि परेशानियों से घबराए बिना अपना काम करते जाना है।

जब नेत्रों से अश्रु बहते हैं, तो यह मानना चाहिए कि मन की कुंठा नयन रूपी द्वार से बाहर आ रही है।

2. खारे जल ……………………………. प्यासी ही रही। . . .

जब नेत्रों से अश्रु बहते हैं तो यह समझना चाहिए कि आँसुओं के खारे जल के साथ मन का संपूर्ण विषाद धुल गया है और मन पहले के समान पावन हो गया है।

प्रत्येक मनुष्य के जीवन में अनेक परेशानियाँ हैं, चिंताएँ हैं, और हैं अप्रिय प्रसंग। ऐसे में जीवन रूपी संग्राम में डटे रहना हमारी जिजीविषा का प्रमाण है।

जब आकाश में बादल बहुत घने होते हैं, तभी वर्षा होती है। उसी प्रकार जब मन की पीड़ा बहुत गहरी हो जाती है, तो वह बादल बनकर आँसुओं के रूप में बरसने लगती है।

रेल की पटरियाँ अनंत काल से साथ चल रही हैं, परंतु वे सदा मौन रहती हैं। एक-दूसरे से कभी बात नहीं करती।

सितारे आकाश का शृंगार हैं। वे आकाश की शोभा बढ़ाते हैं। जैसे ही सितारे बादलों की ओट में छिपे, आकाश सूना हो जाता है। ठीक इसी प्रकार कुछ लोग हमारे जीवन में अत्यंत महत्त्वपूर्ण होते हैं। उनके चले जाने पर या विमुख हो जाने पर मानो हमारा जीवन निरर्थक हो जाता है।

कवि के अंदर अनोखी सामर्थ्य होती है। वह जिन गीतों को स्वर देता है, वे अमर हो जाते हैं। इसी प्रकार कवि अपनी रचनाओं के द्वारा समाज में परिवर्तन ला सकता है।

सागर में अथाह जलराशि होती है, परंतु खारा होने के कारण अथाह होने पर भी वह जलराशि पीने योग्य नहीं होती। उसी प्रकार कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा या धनवान क्यों न हो, यदि वह किसी जरूरतमंद के काम नहीं आ सकता तो उसका बड़प्पन व्यर्थ है।

मन विषय-प्रवेश:

प्रस्तुत कविता ‘मन’ जापान की लोकप्रिय विधा हाइकु’ पर आधारित है। यह विधा हिंदी साहित्य में स्वीकृति पा चुकी है। इस विधा को विश्व की सबसे छोटी कविता का स्थान प्राप्त है। इस कविता में कवि ने तीन-तीन छोटी पंक्तियों में अलग-अलग घटनाओं को सुंदर ढंग से पिरोया है। प्रस्तुत कविता की यह अपनी विशेषता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 3 वाह रे! हमदर्द Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 3 वाह रे! हमदर्द

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 3 वाह रे! हमदर्द Textbook Questions and Answers

कृति

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 17

प्रश्न 2.
अंतर स्पष्ट कीजिए:
प्राइवेट अस्पताल – सार्वजनिक अस्पताल
१. …………………….. – १. ……………………..
प्राइवेट वार्ड – जनरल वार्ड
१. …………………….. – १. ……………………..
उत्तर:

प्राइवेट अस्पताल सार्वजनिक अस्पताल
प्राइवेट अस्पताल में अच्छी सुविधाएँ होती हैं। सार्वजनिक अस्पताल में कई बार सुविधाओं का अभाव होता है।
प्राइवेट वॉर्ड जनरल वॉर्ड
मिलने का कोई निश्चित समय नहीं होता। मिलने का निश्चित समय होता है।

प्रश्न 3.
आकृति में लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 23

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प्रश्न 4.
कारण लिखिए
a. लेखक को अधिक गुस्सा अपनी पत्नी पर आया ……………………..
b. लेखक कहते हैं कि मेरी दूसरी टाँग उस जगह तोड़ना जहाँ कोई परिचित न हो ……………………..
उत्तर:
a. आगंतुक को रोते देखकर लेखक की पत्नी ने उसे कोई रिश्तेदार या करीबी मित्र समझकर टैक्सीवाले को किराये के पैसे दे दिए थे।
b. उस जगह लेखक के परिचित होंगे तो लेखक से समय-असमय मिलने आकर तंग करेंगे।

प्रश्न 5.
शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए:
a. वह स्थान जहाँ अनेक प्रकार के पशु-पक्षी रखे जाते हैं – ……………………..
b. जहाँ मुफ्त में भोजन मिलता है – ……………………..
उत्तर:
(i) चिड़ियाघर
(ii) लंगर (भंडारा)।

प्रश्न 6.
शब्द बनाइए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 37

प्रश्न 7.
अभिव्यक्ति- मरीज से मिलने जाते समय कौन-कौन-सी सावधानियां बरतनी चाहिए, लिखिए।
उत्तर:
प्राय: सभी को कभी-न-कभी मरीजों से मिलने अस्पताल में जाना पड़ता है। मरीज से मिलने जाते समय कुछ सावधानियाँ बरतना अत्यंत आवश्यक है। मरीज से मिलने जाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारी वजह से उसे कोई कष्ट न पहुँचे। बच्चे चुलबुले होते हैं। इसलिए मरीज के पास बच्चों को नहीं लेकर जाना चाहिए। बीमारी में दवा और पथ्य के साथ मरीज को आराम व अच्छी नींद आवश्यक है।

अत: मरीज के पास ज्यादा देर तक बैठना, जोर-जोर से बोलना, मरीज की बीमारी के बारे में नकारात्मक बातें करना आदि उचित नहीं है। जहाँ तक हो सके, मरीज का उत्साह बढ़ाना चाहिए। अस्पताल में डॉक्टर मरीज को उसकी आवश्यकता के अनुसार दवाएँ देते हैं। इसलिए मरीज से देसी नुस्खे आजमाने की बातें नहीं करनी चाहिए और न ही डॉक्टर की दवा के बारे में रोगी के मन में किसी तरह का भ्रम पैदा करना चाहिए।

भाषा बिंदु
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में आए हुए संज्ञा शब्दों को रेखांकित करके उनके भेद लिखिए:
1. सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई। ……………………..
2. गाय बहुत दूध देती है। ……………………..
3. मैं रोज ईश्वर से प्रार्थना करता हैं। ……………………..
4. सैनिकों की टुकड़ी आगे बढ़ी। ……………………..
5. सोना-चाँदी और भी महँगे होते जा रहे हैं। ……………………..
6. गोवा देख मैं तरंगायित हो उठा। ……………………..
7. युवकों का दल बचाव कार्य में लगा था। ……………………..
8. आपने विदेश में भ्रमण तो कर लिया है। ……………………..
9. इस कहानी में भारतीय समाज का चित्रण मिलता है। ……………………..
10. सागर का जल खारा होता है। ……………………..
उत्तर:
1. सोनाबाई – व्यक्तिवाचक बच्चों – जातिवाचक।
2. गाय – जातिवाचक दूध – द्रव्यवाचक।
3. ईश्वर – जातिवाचक प्रार्थना- भाववाचक।
4. सैनिकों – जातिवाचक टुकड़ी – समूहवाचक।
5. सोना-चाँदी – द्रव्यवाचक।
6. गोवा – व्यक्तिवाचक।
7. युवकों – जातिवाचक दल – समूहवाचक। कार्य – भाववाचकी
8. विदेश – जातिवाचक भ्रमण – भाववाचका
9. कहानी – जातिवाचक समाज- समूहवाचक। चित्रण- भाववाचक।
10. सागर – जातिवाचक जल – द्रव्यवाचक।

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प्रश्न 2.
पाठ में प्रयुक्त किन्हीं पाँच संज्ञाओं को ढूँढकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:

  • साइकिल – मुझे साइकिल चलाना नहीं आता।
  • जोश – कई लोग जोश में होश खो बैठते हैं।
  • रेत – आन्या को सागर तट पर रेत का घर बनाना बहुत पसंद है।
  • आत्मा – प्रत्येक आत्मा परमात्मा का अंश होती है।
  • बंदर – बंदर और बच्चे एक जैसे शरारती होते हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों के रिक्त स्थानों में उचित सर्वनामों का प्रयोग कीजिए:
1. …………………….. सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं।
2. …………………….. बाजार जाओ।
3. …………………….. कारखाने में एक ही विभाग में काम करते थे।
4. इसे लेकर …………………….. क्या करोगे?
5. हृदय …………………….. है; …………………….. उदार हो।
6. लोग …………………….. कमरा स्वच्छ कर रहे हैं।
7. …………………….. रिसॉर्ट हमने पहले से बुक कर लिया है।
8. इसके बाद …………………….. लोग दिन भर पणजी देखते रहे।
9. …………………….. इसके पहले उसे मना करता।
10. काम करने के लिए कहा है …………………….. करो।
उत्तर:
1. वे सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं।
2. तुम बाजार जाओ।
3. हम कारखाने में एक ही विभाग में काम करते थे।
4. इसे लेकर तुम क्या करोगे।
5. हृदय वही है; तुम उदार हो।
6. लोग स्वयं कमरा साफ कर रहे हैं।
7. मैं रिसॉर्ट हमने पहले से बुक कर लिया है।
8. इसके बाद हम लोग दिन भर पणजी देखते रहे।
9. मैं इसके पहले उसे मना करता।
10. काम करने के लिए कहा है वही करो।

