Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 1 हे मातृभूमि! Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.
Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 1 हे मातृभूमि!
Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 1 हे मातृभूमि! Textbook Questions and Answers
कृति पूर्ण कीजिए।
Answer:
(i) श्री राम व कृष्ण जैसे सपूतों को जन्म देने वाली जननी
(ii) मातृभूमि पर पाई जाने वाली धूल पवित्र है।
एक शब्द में उत्तर लिखिए।
Question 1.
कवि की जिहवा पर इसके गीत हो
Answer:
मातृभूमि के
Question 2.
मातृभूमि के सपूत
Answer:
श्री राम व श्री कृष्ण
Question 3.
मातृभूमि के चरणों में इसे नवाना है
Answer:
कवि के शीश को
कृति ख (१) आकलन कृति
एक शब्द में उत्तर लिखिए।
Question 1.
मातृभूमि के चरण धोने वाला
Answer:
समुद्र
Question 2.
प्रतिदिन सुनने/सुनाने योग्य नाम
Answer:
मातृभूमि भारतमाता’
Question 3.
कवि इसका त्याग करना चाहता है
Answer:
भेदभाव
Question 4.
इस नाम से कवि ने मातृभूमि को पुकारा है
Answer:
माई
कविता की पंक्तियाँ पूर्ण कीजिए
Answer:
सेवा में तेरी माता! मै भेदभाव तजकर
वह पुण्य नाम तेरा, प्रतिदिन सुनें-सुनाऊँ।।
तेरे ही काम आऊँ, तेरा ही मंत्र गाऊँ।
मन और देह तुम पर बलिदान में जाऊँ।।
कृति पूर्ण कीजिए।
Answer:
उपयोजित लेखन
निम्नलिखित शब्दों के आधार पर कहानी लेखन कीजिए तथा उचित शीर्षक देकर मिलने वाली सीख भी लिखिए।
(ग्रंथालय, स्वप्न, पहेली, काँच)
Answer:
विजू नाम का गरीब लड़का था। वह अनाथ था। वह पढ़ना चाहता था पर पैसे न होने के कारण वह पढ़ नहीं सकता था। वह काँच की दुकान में सफाई का काम करता था। काँच की उस दुकान में काँच से बनी हुई रंग-बिरंगी वस्तुएँ थीं। एक दिन सफाई करते समय एक काँच का गिलास उसके हाथ से नीचे गिर गया। इस कारण दुकान का मालिक उस पर गुस्सा हो गया और उसने उसे नौकरी से निकाल दिया। विजू रोता-रोता घर चला आया। बिना कुछ खाए वह सो गया। नींद में उसने एक परी को देखा। परी ने उससे कहा कि यदि वह उसकी पहेली का जवाब देगा, तो वह टूटे हुए काँच के गिलास को फिर से जोड़ देगी। खुशी के मारे वह सपने में उछलने लगा। उसी वक्त उसकी आँखें खुली और तब उसे पता चला कि वह सपना देख रहा था। विजू बहुत ही निराश हो गया।
दूसरे दिन घूमते-घूमते वह एक ग्रंथालय में गया। उसने ग्रंथालय में बैठकर किताबें पढ़नी चाही, लेकिन ग्रंथपाल ने उसे मना कर दिया। उसी वक्त वहाँ पर एक सज्जन व्यक्ति आए। उन्होंने जब यह जाना कि वह गरीब बच्चा किताबें पढ़ना चाहता है; लेकिन रूपए न होने के कारण वह पढ़ नहीं सकता। तब उन्होंने स्वयं ठान लिया कि उस गरीब बच्चे की पढ़ाई का सारा खर्च वे स्वयं करेंगे। सचमुच, विजू की तकदीर बदल गई। आगे चलकर वह पढ-लिखकर डॉक्टर बन गया। सीख: कठिन परिश्रम का फल सदैव हितकारी होता है। मेहनत के बल पर हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
कल्पना पल्लवन
‘मातृभूमि की सेवा में जीवन अर्पण करना प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