प्रश्न 4.
पाठ में प्रयुक्त सर्वनाम ढूँढ़कर उनका स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:

  • मैंने
    वाक्य: मैंने रेत का घर बनाया।
  • तुझे
    वाक्य: शिक्षिका ने तुझे बुलाया है, मनन।
  • वे
    वाक्य: वे मेरे चाचा हैं।
  • कोई
    वाक्य: बाहर कोई है।
  • आप
    वाक्य: कल आप कहाँ थे?
  • मुझसे
    वाक्य: माँ ने गुस्से में कहा, मुझसे बात मत करो।
  • उन्होंने
    वाक्य: उन्होंने मुझे घर तक पहुँचाया।
  • मुझे।
    वाक्य: मुझे नींद आ रही है।

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उपयोजित लेखन

प्रश्न.
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर किसी समारोह का वृत्तांत लेखन कीजिए:

  • स्थान
  • तिथि और समय
  • प्रमुख अतिथि
  • समारोह
  • अतिथि संदेश
  • समापन

उत्तर:
गांधी जयंती पर गांधी जी का स्मरण
अकोला, 3 अक्तूबर। अकोला के सरदार पटेल विद्यालय में कल 2 अक्तूबर को गांधी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। विद्यालय में समारोह सुबह 10 बजे आयोजित किया जाना था। विद्यालय के विद्यार्थी 9 बजे से ही अपने-अपने स्थान पर बैठ गए थे।

विद्यालय के सभी अध्यापक मंच पर खादी का कुर्ता-पाजामा और खादी टोपी पहनकर विराजमान थे। प्रमुख अतिथि के रूप में शहर के वयोवृद्ध गांधीवादी जनार्दन पाटील उपस्थित थे। मंच पर गांधी जी की तस्वीर सुशोभित हो रही थी।

समारोह की शुरुआत ‘वंदे मातरम्’ गीत से हुई। विद्यालय के प्रधानाचार्य राम रतन जोशी ने उपस्थित लोगों का परिचय दिया और देश के लिए गांधी जी के योगदान की चर्चा की।

प्रमुख अतिथि जनार्दन पाटील ने गांधी जी के जीवन की कई घटनाओं के बारे में बताया। उन्होंने गांधी जी के हमेशा सत्य बोलने के आग्रह के बारे में बताया और कहा कि हमें सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। अपने लाभ के लिए कभी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए।

विद्यालय के उपमुख्याध्यापक सुधीर देशपांडे ने प्रमुख अतिथि के प्रति आभार व्यक्त किया।

राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द Additional Important Questions and Answers

कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा 1(आ) के लिए

गद्यांश क्र.1

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 7

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प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 5
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 8

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 9

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 11

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 12
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 13

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प्रश्न 3.
जोड़ियाँ मिलाइए:

‘अ’  ‘आ’
(i) ऐक्सिडेंट  खुला निमंत्रण
(ii) टाँग  दुर्घटना
(iii) प्राइवेट वार्ड  रेत की थैली
(iv) सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना  फ्रैक्चर

उत्तर:

‘अ’  ‘आ’
(i) ऐक्सिडेंट  फ्रैक्चर
(ii) टाँग  रेत की थैली
(iii) प्राइवेट वॉर्ड  खुला निमंत्रण
(iv) सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना  दुर्घटना

कृति 3: (शब्द संपंदा)

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 14
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 15

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त उर्दू शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) ………………….
(ii) ………………….
(iii) ………………….
(iv) ………………….
उत्तर:
(i) जवाब
(ii) फिक्र
(ii) तकलीफ
(iv) मरीज।

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प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
(i) ………………….
(ii) ………………….
(ii) ………………….
(iv) ………………….
उत्तर:
(ii) मिलने-जुलने
(iii) सही-सलामत
(iv) परिचित-अपरिचित।

प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त उपसर्गयुक्त शब्द ढूँढ़कर उनके मूल शब्द और उपसर्ग अलग करके लिखिए।
(i) ………………….
(ii) ………………….
(iii) ………………….
उत्तर:
(i) अपरिचित = अ + परिचित।
(ii) दुर्घटना = दुर् + घटना।
(iii) हमदर्दी = हम + दर्दी।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
सार्वजनिक अस्पतालों में मरीजों को होने वाली परेशानियों के विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
देश में अनगिनत निजी अस्पताल हैं, परंतु देश की आधी से अधिक गरीब जनता सार्वजनिक अस्पतालों पर ही निर्भर है। इन अस्पतालों की हालत बहुत दयनीय है। इन अस्पतालों की एक्स-रे आदि मशीनों का कोई ठिकाना नहीं होता। गरीबों को वहाँ इलाज के स्थान पर तकलीफ ही मिलती है। सार्वजनिक अस्पतालों में समय पर डॉक्टर नहीं मिलते। डॉक्टर यदि मिल भी जाता है, तो दवाइयाँ नहीं मिलती।

इसलिए मरीजों को महँगे दामों पर बाहर से दवाएँ खरीदने को बाध्य होना पड़ता है। इसके अलावा डॉक्टर के साथ-साथ अस्पताल के कर्मचारियों का व्यवहार भी रोगियों के प्रति बहुत खराब होता है। ऐसे में इन अस्पतालों में मरीज का ढंग से इलाज नहीं हो पाता। इसलिए लोग इन अस्पतालों में जाने से कतराते हैं।

गद्यांश क्र.2
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
(i) इनकी हमदर्दी में यह बात खास छिपी रहती है ………………………..।
(ii) उस दिन सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई तो ………………………..।
उत्तर:
(1) इनकी हमदर्दी में यह बात खास छिपी रहती है कि देख बेटा, वक्त सब पर आता है।
(ii) उस दिन सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई तो मुझे लगा कि आज फिर कोई दुर्घटना होगी।

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 18
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 19

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कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही यह नहीं आती – [ ]
(ii) कुछ लोग सिर्फ यह निभाने आते हैं – [ ]
(iii) इन लोगों को मरीज से यह नहीं होती – [ ]
(iv) कब मेरी टाँग टूटे, कब वे अपना यह चुकाएँ – [ ]
उत्तर:
(i) दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही यह नहीं आती [नींद]
(ii) कुछ लोग सिर्फ यह निभाने आते हैं – [औपचारिकता]
(iii) इन लोगों को मरीज से यह नहीं होती – [हमदर्दी]
(iv) कब मेरी टाँग टूटे, कब वे अपना यह चुकाएँ – [एहसान]

प्रश्न 2.
विधानों के सामने सत्य /असत्य लिखिए:
(i) मैंने तय किया कि आज मैं आँख ही नहीं खोलूँगा।
(ii) ऑफिस के बड़े साहब आए।
(iii) उन्होंने मेरी टाँग के टूटे हिस्से को जोर से दबाया।
(iv) कहिए, अब सिरदर्द कैसा है?
उत्तर:
(i) सत्य
(ii) असत्य
(iii) सत्य
(iv) असत्य।

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 20
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 21

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए:
(i) बेटा
(ii) टाँग
(iii) दुर्घटनाएँ
(iv) हिस्सा।
उत्तर:
(i) बेटा – बेटे
(ii) नींद – स्त्रीलिंग
(iii) दुर्घटनाएँ – दुर्घटना
(iv) वक्त – पुल्लिग।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) दिन
(ii) नींद
(ii) फुरसत
(iv) वक्त।
उत्तर:
(i) दिन – पुल्लिग
(ii) आँख = नयन
(iii) फुरसत – स्त्रीलिंग
(iv) वक्त = समय।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) नींद
(ii) आँख
(iii) दर्द
(iv) वक्त।
उत्तर:
(i) नींद = निद्रा
(iii) दर्द = पीड़ा
(ii) टाँग – टाँगें
(iv) हिस्सा – हिस्से।

गद्यांश क्र. 3

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
कारण लिखिए:

(i) आगंतुक ने जब लेखक से आँख मिलाई तो एकदम चुप हो गया …………………………
उत्तर:
(i) आगंतुक किसी अन्य मरीज से मिलने आया था।

प्रश्न 2.
ऐसे दो प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर: निम्नलिखित हों:

(i) दवा की शीशी
(ii) औपचारिकता।
उत्तर:
(i) सोनाबाई की लड़की ने क्या पटक दी?
(ii) कुछ लोग क्या निभाने की हद कर देते हैं?

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 24
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 25

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 26
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 27

प्रश्न 3.
गद्यांश में उल्लिखित शरीर के अंगों के नाम:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 28
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 29

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कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) सिर
(ii) रोना
(iii) गलत
(iv) गुस्सा।
उत्तर:
(i) सिर x पैर
(ii) रोना x हँसना
(iii) गलत x सही
(iv) गुस्सा x प्यार।

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) …………………………
(ii) …………………………
(iii) …………………………
(iv) …………………………
उत्तर:
(i) टेबल
(ii) डांस
(iii) टैक्सी
(iv) प्रैक्टिस।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘शकुन-अपशकुन’ के बारे में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
शकुन-अपशकुन समाज में प्रचलित एक अवधारणा है। इसमें यह माना जाता है कि कुछ विशेष प्रकार की परिघटनाएँ हमारे भविष्य का संकेत देती हैं। अनुकूल भविष्यवाणी करने वाले संकेतों को शुभ शकुन और प्रतिकूल भविष्यवाणी करने वाले संकेतों को अपशकुन कहा जाता है। हमारे देश में ही नहीं, अपितु संसार भर में लोग शकुन-अपशकुन पर विश्वास करते हैं। भारतीय संस्कृति में शकुन-अपशकुन का वर्णन वेदों, पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है।

काली बिल्ली द्वारा रास्ता काट जाना, किसी कार्य को आरंभ करते समय किसी का छींक देना, घर से बाहर जाते हुए व्यक्ति को किसी के द्वारा टोका जाना आदि समाज में बहुप्रचलित अपशकुन हैं। इन अपशकुनों को मानने वालों की संख्या कम नहीं है। इन अपशकुनों के चक्कर में आकर कभी-कभी लोगों को हानि भी उठानी पड़ती है, फिर भी वे इन्हें मानने से नहीं चूकते। ये मान्यताएँ मनुष्य को कमजोर बनाती हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से इन शकुन-अपशकुनों को अंधविश्वास ही माना जाता है।

गद्यांश क्र.4

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 30
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 31

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प्रश्न 2.
कारण लिखिए:

(i) लेखक ने बड़ी मुश्किल से कवि लपकानंद को विदा किया …………………………
उत्तर:
(i) कवि लपकानंद जब कविता सुनाना शुरू करते, तो रुकने का नाम नहीं लेते थे।

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 32
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 33

प्रश्न 2.
ऐसे दो प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) डायरी
(ii) बड़े बेवफा।
उत्तर:
(i) कवि ने झोले से क्या निकाली?
(ii) हमदर्दी जताने वाले कैसे होते हैं?

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 34
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 वाह रे! हमदर्द 35

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूंढकर उनको वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
(i) …………………………
(ii) …………………………
उत्तर:
(i) दस-बीस – गोदाम में दस-बीस किलो गेहूँ पड़ा है।
(ii) चार-पाँच – चार-पाँच लड़कों को भेजो, कक्षा का फर्नीचर बाहर निकलवाना है।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
कवियों की कविता सुनाने की आदत के बारे में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
कवि दो प्रकार के होते हैं। एक वे, जो सचमुच कवि होते हैं और अपने विचारों को मथकर उन्हें सुंदर और सुरुचिपूर्ण शब्दों के माध्यम से कागज पर उतारते हैं। उनकी कविता सुनकर श्रोता को आनंद के साथ-साथ एक दिशा भी मिलती है। दूसरे प्रकार के कवि वे होते हैं, जो अंत:करण से कवि नहीं होते। वे जबरन कवि बनकर कविता लिखना चाहते हैं। इनकी कविता कविता न होकर शब्दों का बेतरतीब समूह होती है।

जोड़-तोड़कर कविता तैयार करते ही ये श्रोता की तलाश करने लगते हैं और जो भी सामने मिल जाता है, उसे अपनी कविता सुनाए बिना नहीं छोड़ते। इनकी कविता सुनने के लिए कोई आसानी से तैयार नहीं होता। पर विद्वान कवि कभी अपनी कविता सुनाने की कोशिश नहीं करते। उनकी कविता सारगर्मित होती है और वे हर किसी को कविता सुनाते नहीं फिरते।

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भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न.
सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:
निम्नलिखित वाक्यों में अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ।
(ii) मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ।
(iii) सोनाबाई के बच्चे खेलने लगे।
उत्तर:
(i) मैं – पुरुषवाचक सर्वनाम।
(ii) नये – गुणवाचक विशेषण।
(iii) सोनाबाई – व्यक्तिवाचक संज्ञा।

2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) अकसर
(ii) इर्द-गिर्द
(iii) धीरे-धीरे।
उत्तर:
(i) मैं लपकानंद को देखकर अकसर भाग खड़ा होता हूँ।
(ii) मेरे इर्द-गिर्द अनेक लोग खड़े थे।
(iii) बड़े बाबू धीरे-धीरे मुझे हिलाने लगे।

3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए:।

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
………………..  नै + इका  ………………..
अथवा
 दुर्बल  ……………….. ………………..

उत्तर:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
नायिका  नै + इका स्वर संधि
अथवा
 दुर्बल दुः + बल विसर्ग संधि

4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) अस्पताल का खयाल आते ही में काँप उठा।
(ii) कोई भी आए मैं चुपचाप पड़ा रहूँगा।
(iii) बच्चे खेलने लगे।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) उठा – उठना
(ii) रहूँगा – रहना
(iii) लगे – लगना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय ‘ प्रेरणार्थक रूप लिखिए:

क्रिया  प्रथम प्रेरणार्थक रूप  द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) मानना
(ii) लिखना
(ii) जलना Maharashtra Board Solutions

उत्तर:

क्रिया  प्रथम प्रेरणार्थक रूप  द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) मानना  मनाना  मनवाना
(ii) लिखना  लिखाना  लिखवाना
(ii) जलना  जलाना  जलवाना

6. मुहावरे:
(1) निम्नलिखित कहावत का अर्थ लिखिए और वाक्य में प्रयोग कीजिए:
ढाक के तीन पात।
अर्थ: सदा एक-सी स्थिति।
वाक्य: छगनलाल ने सालभर में कई व्यवसाय बदले, पर हालत आज भी वही है ढाक के तीन पात।

(2) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए:
सुमधुर गायन सुनकर श्रोताओं ने गायक की प्रशंसा की। (सराहना करना, बोलबाला होना)
उत्तर:
अर्थ: सराहना करना।
वाक्य: सुमधुर गायन सुनकर श्रोताओं ने गायक की सराहना की।

7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उनका भेद लिखिए:
(i) मैंने उन्हें जल्दी से चाय पिलाई।
(ii) आप अस्पताल में हैं।
उत्तर:
(i) मैंने – कर्ता कारक
(ii) अस्पताल में – अधिकरण कारक।

8. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) वे मुझे ऐसे देख रहे थे मानो उनकी एक आँख पूछ रही हो कहो कविता कैसी रही और दूसरी आँख पूछ रही हो बोल बेटा अब भी मुझसे भागेगा
(ii) सोनाबाई ने लड़की को घूरा फिर हँसते हुए बोली भैया पेड़े खिलाओ दवा गिरना शुभ होता है
(iii) मैंने कराहते हुए पूछा मैं कहाँ हूँ
उत्तर:
(i) वे मुझे ऐसे देख रहे थे, मानो उनकी एक आँख पूछ रही हो, ‘कहो, कविता कैसी रही?’ और दूसरी आँख पूछ रही हो, बोल, बेटा! अब भी मुझसे भागेगा?’
(ii) सोनाबाई ने लड़की को घूरा, फिर हँसते हुए बोली, “भैया, पेड़े खिलाओ, दवा गिरना शुभ होता है।”
(iii) मैंने कराहते हुए पूछा, “मैं कहाँ हूँ?”

9. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) एक चेहरा बड़ी तेजी से जवाब देता है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) मेरी आँख खुलते ही सबके चेहरों पर प्रसन्नता की लहर दौड़ जाती है। (सामान्य भूतकाल)
(iii) सोनाबाई फिर आती है। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर:
(i) एक चेहरे ने बड़ी तेजी से जवाब दिया है।
(ii) मेरी आँख खुलते ही सबके चेहरों पर प्रसन्नता की लहर दौड़ गई।
(iii) सोनाबाई फिर आएगी।

10. वाक्य भेद:
(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) जब आँख खुली तो मैंने स्वयं को बिस्तर पर पाया।
(ii) मैंने उसे जल्दी से चाय पिलाई और विदा किया।
उत्तर:
(i) मिश्र वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य।

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(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) मेरी टाँग टूटना एक दुर्घटना थी। (प्रश्नवाचक)
(ii) आज फिर कोई दुर्घटना होगी। (इच्छावाचक)
उत्तर:
(i) क्या मेरी टाँग टूटना एक दुर्घटना थी?
(ii) आज फिर कोई दुर्घटना न हो।

11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए:
(i) अब मैं अपने टाँगों की ओर देखता है।
(ii) सोनाबाई से एक पल लड़की को घूरी।
(iii) गुप्ता जी की कमरा शायद बगल में हैं।
उत्तर:
(i) अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ।
(ii) सोनाबाई ने एक पल लड़की को घूरा।
(iii) गुप्ता जी का कमरा शायद बगल में है।

उपक्रम/कृति/परियोजना

किसी सार्वजनिक या ग्राम पंचायत की सभा में अंगदान’ के बारे में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
आदरणीय सरपंच महोदय, पंच परमेश्वर तथा अन्य सभी उपस्थित सज्जनो, आज मैं आप सभी के समक्ष अंगदान के विषय में अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ। अंगदान वह प्रक्रिया है, जिसमें किसी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग उसकी व उसके परिवार की सहमति से हटाकर किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया जाता है। इस प्रक्रिया द्वारा एक व्यक्ति को नया जीवन मिल जाता है।

प्रत्यारोपण के लिए गुर्दे, लिवर, फेफड़े, हृदय, हड्डियाँ, अस्थि मज्जा, त्वचा, अग्न्याशय, कॉर्निया, आँत आदि का दान दिया जाता है। अंगदान की प्रक्रिया को दुनिया भर में प्रोत्साहित किया जाता है। भारत में यह कानूनन वैध है। अंगदान समाज के लिए एक चमत्कार साबित हुआ है। हालाँकि माँग की तुलना में आपूर्ति बहुत कम है।