जन्म स्थान या अपने देश को मातृभूमि’ कहा जाता है। मातृभूमि स्वर्ग से भी महान है। वह जन्मदात्री है। मातृभूमि मनुष्य के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करती है। मतृभूमि के कारण मनुष्य पहचाना जाता है। वह माता स्वरूप होती है। मातृभूमि से प्राप्त अन्न खाकर हमारा विकास हुआ है। उसी की गोद में खेलकर हम बड़े हुए हैं। वह हमारे लिए वंदनीय है। इसलिए उसकी सेवा में अपना जीवन अर्पण करना हमारा कर्तव्य होता है।
स्वयं अध्ययन
‘विकास की ओर बढ़ता हुआ भारत देश’ से संबंधित महत्त्वपूर्ण कार्यों की सूची बनाइए।
Answer:
महत्त्वपूर्ण कार्य:
- ग्रामीण विकास : गाँवों में बिजली तथा सड़कों का निर्माण
- शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति : अनिवार्य शिक्षा
- विज्ञान व तकनीकी में विकास
- अर्थव्यवस्था में सुधार
- रोजगार में वृद्धि
भाषा बिंद
निम्न विरामचिह्नों के नाम लिखकर उनका वाक्य में प्रयोग करो:
Answer:
Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 1 हे मातृभूमि! Additional Important Questions and Answers
कृति क (१) आकलन कृति
पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
Question 1.
इस अर्थ में आए शब्द लिखिए ।
Answer:
कृति क (१) आकलन कृति
निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर तात्पर्य लिखिए।
Question 1.
उस धूल को मैं तेरी निज शीश पे चढ़ाऊँ।।
Answer:
मातृभूमि की धूल पवित्र व महान है। उस धूल में श्री राम व कृष्ण जैसे सपूतों ने जन्म लिया है। इसलिए कवि उनकी चरण-धूलि को अपनाकर उस धूल को श्रद्धा से अपने सिर पर लगाना चाहता है।
Question 2.
पद्यांश के आधार पर जोड़ियाँ लगाइए। ‘अ’
Answer:
कृति क (१) आकलन कृति
निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ लिखिए।
Question 1.
हे मातृभूमि! ………………..शरण में लाऊँ।।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ लिखित ‘हे मातृभूमि!’ इस कविता से ली गई हैं। कवि रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ जी के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार भक्तिभाव है। इसी भाव से प्रेरित होकर वे कहते हैं, “हे मातृभूमि!, मैं अपना सिर तेरे चरणों पर झुकाता हूँ। मैं भक्तिरूपी भेंट लेकर तुम्हारी शरण में आया हूँ।”
Question 2.
माथे पे तू ……………………. नाम गाऊँ।।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ लिखित ‘हे मातृभूमि!’ कविता से ली गई है। कवि ‘बिस्मिल’ जी कहते हैं, “हे मातृभूमि!, तू ही मेरे माथे पर चंदन के रूप में शोभायमान है। मेरे छाती पर तू ही माला बनकर निवास कर रही है और तू ही मेरी वाणी पर गीत बनकर जयगान कर रही है। मैं सदा तुम्हारा ही नाम गाना चाहता हूँ।”
Question 3.
जिससे सपूत उपजें ……………………. शीश पे चढ़ाऊँ।।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ लिखित ‘हे मातृभूमि!’ कविता से ली गई है। कवि बिस्मिल जी कहते हैं, “हे मातृभूमि!, तुम्हारी गोद में श्री राम-कृष्ण जैसे सपूतों ने जन्म लिया था। वे तुम्हारी मिट्टी में खेले थे। उस मिट्टी को मैं अपने माथे पर लगाना चाहता हूँ।”
निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्य लिखिए।
Question 1.
कवि निष्ठा से मातृभूमि की सेवा करना चाहता है।
Answer:
सत्य
Question 2.
मातृभूमि समुद्र के चरणों की धोती है।
Answer:
असत्य