वाह रे! हमदर्द Summary in Hindi

वाह रे! हमदर्द विषय-प्रवेश :

अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए मरीज को देखने जाने की परंपरा समाज में पुरानी है। इससे मरीज को खुशी होती है और कुछ समय के लिए उसका ध्यान अपने कष्ट से हट जाता है। पर कुछ मिलने वाले ऐसे होते हैं, जो मरीज के लिए परेशानी का कारण बन जाते हैं। प्रस्तुत हास्य-व्यंग्यात्मक निबंध में लेखक ने दुर्घटना के माध्यम से एक ऐसी ही स्थिति का चित्रण किया है। निबंध में जहाँ एक ओर समाज में विद्यमान परोपकार की भावना पर प्रकाश डाला गया है, वहीं दूसरी ओर बड़े ही रोचक ढंग से हमदर्द लोगों की मानसिकता को भी चित्रित किया गया है। कभी-कभी हमदर्दी भी रोगी की मानसिक पीड़ा का कारण बन जाती है।

वाह रे! हमदर्द मुहावरे – अर्थ

  • ड़ाना – बाधा डालना।
  • काँप उठना – भयभीत होना।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर

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कृति

(कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 (अ) तथा प्रश्न 2 (आ) के लिए)
सूचनानुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 16

प्रश्न 2.
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 8

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प्रश्न 3.
इस अर्थ में आए शब्द लिखिए:

 अर्थ शब्द
i.  दासी ………….
ii.  साजन ………….
iii.  बार-बार ………….
iv.  आकाश ………….

उत्तर:

 अर्थ शब्द
i.  दासी चेरी
ii.  साजन पति
iii.  बार-बार बेर-बेर
iv.  आकाश अंबर

प्रश्न 4.
कन्हैया के नाम
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 5

प्रश्न 5.
दूसरे पद का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
(i) निकट – ढिग
(ii) साजन – पति।

उपयोजित लेखन

निम्नलिखित शब्दों के आधार पर कहानी लेखन कीजिए तथा उचित शीर्षक दीजिए:
अलमारी, गिलहरी, चावल के पापड़, छोटा बच्चा
उत्तर:
जीव दया
एक गाँव में एक छोटा बच्चा रहता था। उसका नाम चिंटू था। एक दिन चिंटू अपने घर के बाहर खेल रहा था। उसने देखा कि सामने एक पेड़ के नीचे दो-तीन कौए किसी चीज पर चोंच मार रहे हैं और वहाँ से हल्की-हल्की चर्ची-चीं की आवाज आ रही है। चिंटू दौड़कर वहाँ पहुँचा और उसने उन कौओं को वहाँ से उड़ाया। उसने देखा कि एक छोटी-सी गिलहरी वहाँ ची-चीं कर रही थी। उसका शरीर कौओं की चोंच से घायल हो गया था। चिंटू ने अपनी जेब से रूमाल निकाला और डरे बिना धीरे से गिलहरी को उठा लिया। उसने घर के अंदर लाकर उसे पानी पिलाया, उसके घावों को साफ करके उन पर सोफामाइसिन लगाई और उसे मेज पर बैठा दिया।

गिलहरी कुछ देर बाद धीरे-धीरे मेज पर घूमने लगी। मेज पर एक प्लेट में चावल के पापड़ रखे थे। गिलहरी ने एक पापड़ उठाया और अपने अगले दोनों पंजों में पकड़कर धीरे-धीरे उसे खाने लगी। चिंटू को बहुत अच्छा लगा। उसने माँ से पूछा कि जब तक गिलहरी बिलकुल ठीक नहीं हो जाती क्या मैं उसे अपने पास रख सकता हूँ। अभी अगर वह बाहर जाएगी तो कौए उसे अपना आहार बना लेंगे। माँ को चिंटू की ऐसी सोच पर गर्व हुआ और उन्होंने खुशी-खुशी उसकी बात मान ली। चिंटू ने अपनी किताबों की खुली आलमारी के एक खाने में एक तौलिया बिछाकर गिलहरी को बैठा दिया। उसके पास चावल के कुछ पापड़ तथा अमरूद के कुछ टुकड़े रख दिए। तीन-चार दिन बाद जब गिलहरी अच्छी तरह दौड़ने लगी तो चिंटू ने उसे बाहर पेड़ पर छोड़ दिया।

सीख: हमें पशु-पक्षियों के प्रति दया भाव रखना चाहिए।

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अपठित पद्यांश

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:-

काम जरा लेकर देखो, सख्त बात से नहीं स्नेह से
अपने अंतर का नेह अरे, तुम उसे जरा देकर देखो।
कितने भी गहरे रहें गर्त, हर जगह प्यार जा सकता है,
कितना भी भ्रष्ट जमाना हो, हर समय प्यार भा सकता है।
जो गिरे हुए को उठा सके, इससे प्यारा कुछ जतन नहीं,
दे प्यार उठा पाए न जिसे, इतना गहरा कुछ पतन नहीं ।।

– (भवानी प्रसाद मिश्र)

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए:
a. किसी से काम करवाने के लिए उपयुक्त – ………….
b. हर समय अच्छी लगने वाली बात – ………….
उत्तर:

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए:
a. अच्छा प्रयत्न यही है – ………….
b. यही अधोगति है – ………….
उत्तर:

प्रश्न 3.
पद्यांश की तीसरी और चौथी पंक्ति का संदेश लिखिए।
उत्तर:

भाषा बिंदु

कोष्ठक में दिए गए प्रत्येक/कारक चिह्न से अलग-अलग वाक्य बनाइए और उनके कारक लिखिए:
[ने, को, से, का, की, के, में, पर, हे, अरे, के लिए]
………………………………………………………..
………………………………………………………..
………………………………………………………..
………………………………………………………..
………………………………………………………..
उत्तर:
(1) ने – ऋतु ने खाना बनाया।
(2) को – विपिन ने प्रगति को खाना खिलाया।
(3) से – हिमानी साइकिल से ऑफिस जाती है।
(4) का – शुभम हर्षित का भाई है।
(5) की – पूर्वी आयुष की बहन है।
(6) के – नीरज के तीन चाचा हैं।
(7) में – नीनू घर में है।
(8) पर – पेड़ पर बंदर कूद रहे हैं।
(9) हे – हे भगवान, कितना शोर है यहाँ।
(10) अरे – अरे! सलिल तुम कहाँ हो?
(11) के लिए – अंशु वारिजा के लिए फ्रॉक लाई।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर Additional Important Questions and Answers

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पद्यांश क्र. 1

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 6

(ii) a. श्रीकृष्ण के सिर पर है
b. मीरा इन्हें अपना पति मानती हैं –
उत्तर:
a. श्रीकृष्ण के सिर पर है – मोर मुकट
b. मीरा इन्हें अपना पति मानती हैं – गिरधर गोपाल

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 7

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प्रश्न 3.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

 आ
आँसुओं के जल से
कुल की मर्यादा
प्रेम बेल
संत संगति के कारण
छोड़ दी
आनंद फल
लोक लाज खोई
प्रेम की बेल सींची
प्रेम से बिलोई।

उत्तर:

आँसुओं के जल से
कुल की मर्यादा
प्रेम बेल
संत संगति के कारण
प्रेम की बेल सींचा।
छोड़ दी।
आनंद फल।
लोक लाज खोई।

कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध रूप में लिखिए:
(i) भगत – …………………….
(ii) माखन – …………………….
(iii) आणंद – …………………….
(iv) जाके – …………………….
उत्तर:
(i) भगत – भक्त
(ii) माखन – मक्खन
(iii) आणंद – आनंद
(iv) जाके – जिसके।

प्रश्न 2.
निम्नालाखत शब्दा क समानाथा शब्दालाखए:
(i) मोर = …………………….
(ii) जगत = …………………….
(iii) दूध = …………………….
(iv) प्रेम = …………………….
उत्तर:
(i) मोर = मयूर
(ii) जगत = संसार
(iii) दूध = दुग्ध
(iv) प्रेम = प्यार।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अर्थवाले शब्द पद्यांश से चुनकर लिखिए:
(i) उद्घार करो – …………………….
(ii) मुझे – …………………….
उत्तर:
(i) उद्घार करो – तारो
(ii) मुझे – मोही।

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कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
उपर्युक्त पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
मैंने दूध जमाने के पात्र में जमे दही को मथानी से बड़े प्रेम से बिलोया और उसमें से कृष्ण-प्रेम रूपी मक्खन को निकाल लिया। शेष छाछ रूपी निस्सार जगत को छोड़ दिया। कृष्ण-भक्तों को देखकर मैं प्रसन्न होती हूँ, परंतु संसार का व्यवहार देख मुझे दुख होता है और मैं रो पड़ती हूँ। हे गिरधरलाल, मीरा तो आपकी दासी है, उसे इस संसार रूप भव-सागर से पार लगाओ।

पद्यांश क्र. 2

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:

(i) ये मीरा के प्रतिपालक हैं
(ii) कृष्ण के बिना इनको कहीं आश्रय नहीं है –
(iii) मीरा को प्रभु से मिलने की तीव्र यह है –
(iv) मीरा की यह संसार सागर में डूबने वाली है
उत्तर:
(i) ये मीरा के प्रतिपालक हैं – कृष्ण
(ii) कृष्ण के बिना इनको कहीं आश्रय नहीं है – मीरा
(iii) मीरा को प्रभु से मिलने की तीव्र यह है – लालसा
(iv) मीरा की यह संसार सागर में डूबने वाली है – नौका

प्रश्न 2.
पद्यांश में आए इस अर्थ के शब्द लिखिए:

(i) दासी
(ii) आश्रय
(iii) बार-बार
(iv) नौका।
उत्तर:
(i) दासी – चेरी
(ii) आश्रय – गती
(iii) बार-बार – बेर-बेर
(iv) नौका – बेरी।

प्रश्न 3.
विधानों के सामने सत्य / असत्य लिखिए:

(i) हरि बिना मीरा को कहीं आश्रय नहीं है।
(ii) कृष्ण मीरा के पति हैं और वे उनकी पत्नी।
(iii) मीरा बार-बार प्रभु की आरती करती हैं।
(iv) मीरा की जीवन नौका संसार सागर में डूबने वाली है।
उत्तर:
(i) सत्य
(i) असत्य
(iii) असत्य
(iv) सत्य।

प्रश्न 4.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 9
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 10

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कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए:

(i) कूण – …………………..
(ii) रावरी – …………………..
(iii) बेरी – …………………..
(iv) नेरी – …………………..
उत्तर:
(i) कूण – कहाँ
(ii) रावरी – आपकी
(iii) बेरी – बेड़ा
(iv) नेरी – पास, निकट।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचान कर लिखिए:
(i) पखावज …………………..
(ii) पिचकारी …………………..
(iii) गुलाल …………………..
(iv) चरण …………………..
उत्तर:
(i) पखावज – स्त्रीलिंग
(ii) पिचकारी – स्त्रीलिंग
(iii) गुलाल – पुल्लिंग
(iv) चरण – पुल्लिंग।

कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
उपयुक्त पद्यांश की ‘हरि बिन कूण आरति है तेरी।।’ पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
हे हरि, आपके बिना मेरा कौन है? अर्थात आपके सिवा मेरा कोई ठिकाना नहीं है। आप ही मेरा पालन करने वाले हैं और मैं आपकी दासी हूँ। मैं रात-दिन, हर समय आपका ही नाम जपती रहती हूँ। में बार-बार आपको पुकारती हूँ, क्योंकि मुझे आपके दर्शनों की तीव्र लालसा है।

पद्यांश क्र. 3

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
पद्यांश में आए इस अर्थ के शब्द लिखिए:
बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका

(i) कमल
(ii) आकाश
(iii) श्रेष्ठ
(iv) संतोष।
उत्तर:
(i) कमल – कँवल
(ii) आकाश – अंबर
(iii) श्रेष्ठ – छतीयूँ
(iv) संतोष – संतोख।

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प्रश्न 2.
जोड़ियाँ बनाइए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 11
उत्तर:
(i) सुर – राग
(ii) करताल – झनकार
(iii) घट – पट
(iv) प्रेम – पिचकार।

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) आकाश लाल हो गया है इससे –
(ii) गिरिधर नागर हैं मीरा के ये –
उत्तर:
(i) आकाश लाल हो गया है इससे – गुलाल से।
(ii) गिरिधर नागर हैं मीरा के ये – प्रभु।

प्रश्न 4.
उत्तर लिखिए: (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 12
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 14
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 गिरिधर नागर 15

कृति 2: (शब्द संपदा) (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)

पद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए:
ऐसे दो शब्द जिनका वचन परिवर्तन से रूप नहीं बदलता –
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
उत्तर:
(i) दिन
(ii) चरण।

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कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
उपर्युक्त पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
उत्तर:
हे मेरे मन, फागुन मास में होली खेलने का समय अति अल्प होता है। अतः तू जी भरकर होली खेल। अर्थात मानव जीनव अस्थायी है, इसलिए भगवान कृष्ण से पूर्ण रूप से प्रेम कर ले। जिस प्रकार होली के उत्सव में नाच आदि का आयोजन होता है, उसी प्रकार कृष्ण-प्रेम में मुझे ऐसा प्रतीत होता है मानो करताल, पखावज आदि बाजे बज रहे हैं और अनहद नाद का स्वर सुनाई दे रहा है, जिससे मेरा हृदय बिना स्वर और राग के अनेक रागों का आलाप करता रहता है। मेरा रोम-रोम भगवान कृष्ण के प्रेम के रंग में डूबा रहता है। मैंने अपने प्रिय से होली खेलने के लिए शील और संतोष रूपी केसर का रंग घोला है। मेरा प्रिय-प्रेम ही होली खेलने की पिचकारी है।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न.
सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:
अधोरेखांकित शब्दों का शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) बाहर कोई नहीं है।
(ii) माँ को हंसी आ गई।
(iii) चतुर वैद्य विष से भी दवा का काम ले सकता है।
उत्तर:
(i) कोई – अनिश्चयवाचक सर्वनाम।
(ii) हँसी – भाववाचक संज्ञा।
(iii) चतुर – गुणवाचक विशेषण।

2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) भी
(ii) इसलिए।
उत्तर:
(i) भी – हमारी बेटी गाय से भी अधिक सीधी है।
(ii) इसलिए – नीरज बीमार था, इसलिए दफ्तर नहीं गया।

3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए:
संधि शब्द – संधि विच्छेद – संधि भेद
…………. – उत् + लेख। – ……………
अथवा
तपोबल – …………… – ……………
उत्तर:
संधि शब्द – संधि विच्छेद – संधि भेद
उल्लेख – उत् + लेख – व्यंजन संधि
अथवा
तपोबल – तपः + बल – विसर्ग संधि

4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) यह कुरसी दीवार की तरफ खिसका दो।
(ii) हम समय पर स्टेशन पहुंच गए।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) दो – देना
(ii) गए – जाना

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5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) पढ़ना
(ii) जीतना
(ii) करना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) पढ़ना – पढ़ाना – पढ़वाना
(ii) जीतना – जिताना – जितवाना
(iii) करना – कराना – करवाना

6. मुहावरे:
(1) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) चैन न मिल पाना
(ii) झेंप जाना।
उत्तर:
(i) चैन न मिल पाना।

अर्थ: बेचैनी अनुभव करना। वाक्य: मालिक की कड़ी बातें सुनकर मुनीम को चैन न मिल पाया।

(ii) झेंप जाना।
अर्थ: लज्जित होना, शरमाना। वाक्य: नकल करने पर मित्र की फटकार सुनकर अभिनव झेंप गया।

(2) अधोरेखांकित वाक्यांशों के लिए कोष्ठक में दिए गए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए:
(नाक-भौं सिकोड़ना, गुदगुदा देना, सिर झुका देना)
(i) अप्रिय बात सुनकर सभी तिरस्कार प्रकट करेंगे।
(ii) जीवन में आनंददायी क्षण बहुत कम होते हैं।
उत्तर:
(i) अप्रिय बात सुनकर सभी नाक-भौं सिकोड़ेंगे।
(ii) जीवन में गुदगुदाने वाले क्षण बहुत कम होते हैं।

7. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) मैं कहाँ से पैसे , पहले तो दूध की बिक्री के पैसे मेरे पास जमा रहते थे
(ii) सहसा कानों में आवाज आई काकी उठो मैं पूड़ियाँ लाई हूँ
उत्तर:
(i) “मैं कहाँ से पैसे दूँ? पहले तो दूध की बिक्री के पैसे मेरे पास जमा रहते थे।”
(ii) सहसा कानों में आवाज आई – “काकी, उठो मैं पूड़ियाँ लाई हूँ।”

8. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) विदा का क्षण आ गया। (सामान्य भविष्यकाल)
(ii) आप छत पर क्या करते हैं? (अपूर्ण भूतकाल)
(iii) मेरी गाड़ी तो बिक जाती है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तर:
(i) विदा का क्षण आ जाएगा।
(ii) आप छत पर क्या कर रहे थे?
(iii) मेरी गाड़ी तो बिक गई है।

9. वाक्य भेद:
(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचान कर लिखिए:
(i) संसार का व्यवहार देखकर मुझे दुःख होता है और मैं रो पड़ती हूँ।
(ii) मीराबाई कहती हैं कि अब उन्हें लोकलाज का कोई डर नहीं हैं।
उत्तर:
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य।

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(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) संतो के साथ बैठकर मैंने लोकलाज त्याग दी है। (विस्मयादिबोधक वाक्य)
(ii) हे हरि, आप ही मेरा पालन करने वाले हैं। (आज्ञावाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) हाय! संतों के साथ बैठकर मैंने लोकलाज त्याग दी है।
(ii) हे हरि, आप ही मेरा पालन करें।।

11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए:
(i) लेखक ने अभिनेता की घमंड तोड़ी।
(ii) हमने क्रिकेट की मैच देखी।
उत्तर:
(i) लेखक ने अभिनेता का घमंड तोड़ा।
(ii) हमने क्रिकेट का मैच देखा।

गिरिधर नागर Summary in Hindi

गिरिधर नागर कविता का सरल अर्थ

1. मेरे तो गिरधर गोपाल …………………………….. तारो अब मोही।।

गिरि को धारण करने वाले, गायों के पालक कृष्ण के सिवा मेरा और कोई नहीं है। जिनके मस्तक पर मोर का मुकुट शोभित है, वे ही मेरे पति हैं। उनके लिए मैंने कुल की मर्यादा छोड़ दी है। चाहे कोई मुझे कुछ भी कहे। संतों के साथ बैठ-बैठकर मैंने लोकलाज त्याग दी है। मैंने अपने प्रेम रूपी बेल को अपने अश्रु रूपी जल से सींच-सींचकर बड़ा किया है। अब तो यह प्रेम-बेल फैल गई है और इसमें आनंद रूपी फल लगने लगा है। मैंने दूध जमाने के पात्र में जमे दही को मथानी से बड़े प्रेम से बिलोया और उसमें से कृष्ण-प्रेम रूपी मक्खन को निकाल लिया। शेष छाछ रूपी निस्सार जगत को छोड़ दिया। कृष्ण-भक्तों को देखकर मैं प्रसन्न होती हूँ, परंतु संसार का व्यवहार देख मुझे दुख होता है और मैं रो पड़ती हूँ। हे गिरधरलाल, मीरा तो आपकी दासी है, उसे इस संसार रूपी भव-सागर से पार लगाओ।

2. हरि बिन कूण गती मेरी …………………………….. मैं सरण हूँ तेरी।।

हे हरि, आपके बिना मेरा कौन है? अर्थात आपके सिवा मेरा कोई ठिकाना नहीं है। आप ही मेरा पालन करने वाले हैं और मैं आपकी दासी हूँ। मैं रात-दिन, हर समय आपका ही नाम जपती रहती हूँ। मैं बार-बार आपको पुकारती हूँ, क्योंकि मुझे आपके दर्शनों की तीव्र लालसा है। यह संसार विभिन्न प्रकार के दोषों और विकारों से भरा हुआ सागर है, जिसके बीच में घिर गई हैं। इस संसार रूपी सागर में मेरी नाव टूट गई है। हे प्रभु, आप शीघ्र इस नाव का पाल बाँधिए, अन्यथा यह जीवन-नौका इस संसार-सागर में डूब जाएगी। हे प्रियतम, आपकी यह विरहिणी निरंतर आपकी बाट जोहती रहती है। आपके आगमन की प्रतीक्षा करती रहती है। आपकी यह दासी मीरा सदा आपके नाम का स्मरण करती रहती है और आपकी शरण में आई है।

3. फागुन के दिन चार …………………………….. चरण कँवल बलिहार रे।।

हे मेरे मन, फागुन मास में होली खेलने का समय अति अल्प होता है। अतः तू जी भरकर होली खेल। अर्थात मानव जीनव अस्थायी है, : इसलिए भगवान कृष्ण से पूर्ण रूप से प्रेम कर ले। जिस प्रकार होली के : उत्सव में नाच आदि का आयोजन होता है, उसी प्रकार कृष्ण-प्रेम में मुझे ऐसा प्रतीत होता है मानो करताल, पखावज आदि बाजे बज रहे हैं और अनहद नाद का स्वर सुनाई दे रहा है, जिससे मेरा हृदय बिना स्वर और राग के अनेक रागों का आलाप करता रहता है। मेरा रोम-रोम भगवान कृष्ण के प्रेम के रंग में डूबा रहता है। मैंने अपने प्रिय से होली खेलने के लिए शील और संतोष रूपी केसर का रंग घोला है। मेरा प्रिय-प्रेम ही होली खेलने की पिचकारी है। उड़ते हुए गुलाल से सारा आकाश लाल हो गया है। अब मुझे लोक-लज्जा का कोई डर नहीं है, इसलिए मैंने हृदय रूपी घर के दरवाजे खोल दिए हैं। अंत में मीरा कहती हैं कि मेरे स्वामी गोवर्धन पर्वत को धारण करने वाले कृष्ण भगवान हैं। मैंने उनके चरण-कमलों में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया है।

गिरिधर नागर विषय-प्रवेश :

प्रस्तुत काव्य में रसिक शिरोमणि श्रीकृष्ण की अनन्य उपासिका मीराबाई अपना प्रेम प्रकट कर रही हैं। सभी पदों में | श्रीकृष्ण के प्रति मीराबाई के प्रेम, उनकी भक्ति, उत्सुकता, प्रिय-मिलन की आशा, प्रतीक्षा आदि का मार्मिक चित्रण है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 भारत महिमा

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 1 भारत महिमा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 1 भारत महिमा

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 1 भारत महिमा Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का तात्पर्य लिखिए:
a. कहीं से हम आए थे नहीं → …………………….
b. वही हम दिव्य आर्य संतान → …………………….
उत्तर:
(a) हम भारतवासी किसी अन्य देश से आकर यहाँ नहीं बसे। हम यहीं के निवासी हैं। सभ्यता के प्रारंभ से हम यहीं रहते आए हैं।
(b) भारतवासी आर्य थे और हम उन्हीं आर्यों की दिव्य संतानें हैं।

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:
संचय
सत्य
अतिथि
रत्न
वचन
दान
हृदय
तेज
देव
उत्तर:
(i) संचय – दान
(ii) सत्य – वचन
(iii) अतिथि – देव
(iv) रत्न – तेज।

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प्रश्न 3.
लिखिए.
a. कविता में प्रयुक्त दो धातुओं के नाम:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 भारत महिमा 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 भारत महिमा 6

b. भारतीय संस्कृति की दो विशेषताएँ:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 भारत महिमा 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 भारत महिमा 10

प्रश्न 4.
प्रस्तुत कविता की अपनी पसंदीदा किन्हीं दो पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
उत्तर:
हमारे संचय में था दान, अतिथि थे सदा हमारे देव वचन में सत्य, हृदय में तेज, प्रतिज्ञा में रहती थी टेव। हम भारतीय दीन-दुखियों की सेवा करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। हम यदि धन और संपत्ति का संग्रह करते भी थे तो दान के लिए करते थे। दानवीरता भारतीयों का गुण रहा है। महर्षि दधीचि और कर्ण जैसे दानवीर इसी भूमि पर हुए हैं। हमारे देश में अतिथियों को देवता के समान माना जाता था। भारतीय सत्यवादी हरिश्चंद्र की संतानें हैं। हमारे हृदय में तेज था, गौरव था। हम सदा अपनी प्रतिज्ञा पर अटल रहते थे। भारतीयों का मानना था- प्राण जाएँ,: पर वचन न जाएँ।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए:
a. रचनाकार का नाम
b. रचना का प्रकार
c. पसंदीदा पंक्ति
d. पसंदीदा होने का कारण
e. रचना से प्राप्त संदेश
उत्तर:
a. रचनाकार का नाम → जयशंकर प्रसाद।
b. रचना की विधा → कविता।
c. पसंद की पंक्तियाँ → व्योमतम पुंज हुआ तब नष्ट, अखिल संसृति हो उठी अशोक। (सूचना: विद्यार्थी अपनी पसंद की पंक्ति लिखेंगे।)
d. पंक्तियाँ पसंद होने का कारण → हम भारतीयों ने पूरे विश्व में ज्ञान का प्रसार किया, जिसके कारण समग्र संसार आलोकित हो गया। अज्ञान रूपी अंधकार का विनाश हुआ और संपूर्ण सृष्टि के सभी दुख-शोक दूर हो गए।
e. रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा → हमें सदैव अपने देश और इसकी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। जब भी आवश्यकता पड़े, देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने के लिए तत्पर रहना चाहिए।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 1 भारत महिमा Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र. 1
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
पद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) अभिनंदन
(ii) आलोक।
उत्तर:
(i) उषा ने हँसकर क्या किया?
(ii) जब भारतीयों ने ज्ञान का प्रचार किया तो संसार में क्या फैला?

प्रश्न 2.
पद्यांश में प्रयुक्त इन शब्दों से सहसंबंध दर्शाने वाले शब्द लिखिए:
(i) हिमालय – ……………………..
(ii) किरण – ……………………..
(iii) विमल – ……………………..
(iv) कोमल – ……………………..
उत्तर:
(i) हिमालय -आँगन
(ii) किरण – उपहार
(iii) विमल -वाणी
(iv) कोमल -कर

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प्रश्न 3.
विधानों के सामने सत्य/असत्य लिखिए:
(i) जब पूरा विश्व जगा तो भारतवासी भी जग गए।
(ii) वीणापाणि ने अपने हाथ में वीणा ली।
(iii) हिमालय के आँगन में किरणों का उपहास मिला।
(iv) सप्तसिंधु में सातों स्वर गूंजने लगे।
उत्तर:
(i) असत्य
(ii) सत्य
(iii) असत्य
(iv) सत्य।

प्रश्न 4.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:
(i) उषा – आलोक
(ii) हीरक – संगीत
(iii) विश्व – अभिनंदन
(iv) वीणा – हार
उत्तर:
(i) उषा – अभिनंदन।
(ii) हीरक – हार
(iii) विश्व – आलोक
(iv) वीणा -संगीत।

कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
पद्यांश में से ढूँढ़कर उपसर्गयुक्त शब्द लिखिए:
(i) ………………. (ii) ……………….
उत्तर:
(i) अभिनंदन
(ii) उपहार।

प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक-एक शब्द लिखिए:
(i) गले में पहनने की मूल्यवान माला
(ii) सितार जैसा वह वाद्य जो सब वाद्यों में श्रेष्ठ माना जाता है, ……………….
उत्तर:
(i) हार
(ii) वीणा।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के लिए पद्यांश में प्रयुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए:
(i) संपूर्ण
(ii) शोकरहित
(iii) संसार
(iv) आकाश।
उत्तर:
(i) संपूर्ण – अखिल
(ii) शोकरहित – अशोक
(iii) संसार – संसृति
(iv) आकाश – व्योम।

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कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
उपर्युक्त पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
भारत देश हिमालय के आँगन के समान है। प्रतिदिन उषा भारत को सूर्य की किरणों का उपहार देती है, मानो हँसकर भारत-भूमि का अभिनंदन कर रही हो। ओस की बूंदों पर जब प्रातःकालीन सूर्य की रश्मियाँ पड़ती हैं, तो ओस की बूंदें चमकने लगती हैं और ऐसा लगता है मानो, उषा ने भारत को हीरों का हार पहना दिया हो।

सबसे पहले ज्ञान का उदय भारत में ही हुआ। अर्थात सबसे पहले हम जाग्रत हुए। फिर हमने पूरे विश्व में ज्ञान का प्रसार किया। इसके कारण समग्र संसार आलोकित हो गया। अज्ञानरूपी अंधकार का विनाश हुआ और संपूर्ण सृष्टि के सभी दुख-शोक दूर हो गए।

पद्यांश क्र. 2

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 भारत महिमा 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 भारत महिमा 5

प्रश्न 2.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) भारत में केवल …………………………. की ही विजय नहीं रही। (चाँदी/लोहे/सोने)
(ii) यहाँ …………………………. भिक्षु की तरह रहते थे। (लोग/लड़के/सम्राट)
(iii) हमसे चीन को …………………………. की दृष्टि मिली। (धर्म/कर्म/धन)
(iv) हमारा देश सदा प्रकृति का …………………………. रहा। (खिलौना/आँगन /पालना)
उत्तर:
(i) भारत में केवल लोहे की ही विजय नहीं रही।
(ii) यहाँ सम्राट भिक्षु की तरह रहते थे।
(iii) हमसे चीन को धर्म की दृष्टि मिली।
(iv) हमारा देश सदा प्रकृति का पालना रहा।

प्रश्न 3.
उपर्युक्त पद्यांश पर आधारित ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) सम्राट
(ii) धर्म।
उत्तर:
(i) कौन भिक्षु होकर रहते?
(ii) चीन को कौन-सी दृष्टि मिली?

प्रश्न 4.
निम्नलिखित पंक्तियों का तात्पर्य लिखिए:
(ii) प्रकृति का रहा पालना यहीं।
उत्तर:
(ii) हमें प्रकृति ने प्रत्येक वस्तु मुक्तहस्त से प्रदान की। यहाँ की शस्य श्यामला भूमि, हिमाच्छादित गिरि शिखर, घाटियाँ, वादियाँ, सदानीरा नदियाँ, झरने, फल-फूल, संसाधनों से भरपूर जंगल सभी अनुपम हैं।

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प्रश्न 5.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) हमने गोरी को इसका दान दिया – [ ]
(ii) भारत की धरती पर इसकी धूम रही – [ ]
उत्तर:
(i) हमने गोरी को इसका दान दिया – [दया का]
(ii) भारत की धरती पर इसकी धूम रही – [धर्म की]

कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द-समूहों के लिए शब्द लिखिए:
(i) बहुमूल्य चमकीले प्रसिद्ध खनिज पदार्थ, जो आभूषणों आदि में जड़े जाते हैं –
(ii) छोटे बच्चों के लिए एक प्रकार का झूला या हिंडोला –
(iii) वह स्थान जहाँ किसी का जन्म हुआ हो –
(iv) बौद्ध संन्यासियों के लिए प्रयोग किया जाने वाला शब्द –
उत्तर:
(i) रत्न
(ii) पालना
(iii) जन्मस्थान
(iv) भिक्षु।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:
(i) विजय x ………………….
(ii) धर्म x ………………….
(iii) भूमि x ………………….
(iv) जन्म x ………………….
उत्तर:
(i) विजय x पराजय
(ii) धर्म x अधर्म
(iii) भूमि x आकाश
(iv) जन्म – मरण।

कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
उपर्युक्त पद्यांश की अपनी पसंदीदा किन्हीं दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
विजय केवल लोहे की नहीं, धर्म की रही धरा पर धूम भिक्षु होकर रहते सम्राट, दया दिखलाते घर-घर घूम। भारतीयों ने शस्त्रों के बल पर दूसरे देशों को नहीं जीता, बल्कि उन्होंने प्रेमभाव से लोगों के हृदय जीते हैं। भारत में प्राचीन काल से ही लोगों के मन में धर्म की भावना रही है। यहाँ वर्धमान महावीर और गौतम बुद्ध जैसे त्यागी धर्मपुरुष हुए हैं, जिन्होंने अपना विशाल साम्राज्य छोड़कर भिक्षु का स्वरूप धारण किया और घर-घर घूमकर लोगों का कष्ट दूर करने का प्रयास किया, धर्म का प्रचार किया।

पद्यांश क्र. 3

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का तात्पर्य लिखिए:
(i) किसी को देख न सके विपन्न।
उत्तर:
(i) भारतीय कभी किसी को दुखी नहीं देख सके। दीन-दुखियों की सेवा करने के लिए हम भारतीय सदैव तत्पर रहते हैं।

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) हम चरित्र के ऐसे थे – [ ]
(ii) हम दान के लिए यह करते थे – [ ]
(iii) हमारे लिए ये देवता के समान थे – [ ]
(iv) हमें अपने गौरव पर यह था – [ ]
उत्तर:
(i) हम चरित्र के ऐसे थे [पवित्र]
(ii) हम दान के लिए यह करते थे [संचय]
(iii) हमारे लिए ये देवता के समान थे [अतिथि]
(iv) हमें अपने गौरव पर यह था [गर्व]

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प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 भारत महिमा 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 भारत महिमा 11

प्रश्न 4.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 भारत महिमा 9
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 भारत महिमा 12

कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
पद्यांश से उपसर्ग वाले दो शब्द ढूँढकर लिखिए:
(i) ……………………. (ii) …………………….
उत्तर:
(i) अतिथि
(ii) अभिमान।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) पूत = …………………….
(ii) गर्व = …………………….
(iii) प्रतिज्ञा = …………………….
(iv) प्यारा = …………………….
उत्तर:
(i) पूत – पावन
(ii) गर्व = घमंड
(iii) प्रतिज्ञा = प्रण
(iv) प्रिय = प्यारा।

प्रश्न 3.
पद्यांश से शब्द ढूँढकर लिखिए:
(i) पवित्र शब्द के लिए प्रयुक्त शब्द – …………………….
(ii) गरीब शब्द के लिए प्रयुक्त शब्द – …………………….
उत्तर:
(i) पवित्र शब्द के लिए प्रयुक्त शब्द – पूत
(ii) गरीब शब्द के लिए प्रयुक्त शब्द – विपन्न।

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कृति 3: (सरल अर्थ)

पदय विश्लेषण
सूचना: यह प्रश्नप्रकार कृतिपत्रिका के प्रारूप से हटा दिया गया है। लेकिन यह प्रश्न पाठ्यपुस्तक में होने के कारण विद्यार्थियों के अधिक अभ्यास के लिए इसे उत्तर-सहित यहाँ समाविष्ट किया गया है।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न. सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:
अधोरेखांकित शब्दों का शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) राजा दशरथ वृद्ध दंपति के सामने बैठ गए।
(ii) सड़क कदाचित कच्ची थी।
उत्तर:
(i) दशरथ – व्यक्तिवाचक संज्ञा।
(ii) सड़क – जातिवाचक संज्ञा।

2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) बहुत
(ii) सामने
(iii) किंतु।
उत्तर:
(i) प्रयाग बहुत थक गया था।
(ii) स्कूल के सामने एक बगीचा है।
(iii) घर में दीपक तो था, किंतु उसमें तेल न था।

3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
उज्ज्व  ………………  ………………
अथवा
 प्रश्न + उत्तर  ……………… ………………

उत्तर:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
उज्ज्वल  उत् + ज्वल  व्यंजन संधि
अथवा
 प्रश्नोत्तर  प्रश्न + उत्तर स्वर संधि

4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका ‘मूल रूप लिखिए:
(i) इस पद ने मोहिनी मंत्र का जाल बिछा दिया।
(ii) बालक भूमि पर लेट गया।
उत्तर:

सहायक क्रिया  मूल रूप
(i) दिया  देना
(ii) गया। Maharashtra Board Solutions  जाना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) दौड़ना
(ii) बोलना
(iii) रोना।
उत्तर:

क्रिया  प्रथम प्रेरणार्थक रूप  द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) दौड़ना।  दौड़ाना  दौड़वाना
(ii) बोलना  बुलाना  बुलवाना
(iii) रोना  रुलाना  रुलवाना

6. मुहावरे:
(1) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) दृष्टि फेरना
(ii) राह देखना।
उत्तर:
(i) दृष्टि फेरना।
अर्थ: नजर डालना।
वाक्य: नेताजी ने श्रोताओं पर दृष्टि फेरी।

(ii) राह देखना।
अर्थ: प्रतीक्षा करना।
वाक्य: विद्यार्थी कई दिनों से छुट्टियों की राह देख रहे थे।

(2) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए गए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए: (सपने की संपत्ति होना, चल बसना, भनक पड़ना)
(i) हफ्ते भर की बीमारी में मरीज चला गया।
(ii) दारोगाजी ने उड़ती हुई खबर सुनी कि कल दंगा होने वाला है।
(ii) ऐसा भूकंप आया कि क्षण भर में सारी चहल-पहल विलुप्त हो गई।
उत्तर:
(i) हफ्ते भर की बीमारी में मरीज चल बसा।
(ii) दारोगाजी के कान में भनक पड़ी कि कल दंगा होने वाला है।
(iii) ऐसा भूकंप आया कि क्षण भर में सारी चहल-पहल सपने की संपत्ति हो गई।

7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए:
(i) नारी महान है।
(ii) वह किसी को किसी प्रकार की कमी नहीं होने देती।
(iii) प्रेरणा का सूक्ष्म प्रभाव होता है।
उत्तर:
(i) नारी – कर्ता कारक
(ii) किसी को – कर्म कारक
(iii) प्रेरणा का – संबंध कारक।

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8. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) क्या बताऊँ गाय ने दूध देना बंद कर दिया है बूढ़ी हो गई है इस जमाने में गाय भैंस पालने का खर्चा
(ii) हे मेरे मित्रो परिचितो आओ अपने सारे बदले लेने का यही वक्त है
उत्तर:
(i) “क्या बताऊँ। गाय ने दूध देना बंद कर दिया है, बूढ़ी हो गई है। इस जमाने में गाय-भैंस पालने का खर्चा …।”
(ii) “हे मेरे मित्रो, परिचितो! आओ, अपने सारे बदले लेने का यही वक्त है।”

9. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) मनु पीछे की ओर मुड़ता है। (सामान्य भूतकाल)
(ii) तुम्हारा मुख लाल होता है। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(iii) रोगी की अवस्था बदल जाती है। (पूर्ण भूतकाल)
उत्तर:
(i) मनु पीछे की ओर मुड़ा।
(ii) तुम्हारा मुख लाल हो रहा है।
(iii) रोगी की अवस्था बदल गई थी।

10. वाक्य भेद:
(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) भारतीय चरित्र के पवित्र होते हैं।
(ii) बादल आए किंतु पानी नहीं बरसा।
उत्तर:
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य।

(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए:
(i) तुम्हें अपना ख्याल रखना चाहिए। (आज्ञावाचक)
(ii) मास्टर जी ने पुस्तकें लाने के लिए पैसे दिए। (प्रश्नवाचक)
उत्तर:
(i) तुम अपना ख्याल रखो।
(ii) क्या मास्टर जी ने पुस्तकें लाने के लिए पैसे दिए?

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11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए:
(i) क्रोध से उसकी नेत्र लाल हो गए।
(ii) राम ने हिरण का शिकार की।
(iii) मैं मेरा काम करता है।
उत्तर:
(i) क्रोध से उसके नेत्र लाल हो गए।
(ii) राम ने हिरन का शिकार किया।
(iii) में अपना काम करता हूँ।

भारत महिमा Summary in Hindi

भारत महिमा कविता का सरल अर्थ

1. हिमालय के आँगन …………………………………… मधुर साम संगीत।. . .

हमारा यह प्यारा भारत देश हिमालय के आँगन के समान है। प्रतिदिन उषा भारत को सूर्य की किरणों का उपहार देती है। तब ऐसा लगता है मानो हँसकर वह भारत-भूमि का अभिनंदन कर रही हो। ओस की बूंदों पर जब प्रातःकालीन सूर्य की रश्मियाँ पड़ती हैं तो ऐसा लगता है जैसे उषा ने भारत को हीरों का हार पहना दिया हो।

सबसे पहले ज्ञान का उदय भारत में ही हुआ अर्थात सबसे पहले हम जाग्रत हुए। फिर हमने पूरे विश्व में ज्ञान का प्रसार किया। इसके कारण समग्र संसार आलोकित हो गया। अज्ञान रूपी अंधकार का विनाश हुआ और संपूर्ण सृष्टि के सभी दुख-शोक दूर हो गए।

वाणी की देवी वीणापाणि (सरस्वती) ने इसी पवित्र भूमि पर प्रेम के साथ अपने कमल के समान कोमल करों में वीणा उठाई, उसकी झंकार से सप्तसिंधुओं में सातों स्वरों का मोहक सरगम गूंजने लगा, मधुर संगीत का जन्म हुआ। इसी महान देश में संगीत के वेद सामवेद की रचना हुई।

2. विजय केवल …………………………………… आए थे नहीं।. . .

भारत के लोगों ने शस्त्रों के बल पर देशों को नहीं जीता। यहाँ प्राचीन काल से ही लोगों के मन में धर्म की प्रखर भावना रही है और उन्होंने संसार में धर्म का प्रचार किया। यहाँ गौतम बुद्ध और वर्धमान महावीर जैसे धर्मपुरुष हुए हैं, जिन्होंने विशाल साम्राज्य छोड़कर भिक्षु का स्वरूप धारण किया और घर-घर घूमकर लोगों का कष्ट दूर करने का प्रयास किया, धर्म का प्रचार किया। हमने मोहम्मद गोरी को पराजित करने के बाद भी दयापूर्वक क्षमा कर दिया। हमारे देश से ही चीन को धर्म की दृष्टि मिली। (भारत के महान सम्राट अशोक ने अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए चीन, स्वर्ण भूमि अर्थात जावा और श्रीलंका भेजा) जावा और श्रीलंका के लोगों को पंचशील (अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह, सत्य, ब्रह्मचर्य आदि) के सिद्धांत मिले।

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भारतवासियों ने कभी किसी की संपत्ति या किसी का राज्य छीनने का प्रयास नहीं किया। हमें प्रकृति ने प्रत्येक वस्तु मुक्तहस्त से प्रदान की। प्रकृति की हमारे देश पर महान कृपा रही है। (यहाँ की शस्य श्यामला भूमि, हिमाच्छादित गिरि शिखर, घाटियाँ, वादियाँ, सदानीरा नदियाँ, झरने, फल-फूल, संसाधनों से भरपूर जंगल सभी अनुपम हैं) भारत सदा से हमारी जन्मभूमि है। हम इसी देश की संतानें हैं। हम बाहर के किसी स्थान से आकर यहाँ नहीं बसे हैं। (जैसा कि कुछ विदेशियों का कहना है।)

3. चरित थे पूत …………………………………… प्यारा भारतवर्ष।. . .

भारत के लोग सदा से चरित्रवान रहे हैं। हमारी भुजाओं में भरपूर शक्ति रही है। भारतीयों में वीरता की कभी कमी नहीं रही। साथ ही नम्रता सदा हमारा गुण रहा है। हमने कभी अपनी उपलब्धियों पर घमंड नहीं किया। हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति पर गर्व रहा है। हम कभी किसी को दुखी नहीं देख सके। दीन-दुखियों की सेवा करने के लिए हम भारतीय सदैव तत्पर रहते हैं। ‘हम यदि धन और संपत्ति का संग्रह करते भी थे, तो दान के लिए करते थे। दानवीरता भारतीयों का गुण रहा है। हमारे देश में अतिथियों को सदा देवता के समान माना जाता था। भारत के लोग सत्य बोलना अपना धर्म मानते थे। (भारतीय सत्यवादी हरिश्चंद्र की संतानें हैं।) हमारे हृदय में तेज था, गौरव था। हम सदा अपनी प्रतिज्ञा पर अटल रहते थे। प्राण जाए, पर वचन न जाए हमारा जीवनमूल्य रहा है।

आज भी हम भारतीयों की धमनियों में उन्हीं पूर्वजों का रक्त प्रवाहित हो रहा है। आज भी हमारा देश वैसा ही है। आज भी भारतीयों में वैसा ही साहस है। भारतीय आज भी ज्ञान के क्षेत्र में सबसे आगे हैं। आज भी हम पहले के समान शांति के पुजारी हैं। देशवासियों में वैसी ही शक्ति है। हम उन्हीं आर्यों की दिव्य संतानें हैं।

हम जब तक जिएँ, इसी देश के लिए जिएँ। हमें इसकी सभ्यता और संस्कृति पर अभिमान है और हर्ष है कि हमने इस भूमि पर जन्म लिया है। यह हमारा प्यारा भारतवर्ष है। यदि कभी आवश्यकता पड़े, तो इसके लिए अपना सर्वस्व भी न्योछावर कर दें।

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भारत महिमा विषय-प्रवेश :

प्रकृति ने हमारे देश भारत की रचना बड़े प्यार से की है। हमारा देश हिमालय की गोद में बसा हुआ है। हमारा देश सबसे पहले जाग्रत हुआ था और इसकी संस्कृति सबसे पुरानी है। प्रस्तुत कविता में छायावाद के प्रवर्तक जयशंकर प्रसाद जी ने हमारे प्यारे देश भारत के इसी महिमामंडित अतीत का मनोरम चित्रण किया है। कवि की आकांक्षा है कि हमें सदैव अपने देश पर, इसकी सभ्यता और संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर, हमें देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने के लिए तत्पर रहना चाहिए।

भारत महिमा मुहावरा –

  • अर्थ निछावर करना – अर्पण करना, समर्पित करना।